पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नीतीश कुमार की ईर्ष्या इस स्तर पर उतर आई है कि उन्होंने बिहार के जर्दालु आम और शाही लीची की मिठास में भी राजनीतिक कटुता घोलते हुए राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री सहित विशिष्ट व्यक्तियों को फल भेंजने की परम्परा तोड़ दी।
“मैंगो डिप्लोमेसी से किसानों को हुआ लाभ”
सुशील मोदी ने कहा कि केंद्रीय नेताओं को आम-लीची भेजने की परम्परा (मैंगो डिप्लोमेसी) एनडीए सरकार ने 2007 में शुरू की थी। इससे राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर में बिहार के आम-लीची की ब्रांडिंग हुई और किसानों को लाभ हुआ। उन्होंने कहा कि वर्षों की ब्रांडिंग का सुफल था कि 2021 में ब्रिटेन, सऊदी अरब, श्रीलंका और बांग्लादेश को भारत से 25 हजार टन जर्दालु आम का निर्यात किया गया।
“ऐसी मीठी परिपाटी पर राजनीति नहीं होनी चाहिए थी”
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैंगों डिप्लोमेसी के तहत दिल्ली-पटना के अतिविशिष्ट लोगों को 2500 कार्टन आम और लीची भेजे जाते थे। उन्होंने कहा कि ऐसी मीठी परिपाटी पर राजनीति नहीं होनी चाहिए थी। इससे बिहार की छवि और यहां के फल उत्पादक किसानों की आय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
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