‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री, 125 फरियादियों की सुनी फरियाद, अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश

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पटना, 21 फरवरी 2022 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज 4, देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए। ‘जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 125 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।

आज जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, जल संसाधन विभाग, उद्योग विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, परिवहन विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, योजना एवं विकास विभाग, पर्यटन विभाग, भवन निर्माण विभाग, वाणिज्य कर विभाग, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, गन्ना (उद्योग) विभाग तथा विधि विभाग से संबंधित मामलों पर सुनवाई हुयी।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में बाराचट्टी गया से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुये कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल पाया है। लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम का फैसला भी हमारे पक्ष में आया फिर भी अधिकारी नहीं सुन रहे हैं। हमारी जगह किसी दूसरे को इसका लाभ दे दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। सहरसा से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से कहा कि नल-जल योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। वहीं सहरसा के ही एक अन्य व्यक्ति ने गली नाली योजना के कार्य में अनियमितता के संबंध में शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

वैशाली से आये एक व्यक्ति ने अपनी गुहार लगाते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि हमारी पंचायत में अब तक पंचायत भवन नहीं बना है। पंचायत के लोग इसको लेकर अपनी लगातार मांग रख रहे हैं लेकिन फिर भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो पंचायत को सरकार मानते हैं और पंचायत सरकार भवन बनाते हैं। उन्होंने पंचायती राज विभाग को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

किशनगंज से आये एक व्यक्ति ने सात निश्चय योजना में हो रही गड़बड़ी को लेकर मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि हमारे पंचायत में सिर्फ वाटर टावर बना दिया गया, लेकिन अब तक किसी के यहां नल का जल नहीं पहुंचा है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर शीघ्र कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

रुपौली, पूर्णिया के एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि बाढ़ के दौरान हमेशा संपर्क पथ टूटने से गांव की आबादी प्रभावित होती है। संपर्क पथ का निर्माण नहीं हो पाता है, इससे आवागमन की समस्या हमेशा बनी रहती है। इसका स्थायी समाधान किया जाए। वहीं अररिया के एक व्यक्ति ने शिकायत करते हुए कहा कि हर साल बाढ़ के कारण गांव के दर्जनों घर बर्बाद हो जाते हैं। इसके स्थायी समाधान का उपाय किया जाए। मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मुरलीगंज, मधेपुरा एक व्यक्ति ने महादलित टोला के लिए संपर्क पथ निर्माण के संबंध में अपनी बात रखी। वहीं कटिहार के एक व्यक्ति ने नवनिर्मित बस स्टैंड परिसर में नगर निगम द्वारा कचड़ा डंप करने तथा असमाजिक तत्वों के जमावड़े को लेकर शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मोदनगंज, जहानाबाद के एक व्यक्ति ने शिकायत करते हुए कहा कि नाला निर्माण में अनियमितता की गई है तथा नाले का पानी आहर में गिराकर जल स्त्रोत को प्रदूषित किया जा रहा है, इसे रोकने का उपाय किया जाए। वहीं परवलपुर, नालंदा के एक व्यक्ति ने शिकायत करते हुए कहा कि मुखिया एवं उनके अन्य सहयोगियों द्वारा उनका जबरन विद्युत कनेक्शन काट दिया गया है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को जांचोपरांत उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

नानपुर, सीतामढ़ी के एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि सर्पदंश से उनके परिजन की मृत्यु हो गई है, लेकिन अब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिल पाया है। वहीं रहिका, मधुबनी के एक व्यक्ति ने शिकायत करते हुए कहा कि जल-जीवन- हरियाली अभियान के अंतर्गत उनके यहां सरकारी पोखर का जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, ऊर्जा मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, जल संसाधन सह सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री श्री संजय कुमार झा, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री रामप्रीत पासवान, कृषि मंत्री श्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, उद्योग मंत्री श्री शाहनवाज हुसैन, गन्ना (उद्योग) तथा विधि मंत्री श्री प्रमोद कुमार, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, पंचायती राज मंत्री श्री सम्राट चौघरी, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, लघु जल संसाधन मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री जयंत राज, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक श्री एस०के० सिंघल, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह एवं पटना के जिलाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह उपस्थित थे।

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। जमुई में स्वर्ण का भंडार मिलने से बिहार को ज्यादा रॉयल्टी मिलने से संबंधित पत्रकारों के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत खुशी की बात है। हमलोग तो प्रारंभ से ही इसके बारे में कह रहे थे। जिन ऐतिहासिक स्थलों के बारे में पता चला है वहां जाकर हमलोग उसके संबंध में जानकारी लेते हैं। आप जानते हैं कि बिहार सबसे पौराणिक जगह है। बिहार का बहुत बड़ा महत्व है। बिहार में कई ऐसी जगहें हैं जहां पर कई सारी चीजें हैं। एक जगह से सोना का खान मिलने की जानकारी मिली है, यह बड़ी खुशी की बात है लेकिन यहां एक ही जगह नहीं कई अन्य जगहों पर खान मिल सकता है। हमलोग इस काम को देखने के लिये लगे रहते हैं। उन्होंने कहा कि जब भी कोई बात होगी तो हमलोग क्यों नहीं चाहेंगे कि राज्य सरकार का जो लाभ मिलना चाहिये वो मिले। इसके लिये जरूर केंद्र सरकार को भी कहेंगे। हमलोग तो चाहते हैं कि सब जगह के बारे में पूरी जानकारी मिले। बिहार भारत का ही नहीं बल्कि दुनिया के पौराणिक जगहों में से एक है। यहां तो बहुत कुछ समय समय पर मिलेगा ही। 

भोजपुरी को राज्य सरकार द्वारा प्राइमरी एजुकेशन में शामिल करने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग इस पर गौर करेगा। भोजपुरी सिर्फ बिहार की ही नहीं है, यह यू०पी० और झारखंड में भी बोली जानेवाली भाषा है। भोजपुरी का बड़ा एरिया है, इसका अंतरराष्ट्रीय महत्व भी है। अभी झारखण्ड में जो हुआ वो बहुत गलत है। जब बिहार झारखण्ड एक था तो यह भाषा कई जिलों में बोली जाती थी। उसी तरह से मगही का भी महत्व है। आपलोगों को पता होगा कि कई बार हम भोजपुरी के सम्मेलन में गये हैं। हम मगही इलाके के हैं लेकिन कभी कभी भोजपुरी में भी बोलने की कोशिश किये हैं।

हमलोग जब कॉलेज में पढ़ते थे उस समय हमलोगों के साथ भोजपुरी वाले मित्र भी साथ रहते थे। सब जगह के लोगों से बात करते अपने में भोजपुरी की बड़ी प्रतिष्ठा है। आषात्र जीवन में जरूर कुछ सीखने की कोशिश करते थे। में पूछ रहे हैं, शिक्षा विभाग इसको जरूर देखेगा। इसके लिये अलग से कुछ भी करना होगा तो हमलोग करेंगे। लैंग्वेज को महत्व मिले इसके लिये हमलोग काम करते ही रहते हैं। उन्होंने कहा कि जब श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी आये थे उस समय भी हमने मैथिली भाषा के लिये कहा था।

एक महीना के अंदर उसको संविधान के अष्टम सूची में डाल दिया गया। मीटिंग में भी हमनें अटल जी से कहा था और जब वो बोल रहे थे तो हम बगल में जाकर फिर उनको याद दिलाये हम बार बार कह रहे हैं कि भोजपुरी सिर्फ बिहार की ही भाषा नहीं है। भोजपुरी यू०पी० में भी है और झारखण्ड में तो है ही। बिहार झारखण्ड तो पहले एक ही था। छत्तीसगढ़ में भी कई लोग यह भाषा बोलते हैं। हमलोग यहां जो करना है वो तो करेंगे ही और फिर से इसे भेजेंगे। आप जानते हैं कि डेवलपमेंट के काम में लगातार लगे हुए हैं। इन सब चीजों पर गौर करते इसे भी देखेंगे।

श्री प्रशांत किशोर से हुई मुलाकात के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर सवाल उठता है तो मुझे आश्चर्य होता है। श्री प्रशांत किशोर से मेरा रिश्ता आज का नहीं है। बीच में हमारी तबीयत खराब हुई तो वे कितनी बार वो फोन किये थे। जब हम दिल्ली गये तो मिलने के लिये आये। इसमें कोई राजनैतिक बात नहीं है। भले ही राजनैतिक संबंध नहीं हो, जिससे व्यक्तिगत रिश्ता रहता है, लोग उससे मिलता ही है। उनका रिश्ता अन्य पार्टी के नेताओं के साथ नहीं है ? सब लोगों से बात होती है लेकिन कोई राजनैतिक बात नहीं है। हम भी इस बार कोराना से पीड़ित हो गये थे।

इसकी खबर गई तो स्वाभाविक है उन्होंने फोन किया और मिलने के लिए बोले तो हमने कहा कि दिल्ली आ रहे हैं और दिल्ली में हमारी मुलाकात हुई। राजनीति अपनी जगह पर है लेकिन व्यक्तिगत संबंध और संपर्क तो पुराना होता है। राजनैतिक से अलग होने के बाद भी आदमी एक दूसरे से बात करता है, संपर्क करता है। इन सब चीजों का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। इन सब चीजों का मतलब सीधे सीधे व्यक्तिगत है। किसी का विचार कुछ भी हो, इच्छा कुछ भी हो वो अपनी जगह पर है उससे इसका कोई संबंध नहीं है।

श्री लालू प्रसाद यादव को होनेवाली सजा को लेकर सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें क्या देखना है, ये आज की बात थोड़े ही है। जब वो मुख्यमंत्री थे तब ही उनपर आरोप लगा, उनको हटना पड़ा। उसके बाद अपनी जगह पर अपनी श्रीमती जी को मुख्यमंत्री बनवा दिये। कई चीजों में कई केसेज हैं, कई में सजा हो गई, अभी करीब 3 साल से जेल में भी थे। अब दूसरे का भी फैसला हो रहा है।

इसमें क्या कहना है। आज उनके साथ जो लोग हैं केस करनेवाले थे, ये पता है न, केस कौन कौन किये थे? जब वो केस किये थे तो मेरे पास भी आये थे, हमने कहा कि केस करना है तो आपलोग करिये, ये सब मेरा काम नहीं है। आजकल केस करनेवालों में से कुछ लोग उन्हीं के साथ हैं वो अलग बात है। जो केस करने वाले हैं उन्हीं लोगों से पूछिये कि केस तो आप ही किये थे? अंत में सब पर जांच शुरू हो गया। ट्रायल हुआ है सजा हुई है तो इस बारे में हम क्या कह सकते हैं ? इसलिये उसके बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है।

• जातीय जनगणना को लेकर ऑल पार्टी मीटिंग पर पूछे गये सवाल का जवाब देत हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग एक मत के हैं। निश्चित रूप से हमलोग राज्य सरकार की तरफ से इसे करना चाहते हैं। इसका ऐलान करने से पहले हमलोग चाहते हैं कि सभी लोग एक साथ बैठ जायें ताकि सभी लोगों का आइडिया सामने आ जाये। इस संबंध में हमने पहले भी आप सबों को बता दिया है। इसको लेकर हमलोग सक्रिय हैं। कास्ट, सब कास्ट समेत सभी चीजों को अनेक प्रकार से हमलोग देख रहे हैं ताकि किसी तरह की कोई गलतफहमी नहीं हो जातीय जनगणना को कैसे बेहतर ढंग से किया जा सकता है, इसको भी हमलोग देख रहे हैं। किसी दूसरे राज्य में क्या हो रहा है इस पर मत जाइये। उनका किस ढंग से हुआ या नहीं हुआ वह अपनी जगह है। हमलोग जातीय जनगणना को बहुत ही अच्छे ढंग से करना चाहते हैं।

पार्लियामेंट में पहली बार जब मैं गया था उसी समय से हम इसके पक्षधर हैं। कुछ लोग अपनी बात कहते रहते हैं, बोलने का अधिकार सभी को है, जिसको जो मन में आये वो बोले। उन्होंने कहा कि हमलोग चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो जाये। एक बार जातीय जनगणना हो जाने से यह पता चल जायेगा कि किस जाति के कितने लोग हैं और आप उनलोगों के विकास के लिए काम कर सकते हैं।

जिसकी स्थिति खराब है उसको देखना पड़ेगा। हमलोग सभी के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं। देश भर में है तो राज्य में हमलोग इसे करायेंगे। राज्य में लोगों के हित में जो कुछ भी कर सकते हैं अगर नहीं हो वो सब करेंगे। अभी कई राज्यों में चुनाव चल रहा है, उसको खत्म हो जाने दीजिए। हमलोग एक बार बैठकर इस पर विचार करके जातीय जनगणना को शुरु करा देंगे। ये काम काफी तेजी और बढ़िया ढंग से कराया जायेगा। हम तो लोगों से कहेंगे सर्वेक्षण शुरु होने पर उस पर नजर रखिये। कैबिनेट की मीटिंग में डिसाइड करके हम इसको शुरू कर सकते थे लेकिन हम चाहते हैं कि एक साथ बैठकर सभी से बात करके इसको शुरू करें ताकि सबों की भूमिका इसमें रहे। हमलोग सिर्फ अपना कोई क्रेडिट नहीं लेना चाहते हैं। हम तो चाहते हैं कि इसमें सभी की भूमिका रहे। कुछ लोग अगर राजनीतिक रुप से कुछ बोलते हैं तो इसमें हमको कोई ऐतराज नहीं है। दरभंगा में 3 लोगों को जिंदा जलाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में पूरे तौर पर एक्शन लिया जा रहा है। ऐसा कोई भी मामला मेरी जानकारी में आता है तो तुरंत बात करके उस पर कार्रवाई की जाती है। इस मामले को भी हमलोग देख रहे हैं। इस मामले में पूरी जानकारी आपलोगों को डी०जी०पी० देंगे।

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ललन सिंह के पार्टी के विस्तार को लेकर दिये गये बयान के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बात तो आप लोग जानते हैं कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तो हम ही थे। बिहार विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद हमने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर कमान श्री आर०सी०पी० सिंह को दे दी। घोषणा से पहले इसकी जानकारी किसी को नहीं थी। मीटिंग में हमने कहा कि मेरी इच्छा है कि पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री आर०सी०पी० सिंह को बनाया जाए। इस प्रस्ताव को सभी लोगों ने मंजूर किया। श्री आर०सी०पी० सिंह जब केंद्र सरकार में मंत्री बन गये तो फिर से मीटिंग बुलाकर श्री ललन बाबू को पार्टी की कमान दी गयी। इस प्रस्ताव पर भी सभी लोगों ने अपनी सहमति दी। पार्टी में कहीं पर भी कुछ नहीं है। पार्टी में सभी लोग एक राय, एक विचार के साथ काम कर रहे हैं। एन०डी०ए० के रुप में हमलोग एक साथ मिलकर बिहार की सेवा कर रहे हैं। पार्टी में सभी लोग अपना-अपना फर्ज निभा रहे हैं। जार्ज साहब के समय से ही हमलोग एक साथ हैं। सभी पार्टी अपना विस्तार चाहती है। लेकिन इसका इससे कोई मतलब नहीं है। हमलोग जनता के दरबार में हाजिर होनेवाले लोग हैं। आप लोगों से आग्रह है कि जनता से संबंधित ही सवाल कीजिए।

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