बिहार के छपरा में हुई 14 लोगों की मौत ने एक बार फिर सुशासन बाबू की सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. मृतकों के परिजनों ने सीधा कहा कि ठंड से कोई मौत नहीं हुई बल्कि जहरीली शराब (Poisonous Liquor) पीने से जान गई है. एबीपी न्यूज की टीम ने छपरा में हुए इस कांड के पीड़ित परिजनों से बात की. मकेर थाना क्षेत्र के जनता बाजार में महिला चीख-चीख कर कह रही थी कि जहरीली शराब से मौत हुई है. यहां 30 वर्षीय सूरज की जहरीली शराब से मौत की बात सामने आई. परिजनों का कहना था कि सही समय पर जानकारी नहीं मिली और इलाज नहीं हो सका जिसके कारण ये घटना हो गई.
मढ़ौरा थाना क्षेत्र के कर्णपुरा में राजेश शर्मा की भी मौत हुई है. राजेश की पत्नी का कहना है कि जहरीली शराब पीने की वजह से उसके पति की मौत हो गई. गांव का एक व्यक्ति शराब बनाता था. उसने ही उसके पति को शराब पिलाई थी जिससे पति की मौत हो गई. वहीं, कर्णपुरा में कुछ और लोगों ने भी जहरीली शराब से मौत की बात कही.
घटना के बाद हो रही हाई लेवल मीटिंग
बता दें कि तीन दिनों के अंदर सारण जिले के मकेर और अमनौर प्रखंड में कथित जहरीली शराब से मौतों का आंकड़ा 14 हो गया है. इस घटना के बाद शुक्रवार को हाई लेवल की बैठक हुई. इसमें गृह सचिव के सेंथिल कुमार, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर संजय सिंह और मद्य निषेध के आईजी अमृत राज समेत जिले के कई अधिकारी थे.
पूरी घटना पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर संजय सिंह ने कहा कि 14 लोगों की मौत हुई है. इस मामले की जांच चल रही है, उनके परिवार वालों ने कहा है कि कुछ लोगों की ठंड की वजह से भी मौत हुई है. कुछ लोगों के बारे में यह बात जरूर सामने आई है कि उन्होंने शराब का सेवन किया था. दिक्कत इसमें ये आ रही है कि काफी लोगों ने शव का दाह संस्कार कर दिया है. सिर्फ चार लोगों का ही पोस्टमार्टम हो सका है. आवश्यकता होगी त घटनास्थल का निरीक्षण होगा. इस मामले में पिछले दो दिनों से छापेमारी भी की जा रही है.
सारण के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने बताया एक एक व्यक्ति की जानकारी ली गई है और बैठक में समीक्षा की गई. अमनौर और मकेर के क्षेत्र में हम लोग अभियान चला रहे हैं कि अभी भी कोई बीमार पड़ा है तो उसका इलाज कराया जाए. कुल अब तक 14 लोगों की मौत की बात सामने आई है.
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