बिहार में एक दशक में विकास की नई मंजिल हासिल कर नीतीश सरकार ने नया के इतिहास लिख दिया है। एक दशक में हुए विकास कार्यों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार का विकास पुरुष साबित कर दिया है।
पटना:बिहार में एक दशक में विकास की नई मंजिल हासिल कर नीतीश सरकार ने नया के इतिहास लिख दिया है। एक दशक में हुए विकास कार्यों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार का विकास पुरुष साबित कर दिया है।
जनता दल यूनाइटेड प्रदेश सचिव सागरिका चौधरी ने कही की नीतीश सरकार द्वारा हर घर शौचालय, घरों तक शुद्ध पेयजल की आपूर्ति संभव हो सका है। अन्य विकास योजनाओं को धरातल पर लागू होने के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों की सुरत बदलने में नीतीश सरकार भरपूर प्रयास की है।
जनता दल यूनाइटेड प्रदेश सचिव सागरिका चौधरी ने कही की नीतीश सरकार मधुबनी पें¨टग के क्षेत्र में जिले के कलाकारों का नया मुकाम दिलाने में अहम् भूमिका रहा.
सागरिका चौधरी ने कही बिहार में दलितों की आबादी करीब 17 फीसदी है। दलितों के अलावा इतनी बड़ी आबादी केवल मुसलमानों और यादवों की है। बिहार में यादव पिछड़े वर्ग में शामिल हैं। दलितों के बारे में विचार करते हुए आपको यह भी देखना चाहिए कि उनके पास जीवन जीने का क्या जरिया है। वे अन्यों की तरह हैं – फिर चाहे वे मुस्लिम हों या यादव – या फिर उनके हालात अलग हैं।
अभी भी बड़ी संख्या में दलित भूमिहीन हैं। शिक्षा के स्तर पर नीतीश सरकार ने उनके लिए बहुत कुछ किया है। टोला सेवकों की बहाली हुई और यह सुनिश्चित किया गया कि दलित शिक्षित बनें। साथ ही हमारी सरकार ने उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए महादलित विकास मिशन के तहत अनेक योजनाओं की शुरूआत की है। हमारी सरकार की नीतियों के कारण दलित आज शिक्षित हो रहे हैं, जागरूक बन रहे हैं और अपने हक-अधिकार की मांग कर रहे हैं। यह बिहार की राजनीति में दलितों के नए उभार की शुरूआत है।
सागरिका चौधरी ने स्पष्ट कही की दलितों के लिए किसी दलित नेता ने जितना नही किया, उतना नीतीश कुमार ने किया है। उन्होंने उनके वर्तमान के साथ-साथ उनका भविष्य भी सुरक्षित कर दिया है।
सागरिका चौधरी ने स्पष्ट कही की नीतीश कुमार में सिर्फ दलित महिलाओं के लिए, बल्कि सभी वर्ग की महिलाओं के लिए बिहार में सबसे अधिक और क्रांतिकारी काम हुआ है। जो परिवर्तन सौ साल में भी संभव नहीं था, वह महज कुछ सालों में हुआ है। आप उदाहरण के रूप में साइकिल योजना को ही देखिए।
यह महज एक योजना नही है बल्कि आप अगर इसका विश्लेषण करेंगे तो पाएंगे कि इसके कारण समाज में व्यापक परिवर्तन हुआ है। बच्चियां पढ़ने जा रही हैं। उनका हौसला बढ़ा है। साथ में उनका शारीरिक विकास भी हुआ है। इसका दूरगामी परिणाम यह होगा कि महिलाएं शिक्षित होंगीं, बाल विवाह, दहेज प्रथा जैसे सामाजिक कुरीतियां खत्म होंगी तथा महिलाओं से जुड़े अपराधों में भी कमी आएगी।
आप देखें कि हमारी सरकार ने बालिकाओं के जन्म से लेकर उनके पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई निशुल्क करवा रही है। साथ ही प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। यह कोई वोट बैंक की राजनीति नही है। बल्कि सशक्त बिहार बनाने की परिकल्पना है। हमारी सरकार ने महिलाओं को नौकरियों में 35 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने का काम किया है। साथ ही महिला उद्यमी योजना से उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने का काम चल रहा है। त्रिस्तरीय पंचायती राज निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण से महिलाओं की राजनीतिक क्षेत्र में भागीदारी बढ़ी है। इससे आने वाले कुछ वर्षों में पाॅलिसी के लेवल पर इसका प्रभाव दिखने लगेगा।
सागरिका चौधरी ने कही की आज बिहार का हर दलित यह जानता है कि हमारे नेता नीतीश कुमार की दूरदर्शी सोच के कारण वे आज विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं। हमारी सरकार का सबसे अधिक जोर उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य पर रहा। दलित बस्तियों में आंगनबाड़ी केंद्र खोले गए। स्कूल खोले गए। आप पहले का दौर याद करिए जब दलित बस्तियों के स्कूलों में शिक्षक पढ़ाने नहीं जाते थे।
हमारी सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि वे स्कूल जाएं और पढ़ाएं। साथ ही पक्की गली और पक्की नाली योजना के तहत सभी दलित बस्तियों को चमकाया गया। वहां बिजली की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी। स्कूल में पोशाक व पोषाहार योजना से भी दलित बस्तियों में आशा जागी है। हमारी सरकार ने दलित समाज के लोगों को नई पहचान भी दी है। जैसे पासी समुदाय के लोगों को दबंग किस-किस तरीके से प्रताड़ित करते थे। लेकिन हमारे मुख्यमंत्री ने ताड़ी को नीरा की संज्ञा दी और अब यह एक नशाविहीन पेय पदार्थ है। बाजार भी अब इसमें दिलचस्पी ले रहा है।
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