शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की कार्यशैली पर अब सरकार के लोग ही सवाल उठा रहे हैं। मंत्री रत्नेश सदा और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बाद राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने भी केके पाठक यानी केशव कुमार पाठक पर सवाल खड़ा किया है।
पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की कार्यशैली पर अब सरकार के लोग ही सवाल उठा रहे हैं। मंत्री रत्नेश सदा और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बाद राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने भी केके पाठक यानी केशव कुमार पाठक पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि केके पाठक अपनी मनमर्ज़ी का काम करते हैं।
आरजेडी ने केके पाठक को दी कड़ी चेतावनी
दरअसल, शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव का कार्यभार संभालने के बाद से केके पाठक लगातार एक्शन में है। जिम्मेदारी संभालते ही उन्होंने विभाग तथा जिला शिक्षा कार्यालयों पर नकेल कसने की कोशिश की। मगर अपर मुख्य सचिव की ये कार्रवाई शिक्षा मंत्री को बेहद नागवार गुजरी है। केके पाठक के विभागीय पत्रों के बदले शिक्षा मंत्री ने अपर मुख्य सचिव के नाम एक ‘पीत पत्र’ जारी किया है। शिक्षा मंत्री और अपर मुख्य सचिव के बीच उपजे विवाद को लेकर एक बार फिर से बिहार में सियासत तेज हो गई है। शिक्षा मंत्री के समर्थन में उतरी आरजेडी ने केके पाठक को कड़ी चेतावनी दे दी है।
“केके पाठक को कान पकड़ कर निकालना चाहिए बाहर”
राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि केके पाठक लगातार शिक्षा मंत्री और सरकार का फजीहत करते है। सीएम नीतीश कुमार को खुद संज्ञान लेकर केके पाठक को कान पकड़ कर बाहर निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि केके पाठक अपनी मनमर्ज़ी का काम करते हैं। उनको क्या चाहिए हमको पता है, इसका बाद में खुलासा होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी विभाग के मंत्री को जब यह लगता है कि सरकार के अधिकारी जनता के हित में काम नहीं कर रहे है तब मंत्री का फर्ज होता है कि वह पीत पत्र लिखे।
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