मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पटना पहुंचने के पूर्व ही उनके आगमन और कार्यक्रम को लेकर प्रदेश की राजनीति गर्म हो गई है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और मंत्री तेजप्रताप यादव पहले ही शास्त्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, अब मंत्री सुरेंद्र राम भी शास्त्री के विरोध में मैदान में उतर गए हैं।
बिहार के श्रम संसाधन मंत्री सुरेंद्र राम ने कहा कि ऐसे बाबाओं से हिंदू और सनातन धर्म दोनों बदनाम हो रहा है। ऐसे बाबाओं का देश हित, समाज हित और धर्म हित के लिए विरोध होना बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोग एक दूसरे धर्म से लड़ाने का काम करते हैं।
र्म को टुकड़ों में बांटने वालों को करारा जवाब मिलेगा
उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री को ढोंगी बाबा बताते हुए कहा कि ऐसे ढोंगी बाबाओं का बहिष्कार होना चाहिए, ऐसा मैं मानता हूं। उन्होंने कहा कि हमारे इस देश में सभी धर्म सभी जाति और सभी मजहब के लोग एक दूसरे से प्रेम के साथ रहते हैं और एक दूसरे के धर्म का सम्मान करते हैं। इधर, राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पहले ही कह चुके हैं कि शास्त्री जैसे लोगों को सलाखों के पीछे डाल देना चाहिए।
सिंह ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह (शास्त्री) जेल में नहीं हैं। भाजपा बिहार में सांप्रदायिक गुंडों को खड़ा कर रही है। इस देश के लोगों की संतों पर बहुत आस्था है, लेकिन भाजपा उसे नष्ट कर रही है। बिहार के मंत्री और राजद नेता तेज प्रताप यादव ने कहा है कि अगर धीरेंद्र शास्त्री सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए यहां आ रहे हैं, तो इसका विरोध होगा। उन्होंने कहा कि धर्म को टुकड़ों में बांटने वालों को करारा जवाब मिलेगा।
इस बीच, इस संबंध में सोमवार को जब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी से पूछा गया तब उन्होंने कहा यह भारत है, जहां किसी को अपनी बातें कहने का हक है, कोई किसी को रोक कैसे सकता है। उन्होंने कहा कि राजद अगर किसी धर्मगुरु को बोलने का विरोध कर रहे हैं, तो वह सांप्रदायिक हो गई।
उन्होंने कहा कि हिंदू धर्मगुरु हो या किसी भी धर्म का धर्मगुरु हो, उन्हें मौलिक अधिकार है कि वह अपने प्रवचन से समाज को जोडने का काम कर सके। अगर कोई रोकता है तो यह तुष्टिकरण है। इसका मतलब है कि राजद तुष्टिकरण कर रहा है।
धीरेन्द्र शास्त्री पटना में 13 से 17 मई तक हनुमत कथा सुनाने वाले हैं। पहले यह कार्यक्रम गांधी मैदान में प्रस्तावित था, लेकिन यातायात व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण को देखते हुए इसे पटना जिले के ही नौबतपुर में कर दिया गया है। इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। बताया जाता है कि धीरेंद्र शास्त्री 12 मई को पटना आ जाएंगे।
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