2020-21 में 46 लाख से अधिक लोगों ने लिया आयुष से लाभ राज्य में इग्न्यू द्वारा 25 लर्नर सपोर्ट सेंटर्स किए गए हैं स्थापित
पटना, 11 अगस्त। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बुधवार को यहां बताया कि स्वास्थ्य विभाग राज्यवासियों को बेहतर और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने को लेकर हर दिशा में काम कर रहा है। यही कारण है कि अब राज्य में एलोपैथिक चिकित्सा के साथ-साथ आयुष चिकित्सा को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। आयुष चिकित्सा पर लोगों को इतना भरोसा है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 46 लाख 2 हजार 514 मरीजों ने आयुष चिकित्सा पद्धति से अपना इलाज कराया है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उनके घर के समीप चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर पर आयुर्वेदिक चिकित्सकों एवं जीएनएम की भी तैनाती की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
श्री पांडेय बताया कि राज्य में कुल 25 लर्नर सपोर्ट सेंटर्स इग्न्यू द्वरा स्थापित हैं। इन केन्द्रों पर ही आयुर्वेदिक चिकित्सकों एवं एवं जीएनएम और बीएससी नर्सेज का प्रशिक्षण कराया जाता है। अब तक 1069 प्रशिक्षित आयुर्वेदिक चिकित्सकों एवं जीएनएम और बीएससी नर्सेज को कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के रूप में नियोजित कर इनसे कार्य लिया जा रहा है. प्रतिवर्ष जनवरी एवं जुलाई सत्रों में 6 माह का कोर्स कराया जाता है। इग्न्यू (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय) के जनवरी 2021 के सत्र में कुल 554 चयनित अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण कराया जा रहा है, वहीं अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आयुर्वेदिक, होमियो एवं यूनानी चिकित्सकों का चयन कर उन्हें नियोजित किया जा रहा है।
श्री पांडेय ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग न सिर्फ लोगों को बेहतर सेवा देने के लिए आवश्यक संसाधन जुटा रहा है, बल्कि अस्पतालों और मेडिकल काॅलेजों में चिकित्सकों के अलावे मानव बल की बढ़ोतरी भी कर रहा है। कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अलावे जीएनएम और बीएससी नर्सेज को 6 माह का सर्टिफिकेट इन कम्युनिटी हेल्थ का कोर्स कराया जा रहा है। कोर्स पूरा करने के बाद इन्हें हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के पद पर पदस्थापित किया जा रहा है। अभी तक राज्य में 704 आयुर्वेदिक, 428 होमियो एवं 252 यूनानी चिकित्सकों का चयन कर उन्हें नियोजित किया गया है। इस तरह कुल 1384 आयुष चिकित्सकों को नियोजित किया गया है।
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