- बिहार में शराबबंदी की कमान फिर से संभालेंगे ‘कड़क IAS केके’
- जहरीली शराबकांडों के बाद नीतीश का सबसे बड़ा फैसला
- शराबबंदी कानून लागू कराने में इस कड़क अफसर की थी बड़ी भूमिका
- शराबबंदी कानून का मसौदा तैयार करने वाले आईएएस की बिहार में वापसी
पटना
‘के के’… बिहार का वो कड़क आईएएस ऑफिसर जिसके नाम से अच्छे-अच्छे माफियाओं के छक्के छूट जाते हैं। कुछ लोग इस आईएएस को हद से ज्यादा जिद्दी को कुछ सबसे बड़ा जुनूनी ऑफिसर तक कहते हैं… कभी ये ठेकेदार पर रिवॉल्वर तानने के लिए सुर्खियों में आते हैं तो कभी एक साथ एक बैंक के सात ब्रांच मैनेजरों पर FIR का आदेश देने के लिए… अब एक बार फिर से नीतीश ने इसी ‘कड़क केके’ को शराबबंदी की कमान दे दी है।
केके पाठक की बिहार में वापसी
ये नाम है के के पाठक… 1990 बैच के आईएएस ऑफिसर। इनके बारे में हम पूरी कहानी बताएं उससे पहले आप ये खबर जान लीजिए कि बिहार में शराबबंदी को बनाए रखने की कमान एक बार फिर से इसी ऑफिसर को दी गई है। नीतीश सरकार ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। पहले पढ़िए बिहार सरकार का ये आदेश
बिहार में शराबबंदी को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर ज़ीरो से शुरुआत की है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि 2016 में जब शराबबंदी कानून लागू
पटना
बिहार में शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी केके पाठक पर भरोसा जताया है। नीतीश सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी केके पाठक को निबंधन उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग का अपर मुख्य सचिव नियुक्त किया है। बिहार में जब शराबबंदी कानून लागू हुआ था उस समय भी केके पाठक को सीएम नीतीश ने शराबबंदी को सफल बनाने का जिम्मा दिया था।
राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस आने के बाद केके पाठक को अब अपर मुख्य सचिव निबंधन उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग, पटना के पद पर तैनाती दी गई है। अब तक इस विभाग का प्रभार चैतन्य प्रसाद संभाल रहे थे। उनके पास अतिरिक्त प्रभार था, जिससे सरकार ने उन्हें मुक्त कर दिया है।
हाल ही की टिप्पणियाँ