नयी दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण की तीसरी लहर ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों को चिट्ठी लिखकर कुछ सलाह दी है. साथ ही सतर्कता बरतने के लिए भी कहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को जो चिट्ठी लिखी है, उसमें कहा गया है कि कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. स्थिति ऐसी हो गयी है कि 5 से 10 फीसदी संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है.
श्री भूषण ने कहा है कि यह स्थिति चिंता पैदा करने वाली है. आने वाले दिनों में स्थिति और भयावह हो सकती है. इसलिए अभी से सतर्क रहने की जरूरत है. सभी राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी जाती है कि वे अपने यहां कोविड19 की स्थिति पर नजर रखें. साथ ही कुछ विशेष कदम उठायें, ताकि मरीजों को अस्पताल में बेड मिल जाये और उनका इलाज भी हो पाये.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वे अपने यहां स्वास्थ्य केंद्रों में तमाम इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लें और पर्याप्त संख्या में स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती करें, क्योंकि वैरिएंट ऑफ कन्सर्न ‘ओमिक्रॉन’ और ‘डेल्टा’ दोनों तेजी से फैल रहे हैं. इससे पहले कि गंभीर स्थिति उत्पन्न हो जाये, सारी तैयारियां पहले से कर लेना उचित रहेगा.
कोरोना की तीसरी लहर में बड़ी संख्या में डॉक्टर और पारा मेडिकल स्टाफ संक्रमित हुए हैं. इसलिए अगर डॉक्टरों एवं नर्सों की कमी हो, तो एमबीबीएस के उन स्टूडेंट्स की भी मदद लें, जो तीसरे और चौथे वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं. एमएससी नर्सिंग के स्टूडेंट्स का भी इस महामारी के दौरान इस्तेमाल किया जा सकता है. साथ ही सभी प्रदेशों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी गयी है कि वे हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों की संख्या ऑक्सीजन की जरूरत वाले मरीजों, आईसीयू और वेंटिलेटर की जरूरत वाले मरीजों पर विशेष नजर रखें.
केंद्र ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को दी ये सलाह
- अलग-अलग श्रेणी के मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कराने की स्थिति आयेगी. इसलिए सुनिश्चित करें कि कोरोना से संक्रमित मरीजों को उचित इलाज मिले और उसके बदले अनाप-शनाप चार्ज न वसूला जाये.
- जहां भी जरूरत हो, कोविड केयर सेंटर को अपग्रेड करें और ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की व्यवस्था करें.
- टेली कंसल्टेशन के लिए रिटायर्ड डॉक्टरों के साथ-साथ एमबीबीएस स्टूडेंट्स की भी मदद लें.
- कम्युनिटी वॉलेंटियर्स को कोविड केयर सेंटर में जरूरी ट्रेनिंग दें, ताकि कोरोना से संक्रमित लोगों की देखरेख में उनका इस्तेमाल हो सके.
- गंभीर रूप से बीमार कोरोना संक्रमित लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए पर्याप्त संख्या में एंबुलेंस और प्राइवेट वाहनों की व्यवस्था सुनिश्चित करें.
- जिला मुख्यालयों में स्थित सभी जिला अस्पतालों का इस्तेमाल ई-संजीवनी टेली कंसल्टेशन हब के रूप में करें. इसके जरिये सीएचसी और पीएचसी में मरीजों को ई-ओपीडी की सुविधा दी जाये.
- हेल्थकेयर वर्कर्स के स्किल डेवलपमेंट के लिए एम्स दिल्ली ने कई पहल की है. उसकी मदद से स्वास्थ्यकर्मियों को अपग्रेड करें.
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