पं. शीलभद्र याजी जी की 117 वीं जन्म दिवस समारोह बख्तियारपुर स्थित पं. शील भद्र याजी मेमोरियल वोकेशनल ट्रेनिंग संस्थान में मनायी गयी।

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पं. शीलभद्र याजी की जीवन दृष्टि, जीवन मुल्य और उच्चतर आदर्श न सिर्फ अपने कालखंड में महत्त्वपूर्ण रहे बल्कि उनकी प्रांसगिकता समकालिन युवा मानस पटल पर सदैव व्याप्त है। उनकी महान जीवन गाथा आत्म त्याग, देश-प्रेम, समाजसेवा, शिक्षा का विकास, समाज के नीचले स्तर पर जी रहे लोगों के अधिकार के प्राप्ति के लिए सतत् प्रयत्न और एक गहन सार्वभौम जीवन दृष्टि की उपज थी। पं. शीलभद्र याजी का योगदान भारतीय स्वतंत्रता की लड़ाई में जहां एक अनुपम दृष्टांत प्रस्तुत करता है वही स्वतंत्रता के बाद उपस्थित नयी सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक परिस्थितियों के नव निर्माण में भी अभूतपूर्व रहा। स्वतंत्रता सेनानीयों और अन्य अलग-अलग क्षेत्रों से आये गणमान्य के उपस्थिति में पं. शीलभद्र याजी के महान त्याग, कर्म और देश के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में अद्वितीय योगदान को याद किया गया।

विश्व सिनेमा के प्रतिष्ठित भारतीय पत्रकार और चिंतक श्री अजित राय नें पिछले कई दशकों से बिहार से हो रहे प्रतिभा पलायन की समस्या को उठाते हुए बिहार सरकार नौकरशाही और समाज के महत्वपूर्ण कार्यकर्ताओं को समेकित प्रयास करने की सलाह दी। उन्होनें बिहार की शिक्षा व्यवस्था, कला- संस्कृति और मीडिया की गुणवता में हो रहे ह्यस को भी महत्वपूर्ण ढंग से रेखांकित किया। हिन्दी सिनेमा के प्रसिद्व पटकथा लेखक और निर्देशक श्री धमेंद्र नाथ ओझा ने पं. शीलभद्र के जीवन दृष्टि, त्याग, समयर्थ और समाजिक नवनिर्माण के प्रति समर्पित उनके विचारों पर प्रकाश डाला और ’’राग-देश’’ फिल्म के द्वारा अपने किये गये उनके रोचक रिसर्च प्रसंगो का सभी से साझा किया। कलाकार और लोकनारायण जयप्रकाश राष्ट्रीय कला और संस्कृति के महासचिव श्री अरविंद ओझा ने नये पीढ़ी को स्वतंत्रता, स्वाधीनता और जीवन मुल्य की अक्षुण्ण परंपरा को समय के नये संदर्भों को समझने और अपनानें की बात कही।

इस अवसर पर सभा के अध्यक्ष और आ. भा. स्व. से. संगठन के महासचिव श्री सत्यानंद याजी ने पं. शीलभद्र याजी के संसदीय भाषण के संकलन पर प्रकाशित किताब का विमोचन किया और मंच से यह अश्वासन दिया कि यह संस्था आने वाले समय में कला- संस्कृति और नयी वैचारिक स्थापना को मजबूत करने के लिए नये और सार्थक पहल करेगी। इस अवसर पर अनुमंडलाधिकारी बाढ़ श्री कुंदन कुमार और अपर पुलिस अधिक्षक बाढ़ श्री अरविंद प्रताप सिंह ने उनके त्याग और भारत की स्वतंत्रता में दिये गए योगदान को याद किया। संस्थान में बिहार कौशल विकास मिशन एवं दीन दयाल अन्तोदय योजना के अंतर्गत डाटा इंन्ट्री आपरेटर कोर्स का प्रशिक्षण प्राप्त 40 छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र भी वितरण किया गया।

उनके जयंती पर क्षेत्र के कई गणमान्य नें प्राथमिक स्वास्थ्य उपचार केंद्र, बख्तियारपुर में स्थित उनकी प्रतिमा तथा सीढ़ी घाट स्थित उनके समाधि स्थल पर पुष्पाजंली अर्पित किये जिनमें स्वतंत्रता सेनानी श्री बालमिकि सिंह, प्रो. डाॅ. साधू सरण उर्फ सुमन जी, संस्थान के महानिदेशक श्री सत्यानंद याजी, विश्व सिनेमा, थियेटर और संस्कृति के प्रतिष्ठित पत्रकार श्री अजित राय, प्रसिद्व हिन्दी सिनेमा के पटकथा एवं लेखक श्री धमेंद्र नाथ ओझा, कलाकार और सांस्कृतिक कार्यकर्ता श्री अरविंद ओझा, संस्थान के निदेशक श्री अच्युतानंद याजी, श्री जनार्दन शर्मा, श्री रामानंद सिंह, श्री श्यामानंद याजी एवं कई गणमान्य उपस्थित हुए।

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