नीतीश-तेजस्वी सरकार को पटना हाई कोर्ट से झटका, जातीय जनगणना पर लगाई रोक

61 0

पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार द्वारा किये जा रहे जाति आधारित गणना पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी। अदालत मामले की सुनवाई अब तीन जुलाई को करेगी

नेशनल डेस्कः पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार द्वारा किये जा रहे जाति आधारित गणना पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी। अदालत मामले की सुनवाई अब तीन जुलाई को करेगी। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सरकार को जाति आधारित सर्वेक्षण को तुरंत रोकने और इस सर्वेक्षण अभियान के तहत अबतक एकत्र किए गए आंकडों को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया।

पीठ ने सरकार को यह भी निर्देश दिया कि मामले में अंतिम आदेश पारित होने तक इन आंकड़ों को किसी के भी साथ साझा नहीं किये जायें। अदालत मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख तीन जुलाई तय की है। अदालत ने कहा, ‘‘हमारी राय है कि याचिकाकर्ताओं ने राज्य सरकार द्वारा जाति आधारित सर्वेक्षण की प्रक्रिया को जारी रखने के खिलाफ तथा आंकडे की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाया है, जिसका सरकार की ओर से विस्तृत समाधान किया जाना चाहिए।”

बिहार के महाधिवक्ता प्रशांत कुमार शाही ने अपने अधिवक्ताओं की टीम के साथ सरकार की ओर से बहस की जबकि याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव, धनंजय कुमार तिवारी और अन्य ने किया। बहस के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के फैसले का हवाला देते हुए अदालत को बताया गया कि जाति आधारित गणना में ट्रांसजेंडरों को एक जाति के रूप में दर्शाया गया है, जबकि ऐसी कोई जाति श्रेणी वास्तव में मौजूद नहीं है।

हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि ट्रांसजेंडरों को जाति के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जाएगा पर अधिसूचना में इसे जाति की सूची में रखा गया है । अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया हमारी राय है कि राज्य के पास जाति आधारित सर्वेक्षण करने की कोई शक्ति नहीं है, जिस तरह से यह किया जा रहा है, जो एक जनगणना के समान है, इस प्रकार संघ की विधायी शक्ति पर अतिक्रमण होगा।

अदालत ने राज्य विधानसभा में विभिन्न दलों के नेताओं के साथ सर्वेक्षण के आंकड़े साझा करने की सरकार की मंशा के बारे में कहा कि यह निश्चित रूप से निजता के अधिकार का सवाल है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने जीवन के अधिकार का एक पहलू माना है। पीठ ने यह स्पष्ट किया कि राज्य एक सर्वेक्षण की आड़ में एक जातिगत जनगणना करने का प्रयास नहीं कर सकता है, खासकर जब राज्य के पास बिल्कुल विधायी क्षमता नहीं है और उस स्थिति में न ही भारत के संविधान के अनुच्छेद 162 के तहत एक कार्यकारी आदेश को बनाए रखा जा सकता है।

अदालत ने कहा कि जनगणना और सर्वेक्षण के बीच आवश्यक अंतर यह है कि जनगणना सटीक तथ्यों और सत्यापन योग्य विवरणों के संग्रह पर विचार करता है। सर्वेक्षण का उद्देश्य आम जनता की राय और धारणाओं का संग्रह और उनका विश्लेषण करना है । इसने कहा कि एकत्र किए गए आंकडे के विश्लेषण में दोनों परिणाम जो जनगणना के मामले में अनुभवजन्य हैं जबकि सर्वेक्षण में ज्यादातर तार्किक निष्कर्ष होते हैं। बिहार राज्य द्वारा वर्तमान कवायद को केवल सर्वेक्षण के नाम पर जनगणना करने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है।

हाईकोर्ट ने यह भी माना कि राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना इस तरह के सर्वेक्षण को करने के लिए किसी भी प्रत्यक्ष वस्तु का खुलासा नहीं करती है। यह भी तर्क दिया जा रहा है कि आंकडे़ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य द्वारा लागू कोई उपाय भी नहीं है, भले ही आंकड़ों का संग्रह स्वैच्छिक आधार पर हो । पीठ ने कहा कि ऐसे आंकड़ों का कोई सार्वजनिक उपयोग नहीं हो सकता है, जो फिर से किसी व्यक्ति की निजता के अधिकार का उल्लंघन करेगा, भले ही ये स्वेच्छा से दिये गये हों।

बिहार में जाति सर्वेक्षण का पहला दौर 7 से 21 जनवरी के बीच आयोजित किया गया था। दूसरा दौर 15 अप्रैल को शुरू हुआ था और 15 मई तक जारी रहने वाला था। उच्च न्यायालय के समक्ष याचिकाएं सामाजिक संगठन और कुछ व्यक्तियों द्वारा दायर की गई थी, जो पिछले महीने उच्चतम न्यायालय गये थे।

अदालत का निर्णय आने से पूर्व आज दिन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी सरकार द्वारा की जा रही जाति आधारित गणना को लेकर कुछ हलकों से विरोध पर नाराज़गी जताई थी। नीतीश ने पटना हाईकोर्ट में जाति सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली एक याचिका पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि याचिकाकर्ताओं के साथ-साथ सरकार ने भी अपनी दलीलें रखी हैं। अब हम फैसले का इंतजार कर रहे हैं। पता नहीं क्यों इसका विरोध हो रहा है। इससे तो पता चलता है कि लोगों को मौलिक चीज की समझ नहीं है।

Related Post

मुख्यमंत्री ने वैशाली में हुए सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की

Posted by - अगस्त 3, 2022 0
• मुख्यमंत्री ने हादसे में मृत व्यक्तियों के परिजनों को अविलंब 04–04 लाख रूपये अनुग्रह अनुदान देने का दिया निर्देश…

नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव के परिणय सूत्र में बंधने पर मुख्यमंत्री ने बधाई एवं शुभकामनायें दी

Posted by - दिसम्बर 9, 2021 0
पटना, 09 दिसम्बर 2021 :- समाचारों के माध्यम से नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव के आज दिल्ली में परिणय…

(उप चुनाव) क्यों नहीं बनाए गए स्टार प्रचारक तेज प्रताप, क्या नहीं रही RJD में इनकी भूमिका?

Posted by - अक्टूबर 7, 2021 0
बिहार में इस वक्त उपचुनाव के लिए दंगल जारी है. कांग्रेस में प्रचारक के तौर पर कन्हैया कुमार को जिम्मेदारी…

दस लाख नौकरी पर लड़खड़ा रहे तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार ने संभाला, बोले- पूरा ट्राई करेंगे

Posted by - अगस्त 12, 2022 0
बिहार का डिप्टी सीएम बनते ही तेजस्वी यादव से 10 लाख नौकरी पर सवाल पूछा जा रहा है जिसके जवाब…

गर्दनीबाग ठाकुरबाड़ी में चित्रगुप्त पूजा में शामिल होंगे मुख्यमंत्री

Posted by - नवम्बर 5, 2021 0
पटना: राजधानी के प्रसिद्ध गर्दनीबाग ठाकुरबाड़ी में कलम दवात के देवता भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना शनिवार 6 नवंबर को…
Translate »
Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
LinkedIn
Share
WhatsApp