बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार के विचार का समर्थन करने से इनकार कर दिया,
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार के विचार का समर्थन करने से इनकार कर दिया, जिन्होंने अडाणी समूह के खिलाफ आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की विपक्षी दलों की मांग पर विरोधाभासी रुख अपनाया था।
नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) संसद में जेपीसी की जांच की मांग का समर्थन करती रही है। हालांकि कुमार ‘‘उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति” से जांच करवाने के पवार के विचार से सहमत नहीं दिखे। पवार के रुख के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा, ‘‘मुझे मीडिया से इस बारे में पता चला है।” कुमार पिछले साल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विरोध में पार्टियों को एकजुट करने के प्रयासों के तहत पवार से मिले थे। कुमार ने कहा, ‘‘इस बारे में उन्हें (पवार) विस्तार से बताना चाहिए कि वह क्या कह रहे हैं। अलग-अलग लोगों की अलग-अलग राय होती है।”
कुमार के साथ जद(यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन भी थे जो हाल में संपन्न संसद सत्र के दौरान अडाणी मुद्दे पर काफी मुखर थे। निजी चैनल के साथ एक साक्षात्कार में, पवार अदानी समूह के समर्थन में सामने आए और समूह के बारे में अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट के बाद शुरू विमर्श की आलोचना की थी। पवार ने कहा कि उन्होंने अडाणी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय की एक समिति का समर्थन किया, क्योंकि सत्तारूढ़ पार्टी के पास संसद में संख्या बल के आधार पर जेपीसी में बहुमत होगा और इससे इस तरह की जांच पर संदेह पैदा होगा।
अडाणी समूह ने अपनी कंपनियों के खिलाफ ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा शेयरों में हेरफेर के आरोपों से इनकार किया है। जद (यू) द्वारा यहां आयोजित इफ्तार में शामिल हुए मुख्यमंत्री से सासाराम और बिहारशरीफ शहरों में हाल में हुए सांप्रदायिक दंगों के बारे में भी पूछा गया। कुमार ने कहा, ‘‘दोनों जगहों पर प्रशासनिक तंत्र काम कर रहा है। जिन लोगों को किसी भी प्रकार का नुकसान हुआ है, उन्हें मदद और राहत प्रदान की जाएगी।”
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