मुख्यमंत्री ने पुलिस आधुनिकीकरण से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की

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मुख्य बिन्दु :

 प्रति एक लाख की जनसंख्या पर 150 से 160 की संख्या में पुलिस बल की तैनाती हो, इस दिशा में तेजी से काम करें।

अनुसंधान का काम 60 दिनों के अंदर सुनिश्चित हो ताकि ट्रायल चलाकर अपराधियों को त्वरित सजा दिलाई जा सके।

अपराध को नियंत्रित रखने के लिए पुलिस बल में बहाली और ट्रेनिंग काफी महत्वपूर्ण है इसलिए इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

पटना, 02 अप्रैल 2022 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में पुलिस आधुनिकीकरण से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। अपर पुलिस महानिदेशक आधुनिकीकरण श्री कमल किशोर सिंह ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से पुलिस मॉडर्नाइजेशन स्कीम, ट्रेनिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, पुलिस केंद्र हेतु भूमि एवं भवन की अद्यतन स्थिति, मॉडर्नाइजेशन ऑफ़ पुलिस फोर्स प्लान, थानों में वाहनों की स्थिति मेल / फीमेल बैरक बेड की अद्यतन स्थिति, इमरजेंसी रिस्पॉस व्हीकल, डिजास्टर रिकवरी सेंटर, ऑनलाइन चरित्र प्रमाण पत्र की सुविधा, थानों में आगंतुक कक्ष, महिला शौचालय एवं स्नानागार के निर्माण आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बिहार के सीमित क्षेत्रफल और आबादी को ध्यान में रखते हुए प्रति एक लाख की जनसंख्या पर 150 से 160 की संख्या में पुलिस बल की तैनाती हो, इस दिशा में तेजी से काम करें। इसके लिए सेवानिवृत हो रहे पुलिसकर्मियों के खाली पदों को भरने के अलावा पुलिस बल में जरूरत के मुताबिक नयें पदों को भी सृजित करें। हमलोगों ने वर्ष 2014 में प्रति एक लाख की आबादी पर 115 पुलिसकर्मियों की तैनाती का निर्णय लिया था, जिसे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण की क्षमता का और अधिक विस्तार हो। इस दिशा में भी तेजी से कार्रवाई सुनिश्चित हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय कानून के तहत बिहार में कानून का राज कायम रखने के लिए पुलिस की कार्य संस्कृति को दो हिस्सों (अनुसंधान एवं कानून व्यवस्था) में बांटा

गया। अनुसंधान का काम 60 दिनों के अंदर सुनिश्चित हो ताकि ट्रायल चलाकर अपराधियों को त्वरित सजा दिलाई जा सके। सभी थानों को यथाशीघ्र अपना भवन उपलब्ध हो और उसमें महिला शौचालय एवं स्नानागार की सुविधा सुनिश्चित हो। इस काम को इमरजेंसी प्रोविजन में रखते हुए व्यवस्था उपलब्ध करायें। खपरैल छतों वाले थाना भवनों की जगह अच्छे भवन बनवाएं। अपराध को नियंत्रित रखने के लिए पुलिस बल में बहाली और ट्रेनिंग काफी महत्वपूर्ण है इसलिए इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोगों की सहूलियत के लिये ऑनलाइन सुविधा देना जरूरी है किंतु इसके साथ-साथ उसकी हार्ड कॉपी भी जरूर रखें।

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, अपर मुख्य सचिव गृह श्री चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्री विनय कुमार, सचिव गृह श्री जितेन्द्र श्रीवास्तव, अपर पुलिस महानिदेशक श्रीमती शोभा अहोतकर सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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