मांझी के कश्मीर की कमान देने वाले बयान को हल्का बताते हुए राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि उन्हें दस दिन के लिए पुलवामा भेजे देना चाहिए। अब सुशील मोदी के बयान पर मांझी ने भी पलटवार किया है।
जम्मू-कश्मीर में बिहारी श्रमिकों को टारगेट किया जा रहा है। रविवार को दोबारा राज्य के दो मजदूरों की अंधाधुंध गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई। सियासी गलियारे में जम्मू-कश्मीर में हुई वारदात से उबाल आ गया है। बिहार के बीजेपी विधायक तो कश्मीर में रह रहे बाहरी लोगों को एके-47 तक देने की मांग कर चुके हैं। सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के हालात सुधारने के लिए बिहारियों को 15 दिन के समय दें, ठीक कर देंगे। मांझी के बयान को हल्का बताते हुए राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि उन्हें दस दिन के लिए पुलवामा भेजे देना चाहिए। अब सुशील मोदी के बयान पर मांझी ने भी पलटवार किया है।
एक टीवी चैनल से बात करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि कश्मीर को संभालना इतना आसान नहीं है। सरकार वहां के हालात ठीक करने में लगी है। मांझी के बयान का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें दस दिन के लिए पुलवामा भेज देना चाहिए। मोदी ने कहा कि ऐसे मुद्दे पर इतनी हल्की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केवल बिहारी ही नहीं उत्तर प्रदेश के लोगों को टारगेट किया जा रहा है। आतंकी प्रवासी और जम्मू-कश्मीर के अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में चाहे एनडीए के घटक दल हों या विपक्ष, किसी को भी बयानबाजी से पहले सोचना चाहिए।
हम ‘मांझी‘ हैं, मैदान छोड़कर भागने वाले नहीं
सुशील मोदी के बयान पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने पलटवार किया है। मांझी ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा कि सुशील मोदी जी हम ‘मांझी’ हैं, मैदान छोड़कर भागने वाले नहीं। हर मुश्किल से लड़ने वाले हैं। मांझी ने सुशील मोदी से कहा कि वैसे तो आप केंद्र के बड़े नेता हैं, आग्रह है 10 दिन के लिए कश्मीर की कमान दिलवा ही दीजिए। एक बिहारी क्या कर सकता है, पता लग जाएगा। मांझी ने कहा कि कारगिल युद्ध में बिहार रेजिमेंट ने क्या किया, मत भूलिएगा।
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