बिहार में इन दिनों सियासी बवाल जारी है. महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. जेडीयू-आरजेडी के नेताओं के बीच यूं तो शीतयुद्ध लंबे समय से चल रहा है, लेकिन शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने चिंगारी को हवा दे दी है.
ताजा बवाल बढ़ा है, हिंदू धर्मग्रंथ रामचरितमानस पर शिक्षा मंत्री के विवादित बयान के बाद. बीते दिनों उन्होंने ये कह दिया कि मनुस्मृति, रामचरितमानस और बंच आफ थाट्स जैसी किताबों को जला देना चाहिए. इन किताबों ने समाज में नफरत फैलाई और लाेगों को सदियों पीछे धकेल दिया.
शिक्षा मंत्री के बयान के बाद न केवल जेडीयू ने आपत्ति जताई है, बल्कि उनकी पार्टी आरजेडी के अंदर भी बंटी राय पर बहस छिड़ गई है. महागठबंधन में टूट के संकेत यहीं तक सीमित नहीं है, न ही लड़ाई केवल राय और विचारों तक रह गई है. पिछले कुछ महीनों के दौरान सार्वजनिक तौर पर भी कई बार टकराव देखे गए हैं. बिहार में महागठबंधन में ‘अब टूटा कि तब टूटा’ वाली स्थिति दिख रही है.
जब सुधाकर सिंह ने खोला था मोर्चा
आरजेडी कोटे से मंत्री बनाए गए सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार को शिखंडी कह डाला था. हालांकि उन्होंने बाद में सफाई दी थी, लेकिन विवाद काफी बढ़ गया था. सुधाकर आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं. नीतीश कुमार ने तब कहा था कि पार्टी को ऐसे नेताओं पर कुछ सोचना चाहिए. डिप्टी सीएम तेजस्वी ने भी आपत्ति तो जताई, लेकिन कार्रवाई का निर्णय मुखिया लालू प्रसाद की ओर उछाल दिया था.
जेडीयू नेताओं ने जताई कड़ी आपत्ति
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर नीतीश कुमार ने पहले तो यह कह के पल्ला झाड़ लिया कि उन्हें कुछ पता नहीं है, लेकिन उनकी पार्टी जेडीयू ने कड़ी आपत्ति जताई है. अशोक चौधरी ने कहा है कि उनकी पार्टी न ऐसे बयान देती है और न ही उस बयान का समर्थन करती है. आरजेडी ने इसे व्यक्तिगत बयान कह कर पल्ला झाड़ लिया हो, लेकिन हमें कड़ी आपत्ति है. सीएम नीतीश सभी धर्म और धर्मग्रंथों का सम्मान करते हैं. चंद्रशेखर के बयान से महागठबंधन की हिंदू विरोधी छवि जाएगी.
आरजेडी में भी अलग-अलग सुर
रामचरितमानस पर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के विवादित बयान पर आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी की राय भी बंटी हुई है. पार्टी कार्यालय में जगदानंद सिंह ने कहा कि रामचरितमानस में बहुत अच्छी बातें हैं, लेकिन उसमें कचरा भी है, जिसे साफ करना पड़ेगा. यह सवाल चंद्रशेखर ने उठा दिया है. इस बयान की निंदा नहीं हो रही है. गंदे लोग इसकी निंदा कर रहे.
वहीं उनके पास में ही बैठे शिवानंद तिवारी ने कहा, उसमें हीरा-मोती भी है. अगर कोई कहे कि सिर्फ रामचरितमानस घृणा फैलातीहै तो मैं व्यक्तिगत रूप से इस बयान के साथ नहीं हूं. उन्होंने कहा कि पार्टी को एक मीटिंग कर के अपनी राय स्पष्ट करनी चाहिए.
मंदिर में मानस पाठ
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार की अगुवाई में पटना के राजबंशी नगर स्थित बजरंगबली मंदिर में जेडीयू के दर्जनों नेताओं ने हाथ में रामचरितमानस लेकर पाठ किया. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में रामचरित मानस एक पवित्र ग्रंथ है और घर-घर में इस ग्रंथ की पूजा होती है, जिसने इस पर सवाल उठाया है उन्हें विचार करने की जरूरत है. वहीं, जेडीयू नेता ललन सिंह ने भी शनिवार को आपत्ति जताते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री के बयान पर क्या करना है, वो आरजेडी देखेगी.
कार्रवाई नहीं होने पर भड़के उपेंद्र कुशवाहा
चंद्रशेखर पर आरजेडी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने पर जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भड़के हुए हैं. उन्होंने खुले तौर पर कह दिया है कि आरजेडी के नेता बीजेपी को फायदा पहुंचा रहे हैं. पहले सुधाकर सिंह और अब प्रो चंद्रशेखर के खिलाफ कार्रवाई नहीं होना यही साबित करता है.
उन्होंने कहा कि रामचरितमानस जैसे विषय पर बात करने का मतलब है कि आरजेडी फील्ड में जाकर बीजेपी की पिच पर खेल रही है और उसे फायदा पहुंचा रही है. आरजेडी का शीर्ष नेतृत्व यह चाहता है कि केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाइयों से बचने के लिए उनको केंद्र सरकार से मदद मिले. महागठबंधन के लिए सही होगा कि ऐसी आशंकाओं को आरजेडी जल्द से जल्द खारिज करे.
हालांकि कुशवाहा का एक दर्द और है. वो डिप्टी सीएम पद की उम्मीद में थे, लेकिन चर्चा शुरू ही हुई थी कि सीएम नीतीश ने शंका-आशंका को खारिज कर दिया. उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि अब जेडीयू कोटे से एक भी मंंत्री नहीं बनना है. आगे जो भी मंत्री बनना है, वो आरजेडी कोटे से बनेगा.
अब शांत हैं शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर!
रामचरित मानस पर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बीते बुधवार को बयान दिया था. अब वो शांत है. खबर है कि नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में उनकी जमकर क्लास लगाई है. इसके बाद से वो शांत हो गए हैं. अब सिंह इस मामले पर किसी से बात नहीं करना चाह रहे. सीएम नीतीश की डांट के बाद अब शिक्षा मंत्री ने चुप्पी साध ली है.
बीजेपी क्यों है उत्साहित?
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और कटिहार से विधायक तारकिशोर प्रसाद ने पिछले दिनों कहा था कि जेडीयू के कई सांसद बीजेपी के संपर्क में हैं. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की सभा से पहले मुजफ्फरपुर सांसद अजय निषाद ने भी कहा था कि जेडीयू में भगदड़ मचने वाली है. पार्टी में बड़ी टूट होगी. उनका दावा था कि महागठबंधन से जेडीयू के कई सांसद नाराज हैं, जिन्हें 2024 में टिकट कटने की आशंका है. कारण कि महागठबंधन में जेडीयू के हिस्से 8-9 सीट ही आ पाएगी.
कहीं RJD का तीसरा विकेट न गिर जाए?
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ जिस तरह माहौल बन रहा है, कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं उन्हें भी इस्तीफा न देना पड़ जाए. पॉलिटिकल कैंपेनिंग चलाने वाली कंपनी डीजी पीपल के निदेशक अमित कुमार कहते हैं कि आरजेडी कोटे के दो मंत्रियों का विकेट पहले ही गिर चुका है. आरजेडी विधायक कार्तिकेय कुमार नई सरकार में मंत्री बनते ही विवादों के घेरे में आ गए थे. वजह- पटना में उनके खिलाफ 2014 में दर्ज अपहरण का केस. जिस दिन वो शपथ ले रहे थे, उसी दिन कोर्ट में सरेंडर होना था. विवाद बढ़ा और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.
आरजेडी कोटे से ही कृषि मंत्री बनाए गए सुधाकर सिंह पर भी 2013 में हुए चावल घोटाले के आरोप है. सरकार में रहते हुए उन्होंने ‘कृषि विभाग में चोरों के सरदार’ वाला बयान दिया था. बवाल मचा तो सीएम नीतीश कुमार ने ऐसे बयानों से बचने की नसीहत दी. बवाल और बढ़ता गया तो दबाव में उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया था.
अब कहा जा रहा है कि चंद्रशेखर के रूप में कहीं तीसरा विकेट न गिर जाए. अमित कहते हैं कि कारण कुछ भी रहे हों, जेडीयू और आरजेडी में गतिरोध यूं ही जारी रहा तो महागठबंधन के बने रहने पर संदेह है.
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