कई देशों पर मंडराया ब्लैकआउट का खतरा, भारत के पास बाकी बचा है सिर्फ 5 दिन का कोयला.

80 0

भारत के बिजली मंत्रालय ने भी साफ कर दिया है कि ये संकट अगले 5 से 6 महीनों तक बना रह सकता है. इसलिए लोगों को तैयार रहना चाहिए. अब क्योंकि भारत में 70 प्रतिशत बिजली का उत्पादन आज भी कोयले से होता है और कोयले की डिमांड ज्यादा और सप्लाई कम है.

 क्या आपको भी लगता है कि पिछले कुछ दिनों से आपके घर की बिजली बार बार जा रही है? अगर आपका जवाब हां है तो ये सिर्फ आपके साथ नहीं हो रहा, बल्कि भारत के 135 करोड़ लोग आने वाले कुछ दिनों में अंधेरे में रहने पर मजबूर हो सकते हैं. क्योंकि भारत के पास सिर्फ 2 से 5 दिनों तक का कोयला बचा है. भारत में आज भी 70 प्रतिशत बिजली का उत्पादन कोयले से होता है. लेकिन कोयले की डिमांड ज्यादा है और इसकी सप्लाई कम है. इसलिए हो सकता है कि आपको आने वाले कई दिन बिना बिजली के बिताने पड़ें.

दुनियाभर में ब्लैक आउट हुआ तो क्या?

इस हफ्ते की शुरुआत फेसबुक और वॉट्सऐप के ब्लैक आउट के साथ हुई थी. करीब 6 घंटे तक दुनिया के 300 करोड़ लोग इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर पाए थे. लेकिन सोचिए अगर आने वाले दिनों में पूरी दुनिया पावर ब्लैकआउट में चली गई यानी पूरी दुनिया में बिजली उत्पादन ठप हो गया…तो क्या होगा? बिजली के इस संकट की शुरुआत चीन से हुई थी. फिर यूरोप और दक्षिण अमेरिका के कई देश इसका शिकार हुए और अब इस संकट ने भारत को भी अपना शिकार बना लिया है. भारत के कई बड़े पावर प्लांट में कोयले की भारी कमी हो गई है. इन पावर प्लांट्स में ही बिजली का उत्पादन होता है और फिर यहां से बिजली की सप्लाई आपके और हमारे घरों, दफ्तरों और फैक्ट्रियों तक होती है . 

अगले 5-6 महीने बना रह सकता है संकट-

भारत में 135 पावर प्लांट्स ऐसे हैं, जो कोयले से चलते हैं. इनमें से 107 पावर प्लांट ऐसे हैं, जिनके पास अगले 5 दिनों का या उससे भी कम कोयला बचा है. 28 पावर प्लांट्स ऐसे हैं, जिनका कोयला अगले दो दिनों में ही खत्म हो सकता है. शायद यही वजह है कि आपके घर और दफ्तर की बिजली बार बार कट रही है. फिलहाल सबसे खराब स्थिति उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की है. भारत के बिजली मंत्रालय ने भी साफ कर दिया है कि ये संकट अगले 5 से 6 महीनों तक बना रह सकता है. इसलिए लोगों को तैयार रहना चाहिए. अब क्योंकि भारत में 70 प्रतिशत बिजली का उत्पादन आज भी कोयले से होता है और कोयले की डिमांड ज्यादा और सप्लाई कम है.

 महीने में 17% बढ़ी बिजली की खपत-

भारत की अर्थव्यवस्था Covid से हुए नुकसान से तेजी से उभर रही है और मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर्स में पहले के मुकाबले ज्यादा बिजली इस्तेमाल हो रही है. यहां तक कि बिजली की मांग कोविड के पहले वाले दौर से भी ज्यादा हो गई है. अगस्त 2019 में भारत में बिजली की खपत 10 लाख 600 करोड़ यूनिट्स थी, जो इस साल अगस्त में बढ़कर 12 लाख 400 करोड़ यूनिट्स हो गई है. यानी सिर्फ पिछले दो महीनों में ही भारत में बिजली की खपत 17 प्रतिशत तक बढ़ गई है. इससे साफ है कि भारत को पहले के मुकाबले और भी ज्यादा बिजली चाहिए और इसके लिए पहले से ज्यादा कोयला है. लेकिन इस समय इतना कोयला मिलना आसान नहीं है, क्योंकि भारत की तरह पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है और फैक्ट्रियों में पहले के मुकाबले ज्यादा प्रोडक्शन होने लगा है. इस वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमत 40 प्रतिशत तक बढ़ गई है. इसलिए कोयले के आयात बहुत महंगा पड़ रहा है.

भारत में कम हो रहा कोयले का उत्पादन-

भारत में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कोयला भंडार है. लेकिन भारत में भी कोयले का उत्पादन पहले के मुकाबले कम हो रहा है. पिछले महीने हुई भारी बारिश की वजह से खदानों में ठीक से काम नहीं हो पाया और भारत का घरेलू कोयला उत्पादन भी घट गया. वहीं पावर प्लांट कोयला जमा नहीं कर पाए. आमतौर पर पावर प्लांट अपने पास कम से कम 2 हफ्ते तक का कोयला सुरक्षित रखते हैं. लेकिन अब ज्यादातर प्लांट्स के पास एक हफ्ते का भी कोयला नहीं बचा है.

कोयले की कमी से बिगड़ेगी अर्थव्यवस्था-

भारत को इसका हल ढूंढना होगा क्योंकि इससे सिर्फ भारत के करोड़ों घर ही अंधेरे में नहीं डूब जाएंगे, बल्कि इसका असर दफ्तरों और फैक्ट्रियों पर भी पड़ेगा और हो सकता है कि दफ्तरों और फैक्ट्रियों को कुछ समय के लिए बंद भी करना पड़े. अगर ऐसा हुआ तो भारत की अर्थव्यवस्था की जो हालत कोविड ने की थी. वही कोयले की कमी से हो जाएगी. हालांकि भारत के पक्ष में सिर्फ एक बात है और वो ये कि भारत में सर्दियां आने वाली है और आम तौर पर सर्दियों में भारत में बिजली की खपत कुछ हद तक कम हो जाती है. लेकिन फिर भी डिमांड और सप्लाई का अंतर शायद इतनी जल्दी कम नहीं होगा.

दुनिया पर मंडरा रहा ब्लैकआउट का खतरा-

लेकिन संकट में सिर्फ भारत ही नहीं है. बल्कि पूरी दुनिया अलग-अलग चुनौतियों का सामना कर रही है. ब्रिटेन में सैनिक ऑयल टैंकर्य (Oil Tankers) को पेट्रोल पंप तक पहुंचा रहे हैं. क्योंकि वहां इन टेंकर्स को चलाने वाले ड्राइवर्स की भारी कमी है. बाकी के यूरोप में महंगाई पिछले 13 वर्षों के मुकाबले सबसे उच्चतम स्तर पर है. चीन में भी कोयले की कमी की वजह से कई फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं और दक्षिण अमेरिका में बिजली का अभूतपूर्व संकट पैदा हो गया है. आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या हो गया कि सभी देश बिजली संकट से जूझ रहे हैं?

अचानक कैसे कम हुआ कोयले का प्रोडक्शन?

इसके लिए कोरोना के बाद तेजी से सुधरती अर्थव्यवस्था सबसे ज्यादा जिम्मेदार है. 2020 में पूरी दुनिया में फैक्ट्रियां, ट्रांसपोर्ट, दफ्तर सब बंद थे. इसलिए ऊर्जा की डिमांड घट गई थी और ज्यादातर देशों ने कोयले और तेल का उत्पादन कम कर दिया था. लेकिन फिर वैक्सीन्स उपलब्ध हो जाने के बाद आर्थिक गतिविधिया फिर से शुरू हो गईं, और उर्जा की डिमांड तेजी से बढ़ने लगी, लेकिन इसकी सप्लाई नहीं बढ़ी. इसकी दूसरी वजह ये है कि दुनिया के कई देश अब कार्बन एमिशन को कम करने की कोशिश कर रहे हैं और ग्रीन एनर्जी की तरफ जा रहे हैं. लेकिन इसके लिए सही रोड मैप नहीं बनाया गया और जल्दबाजी की वजह से पूरी दुनिया में ये ऊर्जा संकट पैदा हो गया. चीन इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. चीन अपने देश में कार्बन एमिशन में कटौती के लक्ष्य को जल्द से जल्द हासिल करना चाहता है. इसलिए उसने कोयले के इस्तेमाल पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं और आज चीन के करोड़ों घर अंधेरे में डूबे हैं. 

Related Post

भाजपा किसान मोर्चा बिहार प्रदेश के कार्यकर्ताओं ने मनाई खुशी।

Posted by - मार्च 11, 2024 0
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 की अधिसूचना केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी होते ही देश में CAA कानून लागू हो गया।…

राजू तिवारी के उपस्थिति में हाजीपुर के जिला कार्यालय में जिला के सक्रिय कार्यकर्ताओं के साथ बैठक हुई।

Posted by - जनवरी 12, 2024 0
लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी के उपस्थिति में हाजीपुर के जिला कार्यालय सुल्तानपुर में सभी प्रकोष्ठों  के…

नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने मणिपुर में जद यू के पांच विधायकों के भाजपा में शामिल होने पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के जवाब पर किया पलटवार 

Posted by - सितम्बर 3, 2022 0
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने मणिपुर में जद यू के पांच विधायकों के भाजपा में…

CM के BJP नेताओं से दोस्ती वाले बयान पर बोले अशोक चौधरी,नीतीश के बयान को तोड़-मरोड़ कर किया जा रहा पेश

Posted by - अक्टूबर 21, 2023 0
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का भाजपा (BJP) नेताओं से यह कहना कि वह जब तक जिंदा हैं,…
Translate »
Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
LinkedIn
Share
WhatsApp