दरअसल, आनंद मोहन समेत 27 दुर्दांत अपराधियों को रिहा किए जाने के मामले को लेकर अमर ज्योति कोर्ट पहुंचे। कोर्ट में पहुंचने के बाद राज्य प्रभारी अमर ज्योति ने अपनी अधिवक्ता अलका वर्मा के माध्यम से लोकहित याचिका को दायर किया है,
पटनाः बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन जेल से रिहा हो गए है, लेकिन रिहाई के बाद भी आनंद मोहन की मुश्किलें कम नहीं होंगी। क्योंकि आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दलित संगठन भीम आर्मी भारत एकता मिशन की ओर से पटना हाईकोर्ट में पीआईएल दायर किया गया है। संगठन ने कहा कि राज्य सरकार ने अपराधियों को बचाने के लिए कानून में परिवर्तन कर गलत काम किया है।
अपराधियों की रिहाई के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में PIL दायर
दरअसल, आनंद मोहन समेत 27 दुर्दांत अपराधियों को रिहा किए जाने के मामले को लेकर अमर ज्योति कोर्ट पहुंचे। कोर्ट में पहुंचने के बाद राज्य प्रभारी अमर ज्योति ने अपनी अधिवक्ता अलका वर्मा के माध्यम से लोकहित याचिका को दायर किया है, जिसमें बिहार सरकार के बिहार कारागार नियमावली, 2012 के नियम 481(i)(क) में किए गए संशोधन को गैरकानूनी बताया गया है। अमर ज्योति के अधिवक्ता अलका वर्मा ने पीआईएल दायर कर कहा कि राज्य सरकार ने अपराधियों को बचाने के लिए कानून में परिवर्तन कर गलत काम किया है। बिहार सरकार के आदेश के खिलाफ कोर्ट में पीआईएल दायर की गई है।
16 साल बाद जेल से रिहा हुए आनंद मोहन
बता दें कि आनंद मोहन जेल से रिहा हो गए है। आज अहले सुबह ही उन्हें जेल से रिहाई दे दी गई। इससे पहले वह अपने बेटे की सगाई के लिए 15 दिन की पैरोल पर बाहर आए थे। 26 अप्रैल को उन्होंने पैरोल खत्म होने के बाद सरेंडर किया और पैरोल सरेंडर होते ही जेल में रिहाई की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। आनंद मोहन को गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में सजा हुई थी। वहीं आनंद मोहन की 16 साल बाद जेल से रिहाई हुई है। उनकी रिहाई के बाद उनके घर में खुशी का माहौल है।
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