पटना, 07 अगस्त 2023 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बिहार संग्रहालय के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित बिहार संग्रहालय बिनाले -2023 एवं ‘टूगेदर वी आर्ट’ का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। स्थापना दिवस के अवसर पर बिहार संग्रहालय के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में बिहार संग्रहालय के महानिदेशक श्री अंजनी कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को नव – पौध एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर उनका अभिनंदन किया। बिहार संग्रहालय द्वारा प्रकाशित पत्रिका, बुकलेट एवं न्यूज लेटर का भी मुख्यमंत्री ने विमोचन किया।
कार्यक्रम में शामिल होने से पहले मुख्यमंत्री ने म्यूजियम शॉप में वुड क्राफ्ट, टिकुली पेंटिंग, मधुबनी पेंटिंग, बंबू क्राफ्ट, सिक्की क्राफ्ट, जूट क्राफ्ट, भागलपुरी सिल्क सहित अन्य विभिन्न कलाकृतियों से संबंधित लगाई गयी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने अस्थायी प्रदर्शनी एवं टूगेदर वी आर्ट में विभिन्न देशों के कलाकारों द्वारा प्रदर्शित की गयी कलाकृतियों का फीता काटकर शुभारंभ किया। कलाकारों ने मुख्यमंत्री को पेंटिंग भेंटकर उनका अभिनंदन किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सबसे पहले इस कार्यक्रम में आप सभी का स्वागत एवं अभिनंदन करता हूँ। आज ही दिन 7 अगस्त 2015 को इस अंतर्राष्ट्रीय स्तर के बिहार म्यूजियम का शुभारंभ किया गया था। बिहार म्यूजियम का निर्माण कार्य जुलाई 2013 में शुरू हुआ था, जिसके एक हिस्से में ओरिएंटेशन गैलरी, चिल्ड्रेन गैलरी, थियेटर आदि का लोकार्पण 7 अगस्त 2015 को किया गया। शेष निर्माण कार्य पूरा होने पर इसका उद्घाटन बापू के जन्म दिवस 2 अक्टूबर 2017 को किया गया। इस तरह पूरे तौर पर इसका उद्घाटन वर्ष 2017 में किया गया। इसके बाद यह तय किया गया कि प्रतिवर्ष 7 अगस्त को बिहार संग्रहालय का स्थापना दिवस मनाया जाएगा। इसके अलावा हमलोगों ने यह भी तय किया कि हर साल बापू की जयंती के अवसर पर लोगों को निःशुल्क बिहार म्यूजियम का भ्रमण कराया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोग बिहार म्यूजियम में प्रदर्शित कलाकृतियों को देखें और अपने इतिहास को जानें बिहार संग्रहालय में प्रथम म्यूजियम बिनाले का आयोजन वर्ष 2021 में शुरू किया गया और यह तय किया गया कि प्रत्येक दो साल पर म्यूजियम बिनाले का आयोजन किया जाएगा। आज म्यूजियम बिनाले का दूसरी बार यहाँ आयोजन हो रहा है। अब दो साल बाद वर्ष 2025 में यहाँ म्यूजियम बिनाले का आयोजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में दुनिया के अनेक देशों के म्यूजियम विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। जी-20 के बीस देशों के अलावा अन्य 9 देशों से प्रतिनिधिगण यहां आये हुए हैं। मैं उन सभी लोगों का स्वागत करता हूं। मैं छात्र जीवन में और बचपन में भी पटना म्यूजियम को देखने जाता था। सरकार में आने के बाद वर्ष 2009 में हमने पटना संग्रहालय जाकर एक-एक चीज को देखा और 5 करोड़ रूपये खर्च कर पटना म्यूजियम के
विस्तार के बारे में निर्णय लिया गया लेकिन बाद में विस्तृत रूप से चर्चा में यह बात सामने आई कि वहां इतनी ज्यादा चीजें उपलब्ध हैं, जिन्हें प्रदर्शित करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। इसके बाद पटना में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बिहार म्यूजियम बनाने का फैसला लिया गया और उसके लिये इस जगह का चयन किया गया। पहले इस स्थल पर पांच सरकारी भवन हुआ करते थे। शुरुआती दौर में कुछ लोग इसके खिलाफ बोलते थे लेकिन जब बिहार म्यूजियम बनकर तैयार हो गया तब किसी ने इसका विरोध नहीं किया। इसका नामकरण हमने बिहार म्यूजियम किया। चार साल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बिहार म्यूजियम बनकर तैयार हो गया। कनाडा की कंपनी लार्ड कल्चरल रिसोर्सेज के इंजीनियरों ने बिहार म्यूजियम का डिजाइन तैयार किया है। विश्व प्रसिद्ध जापान की मॉकी एंड एसोसिएट्स ने इसका निर्माण किया है। देश में कहीं भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर का ऐसा म्यूजियम नहीं है। पटना म्यूजियम 100 साल पुराना है और वह एक पौराणिक स्थल है, जहाँ खुदाई का काम भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई टेक्नोलॉजी के आने से लोग पुरानी बातों को बहुत जल्द भूलने लगे हैं। आज कल लोग नई तकनीक पर ही पूरी तरह से निर्भर हो गये हैं, यह ठीक नही है। हम लगातार कहते रहते हैं कि महत्वपूर्ण चीजों को कागज पर जरुर रखें ताकि आने वाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि नई तकनीक पर अगर पूरी तरह से निर्भरता होगी तो एक दिन ऐसा आएगा कि सब कुछ खत्म हो जायेगा, इसमें 100 साल भी नहीं लगेगा। आने वाली पीढ़ी के लिए सब कुछ सुरक्षित रहना चाहिए। पुरानी चीजों को याद रखने के लिए हमने बिहार म्यूजियम का निर्माण कराया है। पटना म्यूजियम का भी विस्तार कर रहे हैं। हमें पटना म्यूजियम का भी ख्याल रखना है। पटना म्यूजियम और बिहार म्यूजियम को आपस में अंडरग्राउंड आर्ट गैलरी के रूप में जोड़ने का काम जल्द शुरु होने वाला है। तेजी से इस काम को पूरा करना है। इसको लेकर करीब डेढ़ किलोमीटर अंडरग्राउंड सब-वे का निर्माण होगा। देश में इतना लंबा अंडरग्राउंड सब-वे नहीं है। पहले इसके निर्माण पर करीब 350 करोड़ रूपये खर्च का अनुमान लगाया गया था, अगर 500 करोड़ रुपये भी खर्च होगा तो भी इसका निर्माण कराया जायेगा। अंडरग्राउंड रास्ता का निर्माण होने से बिहार म्यूजियम आने वाले लोग पटना म्यूजियम को भी देख सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार दुनिया का सबसे पौराणिक स्थल है। आज कल हर जगह यह देखने को मिल रहा है कि हिंदी के शब्दों को अंग्रेजी में लिखा जा रहा है, यह उचित नहीं है। हिंदी के साथ अंग्रेजी शब्दों का भी इस्तेमाल करें ताकि अधिक से अधिक लोग चीजों को समझ सकें। बिहार म्यूजियम के मेटेनेंस का हमने पहले निर्देश दिया था। अब काफी अच्छे से इसका मेटेनेंस हो रहा है। दूसरे राज्यों एवं देशों से बिहार म्यूजियम आने वाले लोगों से उनका अनुभव जरूर जानें और उसे यहाँ प्रदर्शित करें। इससे बिहार म्यूजियम को लेकर उनके विचार सामने आयेंगे। बिहार म्यूजियम आने वाले लोगों की सुविधा का विशेष रूप से ख्याल रखें ताकि उन्हें किसी प्रकार की कोई कठिनाई न हो। मेंटेनेस का काम निरंतर एवं बेहतर ढंग से हो, इसका विशेष रूप से ख्याल रखें। आप सभी लोगों के हित में काम करें, हम यही चाहते हैं। नई पीढ़ी के लोगों को पुरानी बातों से अवगत कराते रहें ।
कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री जितेन्द्र कुमार राय एवं बिहार संग्रहालय के महानिदेशक श्री अंजनी कुमार सिंह ने भी संबोधित किया। कला संस्कृति एवं युवा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्रीमती हरजोत कौर ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
इस अवसर पर बिहार विधान परिषद के सभापति श्री देवेश चंद्र ठाकुर, बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री महेश्वर हजारी, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री आलोक कुमार मेहता, विधि मंत्री श्री शमीम अहमद, उद्योग मंत्री श्री समीर कुमार महासेठ, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री श्री रत्नेश सदा, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री उदयकांत मिश्रा, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री मनीष कुमार वर्मा, सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के सचिव श्री अनुपम कुमार, पर्यटन सचिव श्री अभय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित विभिन्न देशों के प्रतिनिधिगण, कलाकारगण, संग्रहालय विशेषज्ञ, कला विशेषज्ञ, कला प्रेमी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे ।
बिहार संग्रहालय स्थापना दिवस कार्यक्रम के पश्चात् के पत्रकारों से मुख्यमंत्री ने बातचीत की। पत्रकारों द्वारा श्री राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने से संबंधित पूछे गये प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री राहुल गांधी की संसद सदस्यता सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद फिर से बहाल हो गई है। ये बहुत खुशी की बात है। इस तरह की उनके साथ जो घटना घटी, सबको खराब लगी थी। जब फैसला उनके पक्ष में आ गया है तो सबको खुशी है । हमलोगों के द्वारा उनके लिए बधाई है। ये बहुत अच्छा हुआ है।
विपक्षी एकजुटता के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब देश भर की अनेक पार्टियां एकजुट होकर एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी और इसकी शुरुआत पटना से हो चुकी है । इसके बाद अब मुंबई में बैठक होने वाली है। हम सब मिलकर इस पर आगे चर्चा करेंगे।
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