भागलपुर में गंगा नदी पर 1716 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा पुल रविवार को रेत की दीवार की तरह भरभरा कर गिर गया। गंगा नदी पर भागलपुर के सुल्तानगंज से खगड़िया के अगुवानी के बीच बन रहा फोरलेन पुल ऐसे ढहा जैसे इसे ताश के पत्तों से खड़ा किया गया हो।
पटना: भागलपुर में गंगा नदी पर 1716 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा पुल रविवार को रेत की दीवार की तरह भरभरा कर गिर गया। गंगा नदी पर भागलपुर के सुल्तानगंज से खगड़िया के अगुवानी के बीच बन रहा फोरलेन पुल ऐसे ढहा जैसे इसे ताश के पत्तों से खड़ा किया गया हो। पिछले साल इसी पुल का स्ट्रक्चर ध्वस्त हो गया था, उस समय जदयू भाजपा की सरकार थी। 2 अप्रैल 2015 से ही बन रहे इस पुल को पूरा करने की समय सीमा 6 बार फेल हो चुकी है। रविवार को आधा पुल ही गंगा में समा गया। इस पुल के गिरने के बाद विपक्ष ने सरकार का घेराव किया है। भाजपा के सभी नेता एक सुर में नीतीश सरकार पर हमला बोल रहे हैं।
जदयू प्रवक्ता का सरकार का किया बचाव
इस घटना पर सरकार का बचाव करते हुए जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि इंजीनियरों की टीम को मौके पर भेजा गया है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम इस बात की जांच करेगा कि पानी के बहाव या अन्य तकनीकी कारणों से पुल का हिस्सा पानी में गिर गया। हालांकि इस घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी आनन फानन में अधिकारियों से बातचीत की और घटना की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई के आदेश दिए।
यह घटना कोई पहली घटना नहींः तेजस्वी यादव
वहीं बिहार के डिप्टी सीएम सह पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव ने अपने विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के साथ देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घटना पर सफाई दी है। तेजस्वी ने कहा कि यह घटना कोई पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी इस पुल का एक स्ट्रक्चर गिर गया था, जिसकी जांच आईआईटी रुड़की से करवाई गई थी। इसके डिजाइन में कुछ गड़बड़ी की पहले से आशंका थी। आईआईटी रुड़की की रिपोर्ट आनी बाक़ी है। तेजस्वी ने ये भी कहा कि इस घटना के बाद संवेदक पर कड़ी कार्रवाई होगी। कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। इसमें सरकार को कोई अतिरिक्त भार वहन नहीं करना होगा बल्कि संवेदक को हर्जाना देना होगा।
पहले भी सरकार ने कंपनी पर नहीं की कोई कार्रवाई
बता दें कि पिछले साल 30 अप्रैल, 2022 को इस पुल के पाया संख्या 405 और 6 के बीच सुपर स्ट्रक्चर हवा के झोंके में गिर गया था। उस वक्त ही इस पुल के निर्माण कार्य पर गंभीर सवाल खड़े हुए थे लेकिन राज्य सरकार ने एसपी सिंघला कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। कंपनी को पुल का काम पूरा करने के लिए और समय दे दिया गया। अब सरकार इसके डिज़ाइन को ही गड़बड़ बता रही है।
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