हिन्दू पंचांग के मुताबिक हर पूर्णिमा का महत्व हैं वहीं माघ मास में होनेवाले पूर्णिमा का विशेष महत्व है। खासकर इस तिथि को उत्तरायण गंगा एवं कोसी के संगम स्थल कुरसेला में डुबकी लगानेवालों को प्रयागराज के गंगा स्नान का लाभ मिलता है। बताते चलें कि इसा बार 16 फरवरी को सुबह 9:42 बजे से पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होकर 16 फरवरी को रात में 10:55 पर समाप्त होगी।
इस दौरान साधक प्रात:काल गंगा समेत पवित्र नदियों और सरोवरों में आस्था की डुबकी लगाकर तिलांजलि करते हैं। जबकि माघी पूर्णिमा के स्नान को शाही स्नान के नाम से जाना जाता है। बताया जाता है कि इस दिन के स्नान को कुम्भ स्नान भी कहा जाता है। खासकर मनिहारी एवं गंगा कोसी संगम स्थल कुरसेला में इस दिन उत्सव का माहौल रहता है। इस दिन पूजा, जप, तप और दान का विधान है। साथ ही दान करने से व्यक्ति के जीवन में सुख व समृद्धि का आगमन होता है। इतना ही नहीं मृत्यु के बाद साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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