पूर्णिया में समाज सुधार अभियान में शामिल हुए मुख्यमंत्री

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कुछ लोग खुद को काबिल समझते हैं जो बापू की बातों और विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट तक को नहीं मानते हैं। ऐसे लोग खुद के साथ-साथ देश और दुनिया को भी बर्बाद कर देंगे- मुख्यमंत्री

पटना, 05 मार्च 2022 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार राज्य में पूर्ण नशामुक्ति, दहेज प्रथा उन्मूलन एवं बाल विवाह से मुक्ति हेतु इंदिरा गांधी स्टेडियम पूर्णिया में आयोजित समाज सुधार अभियान में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्वल्लित कर विधिवत शुभारंभ किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए मैं आप सबका अभिनंदन करता हूं। आप सब इस अभियान में शामिल हैं, इसके लिए धन्यवाद देता हूं। इस कार्यक्रम में सभी ने अपनी-अपनी बातों को रखा है। जीविका की 8 दीदियों ने भी अपने अनुभव साझा कर बाल विवाह, दहेज प्रथा एवं शराबमुक्त समाज बनाने की बात कही है।

जीविका की दीदियों ने समाज में जिन कठिनाइयों एवं संकटों को झेला है, उसे यहां विस्तारपूर्वक कही है। जीविका समूह से जुड़कर उन्हें मदद मिली है और वे अब आगे बढ़ रही हैं, यह सुनकर मुझे काफी अच्छा लगा है। उन्होंने कहा कि आप जानते हैं कि हमने समाज सुधार अभियान दिसंबर 2021 से शुरु किया है। वर्ष 2016 में हमने सभी 9 प्रमंडलों में शराबबंदी अभियान को लेकर जगह-जगह जाकर महिलाओं के अनुभवों की जानकारी ली थी।

इस बार समाज सुधार अभियान के अंतर्गत 12 जगहों पर जा रहे हैं। जनवरी माह में पूरी दुनिया, देश और बिहार में कोरोना का तीसरा दौर शुरू हो गया, जिसके चलते अभियान को बीच में ही रोकना पड़ा। खुशी की बात है कि इसका असर तेजी से खत्म होने लगा और अब अभियान की फिर से शुरुआत की गई है और आज पूर्णिया में इसका 11वां पड़ाव है और कल समाज सुधार अभियान का अंतिम कार्यक्रम है। पूर्णिया में अब कोरोना के मात्र 7, कटिहार में 5, अररिया में 5, जबकि किशनगंज में शून्य मामले हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण से मुक्ति मिल जायेगी। यह एक विचित्र बीमारी है। वर्ष 2019 में ही यह दुनिया के कई देशों में शुरु हुई जिसे कोविड-19 नाम दिया गया था।

भारत और हमार बिहार में यह वर्ष 2020 में सामने आया था। इसके प्रति हमें अभी भी सचेत एवं जागरुक रहने की जरुरत है। प्रारंभ से ही हम एक-एक चीजों का ख्याल रखते हैं और आगे भी रखेंगे। लोगों को भी इसका विशेष रुप से ध्यान रखना होगा। अब कोरोना को लेकर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है। समाज सुधार अभियान में पूर्ण नशामुक्ति. दहेज प्रथा उन्मूलन एवं बाल विवाह को लेकर काम किया जा रहा है, इसके लिए कानून भी बनाए गए हैं।

जननायक कर्पूरी ठाकुर वर्ष 1977 में मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने शराबबंदी लागू की थी लेकिन 2 वर्ष बाद उसे हटा दिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारंभ से ही हमलोग शराबबंदी के पक्ष में हैं और वर्ष 2011 से ही इसको लेकर हमने अभियान चलाना शुरू कर दिया था।

शराबबंदी करने को लेकर मेरे मन में दुविधा थी कि इसे पूरे तौर पर लागू कर पाएंगे या नहीं। 9 जुलाई 2016 को पटना में श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में जीविका के एक कार्यक्रम में महिलाओं ने शराबबंदी को लेकर आवाज उठाना शुरु किया। मेरे मन शराबबंदी को लेकर जो दुविधा थी, वो खत्म हो गई।

उसके बाद मैं वापस माइक पर आया और कहा कि अगली बार सरकार में आएंगे तो बिहार में शराबबंदी लागू करेंगे। उसके तीन माह बाद ही बिहार में विधानसभा का चुनाव था। बिहार की जनता ने पुनः हमलोगों को काम करने का मौका दिया और हमने शपथ लेने के बाद 26 नवंबर 2015 को ही मीटिंग बुलाकर शराबबंदी को लेकर अभियान चलाने का निर्णय लिया। इसके लिए लगातार अभियान चलता रहा।

इसको लेकर कानून बनाया। पहले 1 अप्रैल 2016 को ग्रामीण इलाके में देशी और विदेशी शराब पर रोक लगायी गई, जबकि शहरी इलाकों में अभी विदेशी शराब बंद नहीं करने का निर्णय लिया गया था। शहरों में कई जगहों पर महिलाएं, युवक-युवतियां और पुरुषों ने भी शराब की आवंटित दुकानों के खोले जाने पर कड़ा विरोध जताया।

इसके बाद 4 अप्रैल को हमने मीटिंग बुलाई और 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गई। शराबबंदी के बाद घर और समाज का माहौल बदल गया। शराब पीने के पक्षधर कुछ लोग मेरे खिलाफ बोलते रहते हैं। वे खुद को ज्यादा काबिल, पढ़ा लिखा और विद्वान समझते हैं लेकिन ऐसे लोग काबिल नहीं हो सकते हैं। जो शराब के पक्ष में बोलेगा वह गलत ही होगा। समाज में कुछ लोग गड़बड़ करने वाले होते हैं।

शराबबंदी को लेकर कुछ लोग तरह-तरह के सवाल खड़े करने लगे। जहरीली शराब पीकर लोग मरते हैं। हम तो शुरु से कहते हैं कि शराब कितनी खराब चीज है। इसका सेवन मत करो, शराब पीने से मौत भी हो सकती है।

यदि कोई शराब पीता है तो वह काबिल, योग्य और किसी काम के लायक नहीं रहता है। दारु आपको बीमार कर देता है और अंततः आपकी जान ले लेता है। यह अभियान निरंतर चलते रहने चाहिए। यह सिर्फ कल तक का ही कार्यक्रम नहीं है। यह समाज सुधार अभियान का एक हिस्सा मात्र है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 अक्टूबर 2017 को पटना के बापू सभागार का उद्घाटन किया था और उसी कार्यक्रम में दहेज प्रथा और बाल विवाह को लेकर अभियान चलाने की शुरुआत की गई थी। उस कार्यक्रम में 5 हजार जीविका दीदियां आयी थीं। महात्मा गांधी जब देश की आजादी कीलड़ाई लड़ रहे थे तो उस समय भी वे कहा करते थे कि शराब, आदमी से न सिर्फ उसका पैसा छीन लेती है बल्कि उसकी बुद्धि भी हर लेती है। शराब पीने वाला इंसान हैवान हो जाता है। अगर एक घंटे के लिए मुझे तानाशाह बना दिया जाए तो शराब को पूरे तौर पर बंद करा देंगे। इसे भूलियेगा मत। कुछ गड़बड़ लोगों ने उनकी हत्या कर दी। बापू के नेतृत्व में यह देश आजाद हुआ नहीं तो गुलाम रहता।।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग खुद को काबिल समझते हैं जो बापू की बातों और विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट तक को नहीं मानते हैं। ऐसे लोग खुद के साथ-साथ देश और दुनिया को भी बर्बाद कर देंगे। संविधान में भी शराबबंदी का उल्लेख है। 24 नवंबर 2005 को हमने शपथ लिया तब से ही आपकी सेवा कर रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूरी दुनिया का वर्ष 2016 में सर्वेक्षण कराया और 2018 में रिपोर्ट प्रकाशित की। उस रिपोर्ट में बताया गया है कि शराब पीने से दुनियाभर में एक साल में 30 लाख लोगों की मृत्यु होती है यानि दुनिया में जितनी मृत्यु हुई है उसका 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से होती है। 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत मृत्यु शराब पीने के कारण होती है।

शराब के सेवन से करीब 200 प्रकार की बीमारियां होती हैं। 18 प्रतिशत लोग शराब पीने से आत्महत्या कर लेते हैं, जबकि शराब पीने के कारण 18 प्रतिशत आपसी झगड़े होते हैं।

शराब पीने के कारण दुनियाभर में 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।

हमलोगों ने इस बुकलेट में शराब के सेवन से होनेवाली हानियों के बारे में एक-एक बातों को लिखवाया है।

इस बुकलेट के बारे में लोगों को विस्तार बताएं। नई पीढ़ी के लोगों को भी इन सब चीजों के बारे में जानकारी दें ताकि वे सचेत रहें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध शराब के धंधेबाजों पर तेजी से कार्रवाई हो रही है। अब ड्रोन का भी उपयोग किया जा रहा है। शराब के धंधेबाजों पर मद्य निषेध और पुलिस विभाग की पूरी नजर है। ड्रोन ऊपर से धंधेबाजों की चित्र लेता रहेगा और कार्रवाई होती रहेगी।

अभी 34 ड्रोन की सहायता ली जा रही है। तीन से चार की संख्या में ड्रोन हेलीकॉप्टर का भी उपयोग किया जा रहा है। ड्रोन के माध्यम से गंगा नदी के दोनों किनारों पर भी निगरानी की जा रही है। अगर कोई भी गड़बड़ी करेगा तो बच नहीं पायेगा।

आप सभी से अपील है लोगों को जागरुक कीजिए और गड़बड़ी करने वालों सूचना दीजिए। दोषियों पर कार्रवाई की जा रही है। समाज सुधार अभियान सिर्फ नशामुक्ति के लिए ही नहीं है बल्कि बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ भी यह निरंतर चलते रहना चाहिए। सबके उत्थान के लिए, समाज की तरक्की के लिए हर प्रकार का विकास का काम किया जा रहा है ताकि लोगों की आमदनी में बढ़ोत्तरी हो। बिहार के प्रति व्यक्ति आय में प्रति वर्ष जितना इजाफा हो रहा है उतना देश में भी नहीं हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 से आपने सेवा करने का मौका दिया तब से आपकी सेवा कर रहे हैं। बिहार की पहले क्या हालत थी। शाम के बाद घर से निकलने की किसी की हिम्मत नहीं होती थी। हमने बिहार में कानून का राज स्थापित किया।

सरकार में आने के बाद से सड़क, स्कूल, अस्पताल सहित सभी क्षेत्रों में विकास का काम तेजी से किया जा रहा है। अनुसूचित जाति-जनजाति, अल्पसंख्यक समाज के उत्थान विशेष पहल की गई। बिहार में सड़क, पुल-पुलिया के साथ-साथ शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी काफी काम किया गया है।

महिलाओं के उत्थान का काम किया है। हर घर तक पक्की गली-नाली का निर्माण कराया। हर घर नल का जल पहुंचाने का काम किया। हर घर में शौचालय का निर्माण कराया गया। हर घर तक बिजली पहुंचाई गई। हमलोग वर्ष 2005 से न्याय के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं।

पहले बिहार में शिक्षा की काफी बुरी स्थिति थी। पांचवी क्लास से आगे लड़कियां नहीं पढ़ पाती थीं। हमलोगों ने वर्ष 2007 से पोशाक योजना की शुरुआत की। इसके बाद 9वीं कक्षा में पढ़नेवाली लड़कियों के लिए साइकिल योजना की भी शुरुआत की। वर्ष 2009 में लड़कों के लिए भी हमने साइकिल योजना की शरुआत कराई। पिछले साल मैट्रिक की परीक्षा में की लड़कियों की संख्या लड़कों से 300 अधिक थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने वर्ष 2006 में पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। उसके बाद नगर निकाय के चुनाव में भी महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया।

इससे बड़ी संख्या में महिलाएं चुनाव जीतकर आयीं। वर्ष 2013 में पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया जिसका नतीजा है कि आज बिहार पुलिस में महिलाओं की जितनी संख्या है उतनी देश के किसी भी बड़े से बड़े राज्य में नहीं है।

प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन में भी महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया। इसके साथ ही सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 में मैंने स्वयं सहायता समूह के कार्यों को जाकर देखा था। हमलोगों ने 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया था और अब तक 10 लाख 38 हजार स्वयं सहायता समूह गठित किया जा चुका है जिनसे 1 करोड़ 27 लाख परिवार जुड़ गया है। हमलोगों स्वयं सहायता समूह का नामकरण जीविका समूह किया।

उस समय की केंद्र सरकार ने बिहार की जीविका के द्वारा किये जा रहे कार्यों का अध्ययन किया और इसे पूरे देश में आजीविका के नाम से यह योजना चलायी यानि बिहार की जीविका को केंद्र ने आजीविका के रुप में अपनाया।

इसे भूलियेगा मत। उन्होंने कहा कि अब नई टेक्नोलॉजी का दौर है। हर रोज नई-नई बातों की चर्चा हो रही है। लोग पुरानी बातों को भूल जाते हैं। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति, अति पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई काम किए गए। उन्होंने कहा कि अब मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में भी एक तिहाई सीट लड़कियों के लिए आरक्षित कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में बाल विवाह और दहेज प्रथा को रोकने के लिए कानून बना हुआ है। इसके बावजूद यह कुप्रथा आज भी देखने को मिल जाती है। कम उम्र में गर्भधारण करने वाली महिलाएं कई तरह की शारीरिक समस्याओं से घिर जाती हैं। शिशु का विकास भी ठीक ढंग से नहीं हो पाता है।

जिसके कारण जन्म लेने वाले बच्चे बौनेपन, मंदबुद्धि और कई प्रकार की बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। दहेज प्रथा के कारण हत्या एवं आत्महत्या की घटनाएं भी समाने आती हैं। लोग लड़के की शादी में दहेज मांगते हैं बहुत बुरी चीज है। समाज में अगर पुरुष-स्त्री नहीं रहते तो हम सबका अस्तित्व नहीं रहता।

समाज को आगे बढ़ाने में महिलाओं की बड़ी भूमिका है। लड़की नहीं होगी तो लड़के की शादी आप किससे करेंगे। इसलिए दहेज प्रथा के खिलाफ निरंतर अभियान चलाते रहिए। दहेज मुक्त शादी समारोह में ही हमने जाने का निर्णय लिया है।

शादी के कार्ड पर दहेज मुक्त शादी की बात लिखी जायेगी तो ही हम उस शादी समारोह में जायेंगे। आप सब भी ऐसा ही करें। उन्होंने कहा कि बाल विवाह से अनेक प्रकार की बीमारियां होती है। केंद्र सरकार का प्रस्ताव आया है कि लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करना है। विकास के साथ-साथ समाज सुधार का यह अभियान निरंतर चलता रहेगा। तभी समाज इन कुप्रथाओं से मुक्त होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ताड़ी की जगह नीरा के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए तेजी से काम करें। सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत 1 लाख रूपये तक की इसमें मदद की जा रही है।

इस योजना से अब तक 30 हजार से ज्यादा लोग लाभान्वित हो चुके हैं। इससे लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी और रोजगार भी बढ़ेगा। सूर्योदय से पहले ताड़ के पेड़ से निकाली गई ताड़ी से नीरा बनाया जाता है।

जो काफी स्वाथ्यवर्द्धक एवं स्वादिष्ट होता है। प्रेम और भाईचारा के साथ हमलोग मिलकर आगे बढ़ते रहें। आप आगे बढ़ेंगे तो राज्य बढ़ेगा, देश बढ़ेगा। कुछ लोग जात-पात का झंझट खड़ा कर विवाद पैदा करने की कोशिश में लगे रहते हैं। ऐसे लोगों से सतर्क रहने की जरुरत है।

वोट जिसको भी देना है दीजिए लेकिन आपस में मिलजुल कर रहिए। तभी समाज के सभी तबकों का उत्थान होगा। आपने हमें काम करने का मौका दिया तो हमने आपकी सेवा करने का काम किया है और आगे भी करते रहेंगे। आप सभी ने हाथ उठाकर इस अभियान को निरंतर चलाने का संकल्प लिया है।

आप सब जब अपने-अपने घरों में जायें तो आस पड़ोस के लोगों को इन तमाम बातों की जानकारी दें और उन्हें समाज सुधार अभियान के प्रति प्रेरित करें। बिहार एक पौराणिक स्थल है। यह सबका है। लोगों को जागरुक एवं प्रेरित करते रहें, इससे समाज बहुत आगे बढ़ेगा और अच्छा वातावरण बनेगा।

कार्यक्रम के दौरान सामाजिक कुप्रथाओं के खिलाफ अभियान चला रही जीविका दीदियों के कार्यों पर आधारित लघु वृत्तचित्र भी प्रदर्शित की गई।

जनसभा मंच पर आयुक्त पूर्णिया प्रमंडल श्री राहुल रंजन महिवाल ने मुख्यमंत्री को पौध-गुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह तथा कला संस्कृति एवं युवा मामले के मंत्री सह अररिया जिले के प्रभारी मंत्री श्री आलोक रंजन ने पाग और अंगवस्त्र भेंटकर स्वागत किया।

जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री के आगमन पर स्वागत गान प्रस्तुत किया। कला जत्था के कलाकारों ने नशामुक्त समाज पर आधारित गीत एवं समाज सुधार अभियान पर आधारित गीत को जीविका दीदियों ने प्रस्तुत किया।

जनसभा में शामिल होने से पहले मुख्यमंत्री ने जीविका द्वारा सतत् जीविकोपार्जन योजना, जीविका प्रोत्साहित जलवायु परिवर्तन अनुकूल खेती, दीदी की रसोई, मधुमक्खी पालन, गैर कृषि एवं सूक्ष्म उद्यम आधारित गतिविधियां आदि से संबंधित लगाई गई चित्र प्रदर्शनी एवं विभिन्न स्टाल का अवलोकन किया। चित्र प्रदर्शनी के आयोजकों ने मुख्यमंत्री को मिथिला पेंटिंग, गोगाबिल झील, कटिहार का चित्र एवं मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार का पोट्रेट भेंटकर उनका अभिनंदन किया।

जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत जीविका समूह की दीदियों ने शराबबंदी, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा मुक्त समाज बनाने के साथ ही समाज सुधार अभियान के प्रति अपनी-अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की।

मुख्यमंत्री द्वारा विकास कार्यों के साथ-साथ चलाए जा रहे समाज सुधार अभियान की सराहना करते हुए श्रीमती मयंकी मुर्मू, श्रीमती आलिश किसकू, श्रीमती रासमणि टुडू, श्रीमती अजमती खातून, श्रीमती रेखा देवी, श्रीमती मोनीता देवी, श्रीमती कंचन देवी, श्रीमती अरुणा देवी एवं श्रीमती अनामिका देवी ने अपनी आपबीती और अनुभवों को साझा किया। ।

श्रीमती मयंकी मुर्मू ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि मेरा परिवार ताड़ी के व्यवसाय से जुड़ा था। गरीबी के कारण मेरे माता पिता 14 वर्ष की आयु में शादी करा दिये थे, इससे मुझे कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ा।

इंदिरा आवास योजना का लाभ मिलने पर घर का निर्माण कार्य शुरु कराया लेकिन घर का काम अधरा था। उसी समय बीमारी के कारण मेरे पति का देहांत हो गया। मैं अपने मैके आकर रहने लगी और शराब बनाने के काम में जुट गई। शराबबंदी के बाद परिवार भूखमरी का शिकार हो गया। तब जीविका समूह से हमने जुड़कर सिलाई मशीन चलाने का प्रशिक्षण लिया।

उसके बाद दुकान खोला। अब हमारे पास राशन एवं वोटर कार्ड भी है। परिवार की हालत अब अच्छी हो रही है। मैं लोगों से कहना चाहती हूं कि किसी भी सूरत में कम उम्र में अपनी बेटी की शादी नहीं करें।

श्रीमती आलीश किस्कू ने बताया कि वर्ष 2014 के दिसंबर माह से जीविका समूह से जुड़ी। जिसके बाद मेरी हिम्मत और हौसला काफी बढ़ गया। समाज में मान सम्मान मिलने लगा। जीविका दीदी श्रीमती नगिना खातून अपनी बेटी की कम उम्र में ही शादी करने जा रही थी।

हमलोगों ने मिलकर लड़की के घरवालों को बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारें में बताया और काफी समझाया। तब श्रीमती नगिना खातून के पति ने कहा कि यह बात तो हमलोगों के समझ में आ गई लेकिन लड़केवालों को कैसे समझायेंगे। जीविका दीदियों ने कहा हम सब मिलकर लड़के वालों के परिवार को भी समझायेंगे। समझाने के बाद लड़के वाले भी मान गये

और बच्ची की शादी कम उम्र में होने से बच गयी। हम सब मिलकर आगे भी सामाजिक कुप्रथाओं के खिलाफ अभियान चलाते रहेंगे।

श्रीमती रासमणि टूडू ने बताया कि मेरे पति शराब के व्यवसाय से जुड़े थे। कुछ समय बाद वे मानसिक रुप से असंतुलित हो गये। तब परिवार की जिम्मेदारी मरे कंधे पर आ गई। मैं शराब बनाने के काम में जुट गयी। शराबबंदी के बाद परिवार आर्थिक संकट से जूझने लगा। तब एक दीदी ने हमें जीविका समूह से जुड़ने का सुझाव दिया। समूह से जुड़ने के बाद मैंने किराना का दुकान खोला। 7 महीने तक प्रतिमाह एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी मुझे मिली।

आज के दिन हम बकरी पालन और खेती के कार्य से भी जुड़े हुए हैं। हमारे पास राशन कार्ड और बीपीएल कार्ड भी है। बच्चे अब स्कूल जा रहे हैं। जीविका समूह से जुड़ने के बाद जीवन अब काफी अच्छे से चल रहा है।

सतत जीविकोपार्जन योजना की लाभार्थी श्रीमती अजमती खातून ने बताया कि ग्राम संगठन से आर्थिक सहायता मिलने पर उन्होंने किराना का दुकान खोला। बीमारी के कारण पति का देहांत हो गया। मैं एक पैर से खुद विकलांग हूं। मेरे दो बच्चे हैं। ऐसी स्थिति में जीविका समूह से जुड़ने के पहले मैं दूसरे के घरों में बर्तन साफ करके अपने बच्चों का भरण पोषण करती थी। बावजूद इसके बच्चों को भरपेट भोजन नसीब नहीं होता था। सतत् जीवकोपार्जन योजना से जुड़ने के बाद मेरी समस्याएं धीरे-धीरे कम होने लगी। अब मैं बकरी पालन एवं मुर्गीपालन का काम भी कर रही हूं। पैसों की बचत करके बैंक में जमा कर रही हूं। मेरे बच्चे भी स्कूल जा रहे हैं। अब उन्हें किसी भी चीज के लिए परेशान नहीं होना पड़ता है। मैं बिहार सरकार और माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सतत् जीवकोपार्जन योजना चलाने के लिए धन्यवाद देती हूं।

श्रीमती रेखा देवी ने बताया कि गरीबी के कारण कम उम्र में ही मेरी शादी हो गई। इससे मैं मानसिक एवं शारीरिक रुप से परेशान रहने लगी। वर्ष 2014 में जब मैं जीविका समूह से जुड़ी तो मुझे काफी हौसला मिला। मोनिता देवी कम उम्र में अपनी बेटी की शादी तय कर दी थी, जब मुझे इसकी जानकारी हुई तब उन्हें काफी समझाया लेकिन वह तैयार नहीं हुई। जब अपनी परेशानियों को उनसे साझा किया तो वो समझ गई लेकिन लड़के वाले नहीं मान रहे थे। जब उन्हें काफी समझाने के बाद पुलिस प्रशासन का डर दिखाया तो वो भी मान गये। जीविका समूह से जुड़ने के बाद अब हम किसी समस्या से डरते नहीं है बल्कि उसका डटकर मुकाबला करते हैं।

श्रीमती कंचन देवी ने बताया कि एक दीदी का पति शराब बनाने का काम करते थे। वे शराब भी पीते थे। उन्होंने कर्ज लिया था लेकिन उसे लौटाने में असमर्थ थे। जब समह की मीटिंग में मैंने इस बात को रखी तब हम सभी जीविका दीदियों ने शराब की भट्ठी को तोड़ने का निश्चय किया। जब शराब की भट्ठी को तोड़ने हमलोग पहुंचे तो पति-पत्नी दोनों ने इसका विरोध किया। तब हमलोगों ने स्थानीय थाने को इसकी सूचना दी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जेल से छूटने के बाद अब वे मछली पालन कर रहे हैं। अब उनका परिवार सुखी, संपन्न एवं खुशहाल है।

श्रीमती अरुणा देवी ने बताया कि जीविका समूह से जुड़कर काफी लाभ मिला है। बाल विवाह एवं दहेज प्रथा को लेकर मानव श्रृंखला में मैं भी शामिल होकर सामाजिक कुप्रथाओं के खिलाफ अभियान चलाने का शपथ ली थी कि न दहेज लेंगे और न ही दहेज देंगे। वर्ष 2021 में एक शादी समारोह में लड़के वाले ने दहेज के पैसे नहीं मिलने के कारण शादी से इनकार कर दिया और बारात लौट गई थी। लड़की वाले काफी चिंतित हए। हमने इसकी जानकारी जीविका दीदियों को दी। तब एक शकुंतला दीदी ने अपनी बेटा की दहेज मुक्त शादी कराने की बात कही। इसके बाद उसी मंडप में शकुंलता दीदी के बेटे से उस लड़की की दहेज मुक्त शादी करायी गई।

श्रीमती अनामिका दीदी ने बताया कि पड़ोस में एक दीदी के पति देर रात शराब के नशे में घर पहुंचकर मारपीट किया करते थे। मजदूरी के सारे पैसे शराब में खर्च कर देते थे जिसके कारण उनकी पत्नी एवं बच्चों को भूखे सोना पड़ता था। शराबबंदी के बाद अब उनका परिवार ठीक ढंग से जीवन व्यतित करने लगा है।

कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, मंत्री मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन श्री सुनील कुमार, मंत्री गन्ना उद्योग एवं विधि सह कटिहार जिले के प्रभारी मंत्री श्री प्रमोद कुमार, मंत्री कला संस्कृति एवं युवा सह अररिया जिले के प्रभारी मंत्री श्री आलोक रंजन, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, अपर मुख्य सचिव गृह सह सामान्य प्रशासन श्री चैतन्य प्रसाद, अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार सह कटिहार एवं अररिया जिले के प्रभारी सचिव श्री ब्रजेश मेहरोत्रा, अपर मुख्य सचिव मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन श्री के०के० पाठक, सचिव खाद्य, उपभोक्ता संरक्षण सह पूर्णिया जिले के प्रभारी सचिव श्री विनय कुमार एवं सचिव अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याण सह प्रभारी सचिव किशनगंज जिला श्री दिवेश सेहरा ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर सांसद श्री दुलालचंद गोस्वामी, विधायक श्रीमती निशा सिंह, विधायक श्रीमती कविता देवी, विधायक श्री विजय सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री एस0 सिद्धार्थ, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री बाला मुरुगन डी०, पुलिस महानिरीक्षक पूर्णिया प्रक्षेत्र श्री सुरेश कुमार चौधरी एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय पदाधिकारी, जीविका दीदियां एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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