बिहार में शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर (Dr. Chandrashekhar) और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) के बीच विवाद पर जाने-माने चुनावी रणनीतिकार एवं जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर( Prashant Kishor) की प्रतिक्रिया सामने आई है।
समस्तीपुर: बिहार में शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर (Dr. Chandrashekhar) और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) के बीच विवाद पर जाने-माने चुनावी रणनीतिकार एवं जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर( Prashant Kishor) की प्रतिक्रिया सामने आई है। प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री और आईएएस केके पाठक के बीच जो हो रहा, ये महत्वपूर्ण नहीं है। लेकिन प्रदेश सरकार ने जो डोमिसाइल नियम बदला है, इससे बिहार के युवाओं को मौका नहीं मिलेगा और उनके साथ अन्याय होगा।
.शिक्षा व्यवस्था को आने वाले दिनों में कहा जाएगा काला अध्याय”
प्रशांत किशोर ने कहा कि यूपी, मध्य प्रदेश और दूसरे राज्य के लोग बिहार में आकर नौकरी करेंगे और बिहार के लोग दूसरे राज्यों में जाकर फैक्ट्री में मजदूरी करेंगे। नीतीश सरकार में ध्वस्त हुई शिक्षा व्यवस्था को आने वाले दिनों में काला अध्याय कहा जाएगा। सड़कें खराब हों, तो अगली सरकार बना सकती है, बाढ़ आएगी तो जल प्रबंधन की उचित व्यवस्था कर समस्या खत्म की जा सकती है। लेकिन खराब शिक्षा व्यवस्था के कारण 2 पीढ़ियां जो पढ़कर निकली हैं, उनका भविष्य सुधरने वाला नहीं है। उनकी पूरी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। उन्हें हमेशा पढ़े-लिखे लोगों के नीचे ही काम करना होगा।
“किसी का भी ध्यान शिक्षा को सुधारने पर नहीं है”
पीके ने कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त है। बिहार में जब शिक्षा को लेकर नए-नए परिवर्तन होंगे, तो उथल-पुथल होना तय है। बिहार सरकार 40 हजार करोड़ रुपए शिक्षा व्यवस्था पर खर्च करती है। अपर मुख्य सचिव को जो कहना है कह लें, शिक्षा मंत्री को जो कहना है कह लें, लेकिन शिक्षा व्यवस्था सुधरती नहीं दिख रही है। किसी का भी ध्यान शिक्षा को सुधारने पर नहीं है। दोनों ही अपनी बात मनवाने पर लगे हैं कि मेरी बात मान ली जाए। इसमें नुकसान बिहार के बच्चों का है, अध्यापकों का है, स्कूल प्रबंधन का है।
हाल ही की टिप्पणियाँ