ग्लोबल इन्वेस्टर समिट सफल बनाने के लिए पहले अपराध और भ्रष्टाचार पर लगाना होगा लगाम,
18 वर्षों के नीतीश शासन काल में नहीं मिला बड़े कंपनी को उद्योग हेतु जमीन।
आद्योगिक विकास प्रोत्साहन नीति में बार-बार बदलाव के बावजूद नहीं बना लैंड बैंक,विना जमीन के कई बड़े उद्योग नहीं आ सके बिहार,
उद्योग को राज्य में लाने के नाम पर महकमा कर रहा है सरकारी खर्चे पर देश के अंदर और बाहर की यात्रा,अबतक के खर्चे पर श्वेत पत्र जारी करे सरकार,
सरकार कोई भी हो, ओद्योगिक निवेश की नीति में रहे एकरूपता।
पटना,13 दिसंबर 2023
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने बयान जारी कर कहा है कि उद्योग विभाग द्वारा आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में देश के बड़े-बड़े औधोगिक घरानों और अंतराष्ट्रीय स्तर पर कारबार में लगे भारत के आई.टी इंडस्ट्री के लोगों की अनुपस्थिति से यह स्पष्ट हो गया है कि जबतक बिहार को अपराध और भ्रष्टाचार मुक्त नहीं बनाया जायेगा, राज्य में निवेशक नहीं आयेंगे।
श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य में औद्योगिक प्रोत्साहन नीति की शुरुआत और अनेक बदलाव के बाद ही लैंड बैंक की स्थापना नहीं हो पायी है। राज्य के लोग जानते हैं कि राज्य के मुखिया ने राज्य में उद्योग धंधा को प्राथिमकता सूची में नहीं रखा है। सार्वजनिक मंच पर भी उन्होंने राज्य को उद्योग के परिस्थितियों के अनुरूप नहीं माना है। 18 वर्षों के इनके शासन काल में किसी बड़े औद्यौगिक घरानों अथवा कंपनी को जमीन नहीं दी गयी। जब टाटा बंगाल से नैनो फैक्ट्री हटा रहा था, बिहार को मौका था। वहीँ गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री, अभी प्रधानमंत्री ने 1 रूपया के मुल्य पर टाटा को जमीन उपलब्ध कराने का हुक्म दिया। फलस्वरूप आज उस कंपनी से हज़ारों करोड़ का राजस्व गुजरात को मिल रहा है।
श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य में एन.डी.ए शासन काल में जो निवेशक आये थे कमोवेश वही अभी राज्य में बने हुये हैं। उसमें भी महागठबंधन सरकार बनने के बाद कई पलायन कर गये। अब सरकार के कुछ चहेते निवेशक उद्योग के नाम राज्य को सब्सिडी के माध्यम से दोहन कर रहे हैं।
श्री सिन्हा ने कहा कि उद्योग महकमा के लिये निर्धारित प्रत्येक साल निवेशक सम्मलेन पिकनिक का जरिया बन गया है। मंत्री और अधिकारी गण देश के अंदर और बाहर सरकारी खर्चे पर घूम रहे हैं।अबतक के खर्चे पर सरकार को श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।
श्री सिन्हा ने कहा कि सरकार कोई भी हो ओद्योगिक नीतियों में एकरूपता औऱ निरन्तरता रहनी चाहिए ताकि निवेश प्रभाबित न हो।निवेशक की सुरक्षा पहली प्राथमिकता हो।
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