पटना: 8/04/2024
पूजा कुमारी, जो पटना की निवासी है, उम्र 27 साल करीब तीन महीने पहले बिल्कुल ठीक थी। अचानक एक दिन उनको पेट में बहुत भयंकर दर्द उठा। आनन फानन में उन्हें पटना के एक चैरिटेबल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
वहाँ पर सारे टेस्ट के बाद गॉलस्टोन पैनक्रियाटाइटिस का पता चला। मरीज काफी दिन वहाँ आइ. सी. यू. में रहने के बाद अस्पताल के वार्ड में आया। पेट का साईज काफी बढ़ता गया तथा वहाँ पर पेट में अल्ट्रासाउण्ड से पिग टेल कैथेटर लगाया गया, करीब दस दिन के (पिगटेल) के बाद वह वहाँ से निकाल दिया गया।
लेकिन उसी बीच पेट का साइज काफी बढ़ता गया तथा खाने के बाद उसे लगातार दर्द होता रहा था, पेट में दर्द बरकरार रहा। उसके बाद पटना के कई बड़े अस्पताल का चक्कर लगाया लेकिन आराम कही भी नहीं मिला। डॉ० संकेत आनन्द (कार्डियोलॉजिस्ट तथा फिजिशियन) वे फिर उनको डॉ० संजीव कुमार (सिनीयर कन्सलटेंट, गैस्ट्रो सर्जन) के पास रेफर किया।
वहाँ डॉ० संजीव कुमार, गैस्ट्रो सर्जन ने उनको ऑपरेशन की सलाह दी तथा दुरबीन से ऑपरेशन के लिए एक टीम बनाई। इस ऑपरेशन की टीम में डॉ० संजीव कुमार सिनियर गैस्ट्रो सर्जन, डॉ० अरविंद कुमार सिंह, गैस्ट्रो सर्जन, डॉ० किशन कुमार तथा डॉ० अरविंद कुमार आदित्य (निश्चेतना सीनियर कन्सलटेंट) के द्वारा करीब चार घंटे ऑपरेशन चला तथा गॉलस्टोन, पैनकियाटिक सूडोसिस्ट तथा ओवेसियन सिस्ट का एक साथ दुरबीन से ऑपरेशन किया गया।
दुरबीन से एक साथ इतने बड़े सुडोसिस्ट ऑपरेशन करना टेकनिकली काफी कठिन था, इस ऑपरेशन को स्टेपलर विधि से सफलतापूर्वक किया गया। डॉ० संजीव कुमार की टीम ने इस जटील ऑपरेशन को सफलतापूर्वक कर इतिहास कर दिया।
पैनक्रियाटिक सूडोसिस्ट एक कठिन तथा जटिल बिमारी है तथा इसे ऑपरेशन के द्वारा ही ठीक किया जा सकता है। पटना के मेडीमैक्स अस्पताल के डायरेक्टर तथा गैस्ट्रोसर्जन ने अपने टीम के सभी डॉक्टर तथा स्टॉफ (पंकज, मनोज, सोनाली तथा प्रमोद जी) को बधाई दी। जिनके बिना इस मरीज को बचाना कठिन होता। डॉ० श्वेता रावत प्रांजल इमेजिन की डायरेक्टर एवं चिफ रेडेलॉजिस्ट ने सिटी स्कैन, एम. आर.आई. के द्वारा बिमारी पकड़ने में मदद कि थी, इनकी भूमिका भी बहुत सराहनीय है।
मरीज का ऑपरेशन 22.03.2024 को किया गया तथा आज दिनांक 08.03.2024 को डिस्चार्ज होकर घर चला गया।
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