सरकार द्वारा जनहित के मुद्दों की सदन में उपेक्षा लोकतंत्र के लिये अशुभ – विजय कुमार सिन्हा

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औपचारिकता के लिए सदन चलाना संविधानिक प्रावधानों के साथ छेड़छाड़- विजय कुमार सिन्हा

  • सरकारी कार्य के अभाव के कारण सदन बना तमाशा- विजय कुमार सिन्हा

28 मार्च 2023 पटना

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने बयान जारी कर कहा है कि बिहार विधानसभा के चालू सत्र में सरकार द्वारा जनहित के मुद्दों की उपेक्षा किया जाना लोकतंत्र के लिए अशुभ है।

श्री सिन्हा ने कहा कि बिजली दर में वृद्धि, मंत्री इजराइल मंसूरी की कांटी हत्याकांड में जाँच, जेठुली हत्याकांड , बिहटा में अपहरण एवं हत्या, गन्ना किसानों के फसल के लिये दर का निर्धारण, शिक्षकों की बहाली, बेरोजगार कनीय अभियंताओं के परीक्षाफल प्रकाशन के बाद उसे रोक दिया जाना और नये सिरे से बहाली की कार्रवाई फिर से शुरू कराने जैसे मुद्दों को भाजपा ने कई बार सदन में उठाकर उस पर बहस की मांग की लेकिन सरकार ने इन सब को खारिज कर दिया। कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अंतिम प्रक्रिया पूरी करने के बाद नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया। कार्यस्थगन एवं विशेष बहस की मांग को अमान्य कर दिया गया।

श्री सिन्हा ने कहा कि आज राजकीय विधेयक संबंधी कार्य में सरकार के द्वारा मात्र एक विधेयक बिहार नौकाघाट बंदोबस्ती एवं प्रबंधन विधेयक 2023 द्वितीय पाली में लाया गया जिसे 30-35 मिनट में पास करा कर सदन स्थगित कर दिया गया। दिनांक 3 अप्रैल 2023 को भी राजकीय विधेयक के लिए समय निर्धारित है लेकिन राजकीय कार्य के अभाव के कारण अभी तक किसी दूसरे विधेयक को सदस्यों के बीच परिचारित नहीं कराया गया।

श्री सिन्हा ने कहा कि संविधान में प्रावधान है कि सदन के सत्र आहूत करने में 6 माह से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिए। सरकार उक्त आलोक में खानापूरी कर सत्र को आहूत कर देती है। लेकिन राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर बहस नहीं कराती है! यह साबित करता है कि सरकार मात्र संवैधानिक बाध्यता के कारण सदन चला रही है।

श्री सिन्हा ने कहा कि सरकारी कार्य के अभाव के कारण सरकार ने सदन का तमाशा बना दिया है। सरकार के पास बहुमत है और उस के बल पर सरकार ने मान्य परंपराओं की अनदेखी कर सदन में विपक्ष की आवाज को दबा दिया है। सत्ता पक्ष के माननीय सदस्यगण भी भय के कारण अपनी बात नहीं रख पाते हैं।

श्री सिन्हा ने कहा कि अब सत्र समापन में मात्र तीन बैठके बची है ! दो दिन गैर सरकारी संकल्प और एक दिन राजकीय कार्य बचा है! ऐसे में सरकार से बिजली दर में वृद्धि एवं राज्य में बढ़ रही हत्या, अपराध, भ्रष्टाचार एवं युवाओं की नियुक्ति जैसे विषयो पर विशेष बहस कराने की मांग करते है! ताकि सदन के बहुमूल्य समय का सदुपयोग हो सके!

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