मुख्यमंत्री के निर्देश :
● सभी जिलों के प्रभावित क्षेत्र के लोगों को राहत एवं सहायता तत्काल उपलब्ध करायें।
• सभी प्रभावित लोगों की मदद करनी है, कोई भी वंचित न
रहे इसका विशेष ख्याल रखें। • तीन दिनों के अंदर सभी जिलाधिकारी पहले की फसल क्षति के आंकलन के साथ-साथ हाल के दिनों में अधिक वर्षापात
के कारण हुई फसल क्षति का आंकलन कर रिपोर्ट दें
• राज्य के सभी जिलों में फसल की क्षति का आंकलन करने के साथ-साथ जहां अत्यधिक जलजमाव के कारण बुआई नहीं हो सकी है उसका भी ठीक से आंकलन कर लें।
• प्रभावित लोगों के साथ संपर्क बनाये रखें एवं उनके सुझावों पर भी गौर करें सभी प्रभावित लोगों की पूरी संवेदनशीलता के साथ मदद करनी है।
• बचे हुए बाढ़ प्रभावित लोगों में जी०आर० (चुट्स रिलीफ) राशि का वितरण शीघ्र करें।
• बाढ़ के दौरान जो सड़कें क्षतिग्रस्त हुयी है, उसकी शीघ्र मरम्मत करायें।
पटना, 05 अक्टूबर 2021- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने अतिवृष्टि के कारण उपजी बाढ़
की स्थिति का हवाई सर्वेक्षण कर लौटने के उपरांत अणे मार्ग स्थित संकल्प में आपदा
प्रबंधन विभाग एवं जल संसाधन विभाग के साथ समीक्षा की समीक्षा के दौरान संबद्ध 11
जिलों- नवादा, नालंदा, पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर सीतामढ़ी, शिवहर पूर्वी चंपारण, पश्चिमी
चंपारण, गोपालगंज एवं छपरा जिले के जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुये थे।
जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजीव हंस ने नदियों के जलस्तर की अद्यतन स्थिति बाद संघात्मक कार्य तथा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाय के लिये किये जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 1 अक्टूबर से अधिक वर्षामात के कारण कई नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। साथ ही क्षेत्रों में जलजमाव की भी स्थिति बनी है। मुख्यमंत्री द्वारा 2 अक्टूबर को नवादा पटना एवं नालंदा जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सड़क मार्ग के द्वारा जायजा लिया गया और उस दौरान जो निर्देश दिये गये है उस पर तेजी से काम किया जा रहा है।
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने प्रभावित क्षेत्रों में आपदा
राहत कार्यों के संबंध में जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान नवादा, नालंदा, पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवडर, पूर्वी
चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज एवं छपरा जिले के जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जिलों
में प्रभावित जनसंख्या की स्थिति, कम्युनिटी किचेन, बाढ़ राहत शिविर, पशु राहत शिविर,
सड़क क्षति, फसल क्षति तथा बाढ़ से बचाव एवं किये जा रहे राहत कार्यों की जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले चरण में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की
गई सत्य ही क्षति का भी आकलन कराया गया। सभी जिलों के प्रभारी मंत्री अपने-अपने
जिलों में जनप्रतिनिधियों एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की। हाल
डी में अधिक वर्षापात से कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी। जिसके कारण फसल क्षति के
साथ-साथ कई अन्य प्रकार के नुकसान हुए। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि तीन दिनों के
अंदर सभी जिलाधिकारी पहले की फसल क्षति के आंकलन के साथ-साथ हाल के दिनों में
अधिक वर्षापात के कारण हुई फसल क्षति का आंकलन कर रिपोर्ट दें राज्य के सभी जिलों
में फसल की यति का आकलन करने के साथ-साथ जहां अत्यधिक जलजमाव के कारण
बुआई नहीं हो सकी है उसका भी ठीक से आंकलन कर लें। जहां कहीं भी क्षति हुई है वहां
राहत एवं बचाव कार्यों को लेकर तत्काल कदम उठायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों एवं पुलों के साथ-साथ अन्य क्षति का भी आंकलन करायें। प्रभावित लोगों के साथ संपर्क बनाये रखें एवं उनके सुझावों पर भी गौर करें। सभी प्रभावित लोगों की पूरी संवेदनशीलता के साथ मदद करनी है। उन्होंने कहा कि बचे हुए बाढ़ प्रभावित लोगों में जी०आर० (मैट्स रिलीफ) राशि का वितरण शीघ्र करें सभी प्रभावित लोगों की मदद करनी है, कोई भी वंचित न रहे इसका विशेष ख्याल रखें। सभी जिलाधिकारी, आपदा प्रबंधन विभाग, कृषि विभाग तथा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के निरंतर संपर्क में रहे।
मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुये कहा कि बाढ़ के दौरान जो सड़कें क्षतिग्रस्त हुयी हैं,
उसकी शीघ्र मरम्मत करायें। पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग अपने अभियंताओं से
बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के पयों की स्थिति का अपडेट लें।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजीव हंस, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल, कृषि विभाग के सचिव श्री एन० सरवन कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फोसिंग के माध्यम से संबंधित जिलों के प्रमंडलीय आयुक्तगण 11 जिलों के जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक जुड़े हुये थे।
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