बिहार में एक राजनीतिक पार्टी शुरू करने की संभावनाओं की तलाश में ‘जन सुराज यात्रा’ कर रहे प्रशांत किशोर ने संवाददाताओं से कहा कि यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आने वाले दिनों में बदलते राजनीतिक परिद्दश्य में उपयुक्त लगा तो वह फिर से राजग की सरकार…
पटनाः चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) ने दावा किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर प्रदेश में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बना सकते हैं।
फिर BJP से हाथ मिला सकते हैं नीतीश”
बिहार में एक राजनीतिक पार्टी शुरू करने की संभावनाओं की तलाश में ‘जन सुराज यात्रा’ कर रहे प्रशांत किशोर ने संवाददाताओं से कहा कि यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आने वाले दिनों में बदलते राजनीतिक परिद्दश्य में उपयुक्त लगा तो वह फिर से राजग की सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिलाने में एक मिनट का भी इंतजार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि राजग से अलग होने के बाद भी जदयू सांसद हरिवंश नारायण सिंह का राज्यसभा के उपसभापति पद पर आसीन रहना इस बात का पुख्ता संकेत है कि आने वाले दिनों में जदयू और भाजपा को मिलाने में नारायण सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
चुनावी रणनीतिकार ने कहा, ‘जब नीतीश कुमार ने वर्ष 2017 में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की अगुवाई वाले महागठबंधन को छोड़ भाजपा के साथ हाथ मिलाया तब तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली को राजग में प्रवेश करने के लिए दरवाजे के रूप में इस्तेमाल किया गया था वहीं इस बार हरिवंश को तैयार रखा गया है।” उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के इस दावे पर विश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि वह फिर से भाजपा से हाथ नहीं मिलाएंगे।
“2017 में BJP की गोद में जा बैठे नीतीश”
किशोर ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2013 में घोषणा की थी कि वह नष्ट हो जाएंगे लेकिन भाजपा से दोबारा हाथ नहीं मिलाएंगे। लेकिन, वर्ष 2017 में वह भाजपा की गोद में जा बैठे।” उन्होंने कहा कि अपनी राजनीतिक उपयुक्तता के आधार पर किसी भी घेरे को पार करना मुख्यमंत्री नीतीश की विशिष्टता है। चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि तेजस्वी प्रसाद यादव की अपनी कोई राजनीतिक पहचान नहीं है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी प्रसाद यादव राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बेटे हैं और यही उनके उपमुख्यमंत्री बनने का कारण भी है। उन्होंने दावा किया कि नीतीश कुमार ईमानदारी से तेजस्वी के साथ नहीं हैं और वह उनका इस्तेमाल अपने राजनीतिक हित साधने के लिए कर रहे हैं।
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