लालू जी-नीतीश जी का “बिहार मॉडेल”:33 वर्षों के इनके कार्यकाल में बिहार को एक भी 5 स्टार होटल नसीब नहीं –

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रितेश कुमार सिंह

नीतीश बाबू ,आपने कभी इस मॉडल के बारे में सोचा कि आपने बिहार के साथ क्या किया है?क्या आप नहीं जानते कि विश्व का इतिहास बिहार का इतिहास रहा है?बिहार का इतिहास, मगध साम्राज्य का इतिहास रहा है और मगध साम्राज्य का इतिहास,राजगृह और पाटलिपुत्र का इतिहास रहा है !

राजगृह,पावापुरी,नालंदा,बोधगया, गया,पाटलिपुत्र,वैशाली,केसरिया इत्यादि विश्व प्रसिद्ध धरोहर हैं ,ये आपको पता है न? भगवान बुद्ध, भगवान महावीर की ज्ञानस्थली एवं कर्मस्थली बिहार ही रहा है।भगवान बुद्ध ने जन्म ज़रूर नेपाल में लिया,परंतु तपस्या कर ज्ञान की प्राप्ति बिहार में ही की।

भगवान महावीर ने तो बिहार में ही जन्म लिया और ज्ञान प्राप्त किया।दुनिया भर में बौद्ध धर्म को मानने वालों के जीवन की एक प्रमुख इच्छा होती है कि अपने जीवन काल में कम से कम एक बार जाकर बोध गया में अपना मत्था ठेकें।उसी प्रकार से जैन धर्म को मानने वालों के लिए तो पावापुरी का दर्शन करना और पूरे क्षेत्र की परिक्रमा करना उनके जीवन का हिस्सा होता है।

आप भूल गए कि गया में भगवान विष्णु का विष्णुपद मंदिर है।देश के सभी हिंदुओं की प्रबल इच्छा होती है कि गया आकर,विष्णुपद मंदिर में भगवान विष्णु के पदचिन्हों का दर्शन करें।गया में ही देश एवं विदेश के हिंदू अपने पितरों की मुक्ति के लिए तर्पण करते हैं ,पिंडदान करते हैं एवं श्राद्ध करते हैं।

नीतीश बाबू, पितृपक्ष के मेले में गया का क्या हाल होता है ? गंदगी कैसी रहती है, तीर्थयात्रियों को कितनी परेशानी होती है, लेकिन इससे आपको क्या लेना देना ? आपको अच्छा नहीं लगेगा लेकिन मेरा एक सुझाव है कि आप ख़ुद एक बार बनारस में बाबा विश्वनाथ और उज्जैन में महाकाल के दर्शन ज़रूर करिए, तब हो सकता है कि दिमाग़ में आपके यह बात आए कि जब बनारस एवं उज्जैन में इतनी अच्छी व्यवस्था हो सकती है श्रद्धालुओं के लिए, तो फिर गया में ऐसी व्यवस्था क्यों न हो ?चूकिये मत
@NitishKumar
जी,बार बार अवसर नहीं मिलता है !

सिखों के दसवें गुरु,गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म स्थल एवं कर्म स्थल बिहार ही है।विश्व भर के सिख श्रद्धालु बिहार आकर अपने दसवें गुरु से जुड़े स्थलों का दर्शन कर धन्य होते हैं।

मखदूम साहब का भी मज़ार फुलवारी शरीफ,मनेर शरीफ और बिहार शरीफ में है जहां कि लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिवर्ष उनकी मज़ार पर चादर चढ़ाते हैं।

ईसाई समाज के लिए भी बिहार में कई महत्वपूर्ण स्थल – बेतिया, मोतिहारी, पटना, मुंगेर एवं अन्य जगहों पर स्थित है।इस प्रकार आप देख सकते हैं कि देश भर के सभी धर्मों को मानने वालों का कोई न कोई दर्शनीय स्थल बिहार में अवश्य अवस्थित है।

आपको पता है न कि बेतिया के प्रसिद्ध वाल्मीकिनगर में टाइगर प्रोजेक्ट है तथा -राजगीर , कैमूर, जमुई , बाँका एवं अन्य स्थलों में खूबसूरत जंगल एवं पहाड़ हैं जहां पर्यटन की असीम संभावनाएँ हैं।

मुंगेर के भीम बांध के सौंदर्य का क्या कहना ! बेगूसराय का काँवर झील तथा वैशाली का पक्षी विहार , प्रवासी पक्षियों (migratory birds) के लिए स्वर्ग है।गंगा डॉलफिन को भागलपुर में देखने का ही मज़ा ही कुछ और है ! मधुबनी,पूर्णिया में गरुड़ पक्षी का दर्शन कर मन मोहित हो जाता है।

नीतीश बाबू, आप समझ गए न कि बिहार में पर्यटन की कितनी संभावनाएँ हैं।पर्यटन उद्योग से संबंधित क्षेत्रों में रोज़गार के कितने अवसर हैं।बिहार की तो तक़दीर ही बदल जाएगी जब बिहार के पर्यटन स्थलों का समेकित विकास होगा !

नीतीश बाबू,पर्यटक आए तो रुके कहाँ ? विदेशी मेहमान आएँ तो उनके खान-पान की क्या व्यवस्था होगी ? आपको कभी लगता है कि बिहार में आज एक भी मैरिज डेस्टिनेशन नहीं है ! आपके आस-पास रहने वाले नेता,पदाधिकारी अपने बच्चे बच्चियों का मैरिज डेस्टिनेशन कहाँ ढूँढते हैं ? बड़े-बड़े सेमिनार का आयोजन कहाँ करते हैं ? सब बिहार के बाहर करते हैं।ऐसा क्यों ? नीतीश बाबू ,33 वर्षों के आपके एवं आपके सहयोगी के कार्यकाल में विकास का क्या “बिहार मॉडल” बनाया कि बिहार आज एक 5 स्टार के लिए तरसता है ! आप समझते हैं न कि 5 स्टार होटल बनने से कितने युवा युवतियों को रोज़गार मिलेगा ?

आपने अपने “बिहार मॉडल” का रूप तो देख लिया न कि जहाँ लाखों लोगों को रोज़गार के अवसर मिलते,वहीं आज भी हमारे युवा युवती बिहार के बाहर रोज़गार की तलाश कर रहे हैं।

अरे सम्भलिए नीतीश बाबू !
टाईम पास मत करिए !
कुर्सी पर चिपके मत रहिए!

बिहार का अतीत गौरवशाली रहा है ।इस पर किसी प्रकार की आँच आने पर बिहार की जनता आपको माफ़ नहीं करेंगी !

क्योंकि बिहारियों का नारा है:
बिहार ज़िंदाबाद!

और आपके एवं लालू जी के परिवार का नारा है:
कुर्सीवाद ज़िंदाबाद!

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एक किस्सा रफ कॉपी का.

Posted by - दिसम्बर 11, 2022 0
हर सब्जेक्ट की काॅपी अलग अलग बनती थी, परंतु एक काॅपी एसी थी जो हर सब्जेक्ट को सम्भालती थी। उसे…
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