बिहार की सरकार का रवैया घोषित आपातकाल के समान—विजय कुमार सिन्हा

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बिहार सरकार की तानाशाही से हो रहा है संबैधानिक संस्थाओं का अपमान

असली आपातकाल लगाने बाले कांग्रेस के गोद में बैठी है बिहार सरकार

लालू जी औऱ नीतीश जी से प्राप्त करें तेजस्वी असली आपातकाल का ज्ञान।

पटना 8 मई2023

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के अघोषित आपातकाल बाले बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि तेजस्वी जी को बिहार सरकार के घोषित आपातकाल के समान रवैया पर भी प्रकाश डालना चाहिए।

श्री सिन्हा ने कहा कि महागठबंधन सरकार ने जिस प्रकार राज्य में लूट की खूली छूट दी है और संबैधानिक संस्थाओं की मर्यादाओं को तार तार कर दिया है राज्य की जनता से छिपा हुआ नहीं है।बिहार में भ्रष्टाचार, हत्या, लूट, अपहरण औऱ बलात्कार इस प्रकार निर्बाध रूप से चालू है मानो राज्य में पुलिस और प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं है।एक मंत्री 5-5 बिभाग के प्रभार में हैं जिससे सभी विभागों का काम ठप है।मुख्यमंत्री आधा दर्जन मंत्री को लेकर देश घूम रहे हैं।यह लोकतंत्र का मजाक बन गया है।विधायिका, न्यायपालिका का कार्यपालिका द्वारा सरेआम अपमान किया जा रहा है।माननीय न्यायालय द्वारा राज्य के वरीय अधिकारियों पर जुर्माना लगाया जा रहा है।क्या यह स्थिति घोषित आपातकाल के समान नहीं है?

श्री सिन्हा ने कहा कि बिहार की सरकार देश में आपातकाल लगाने बालों की गोद में बैठी है।देश जानता है कि कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर सभी संबैधानिक संस्थाओं को ध्वस्त कर दिया था।राज्य की महागठबंधन सरकार भी उसी नक्शे कदम पर चलते हुए बेलगाम अफसरशाही द्वारा राज्य की जनता को पीसने में लगी हुई है।महागठबंधन के घोषणा पत्र में सभी शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा का वादा करने के बाबजूद अब उन्हें परीक्षा में बैठने के लिए कहा जा रहा है।क्या सरकार का यह कदम आपातकाल की धाराओं से कम है?महागठबंधन में शामिल दल भी सरकार के इस बर्ताब के साथ खड़े नहीं हैं।इससे बड़ा आपात काल क्या होगा कि शिक्षक भर्ती नियमाबली के प्राबधान के मुताबिक पिता पुत्र पुत्री सभी को एक साथ परीक्षा देना पड़ेगा।

श्री सिन्हा ने कहा कि असली आपातकाल क्या होता है इसका ज्ञान अपने पिता एवम चाचा नीतीश कुमार से प्राप्त करें।लोकतंत्र, संबिधान औऱ न्यायालय की रक्षा हेतु जो लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में देश व्यापी आंदोलन हुआ था कमोबेश वे भी उसमें शामिल थे।लेकिन अब आपात काल लगाने बालों के साथ गलबहियां यह प्रमाणित करता है कि सत्ता एवम स्वार्थ के लिए ये किसी भी हद तक नीचे गिर सकते हैं।बिहार की जनता सब देख रही है और समय आने पर करारा जवाब देगी।

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