पूर्ण विराम के कगार पर पहुंचने के बाद जेडीयू को पुनौरा धाम की याद आई है – अरविन्द सिंह

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पटना, 19 दिसम्बर : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द सिंह ने कहा है कि जब 500 सालों के लंबे इंतजार के बाद सभी हिंदुओं के राम मंदिर निर्माण का सपना 22 जनवरी 2024 को पूरा होने जा रहा है। और मा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में और उनके अथक प्रयास के कारण जब हिंदुओं के आराध्य प्रभु भगवान श्री राम जी को अपना उचित सम्मान मिलने जा रहा है । और भव्य राम मंदिर का मा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा उद्घाटन होने जा रहा है।
तब पूर्ण विराम के कगार पर पहुंच चुकी जेडीयू को पुनौरा धाम की याद आई है।

वो भी तब जब मोदी सरकार ने पहले ही पुनौरा धाम को स्वदेश दर्शन के तहत रामायण सर्किट में शामिल किया है।

श्री अरविन्द ने कहा कि भाजपा बिहार के प्रदेश अध्यक्ष श्री सम्राट चौधरी जी ने पहले ही कह दिया है कि जब भाजपा बिहार में सत्ता में आएगी तो प्रभु श्री राम जी के मंदिर की तरह उनकी अर्धांगिनी माता सीता जी को भी उनकी जन्मस्थली पुनौरा धाम को उसका उचित सम्मान देगी।

जबकि इतने साल सता में रहने के बावजूद जनता दल यूनाइटेड ने माता सीता को मंदिर नहीं दे पाई। जनता दल यूनाइटेड का हमेशा से दोहरा चरित्र रहा है। एक तरफ राम मंदिर के निर्माण में लगातार अड़ंगा डालने वाली पार्टी, कारसेवकों पर लाठियां बरसाने वाली पार्टी के साथ गठबंधन किए हुए हैं।

दूसरी ओर रामचरित्रमानस जैसे पवित्र ग्रंथ को काल्पनिक और पोटेशियम साइनाइड बताने वाली पार्टी के साथ गठबंधन करके सरकार में बने हुए है। वहीं हिंदुओं के देवी देवताओं को लगातार अपमानित करवाते रहते हैं ।

तथा हिंदुओं के पर्व त्योहार के मौके पर उनपे बर्बरता से लाठियां चलवाते है तो कभी बिहार सरकार के कर्मचारियों की छुट्टियां हिंदुओं के पर्व त्यौहार के मौके पर रद्द कर देते है ।हिन्दू के मंदिर में बलि पर प्रतिबंध और सार्वजनिक स्थानों पर छुट का दोहरा मापदंड।
और अब पुनौरा धाम के नाम पर हिंदुओं की एकता और उनका महागठबंधन सरकार की ओर विरोधाभास के डर से हिंदुओं के बीच अपना जनाधार खोता देख कर वोट बैंक की स्वार्थ के राजनीति कर के अपना दोहरा चरित्र पुनः प्रकट कर रहे हैं।

18 वर्षों तक जनता दल यूनाइटेड ने हिन्दू धर्मस्थलों के उत्थान के लिए कुछ नहीं किया अब राममंदिर के प्रभाव को देखकर इन्हें कुछ भान हुआ। हालाँकि पुनौरा धाम की याद चुनाव आते ही आया है। यह राजनीतिक अवसरवादिता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

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