सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के तत्वावधान पटना में ‘स्टार्ट-अप के लिए आउटरीच कार्यक्रम’ का किया गया आयोजन

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आज शुक्रवार 6 मई को सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के तत्वावधान में भारत सरकार एवं आईबीए के दिशा निर्देशों के तहत पटना में ‘स्टार्ट-अप के लिए आउटरीच कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बिहार के अधिकांश स्टार्ट-अप के प्रमुख, एमएसएमई के निदेशक तथा खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के सीईओ, विभिन्न बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों एवं सीआईएमपी, बीआईए, बिहार चेंबर ऑफ़ कॉमर्स तथा अन्य औद्योगिक एवं संस्थाओं के प्रमुख उपस्थित रहें.

इस कार्यक्रम का उद्देश्य, बिहार के स्टार्ट-अप्स को वित्तीय एवं बैंकिंग क्षेत्र से उपलब्ध की जाने वाली सहायता पर परिचर्चा करना था, साथ ही, स्टार्ट-अप्स के समक्ष आने वाली चुनौतियों के निराकरण में बैंक किस प्रकार अपनी भूमिका निभा सकते हैं, इस सम्बन्ध में सभी स्टार्ट-अप्स से सुझाव भी प्राप्त किये गए.

गौरतलब है कि स्टार्टअप इंडिया के तहत, भारत सरकार ने बहुत से योजनाएं शुरू की हैं जैसे स्टार्टअप लोन, स्टार्टअप क्रेडिट गारंटी, एंजेल फंड, वेंचर कैपिटलएवं स्टार्टअप फंड ऑफ फंड्स जैसी योजनाएं। इन योजनाओं के माध्यम से, भारत के स्टार्टअपों को अधिक से अधिक वित्तीय संसाधन प्रदान किए जा रहे हैं.

इस मौके पर सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के अंचल प्रमुख, श्री डी.पी, खुराना ने कहा कि,भारत युवाओं का देश है। यहां की 70% आबादी युवा है। युवा में जोश होता है, उत्साह होता है। किसी काम को करने का जुनून होता है। इसीलिए स्टार्टअप इंडिया भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी से विकास करने में महत्वपूर्ण साबित हो रही है, इसी उद्देश्य के साथ साल 16 जनवरी 2016 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत में स्टार्टअप इंडिया योजना का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य युवाओं को सफल उद्यमी बनने के लिए प्रेरित करना था।

कहा कि सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया में स्टार्ट-अप्स के लिए नयी योजनायें हैं, जिसके तहत उन्हें आसानी से ऋण उपलब्ध कराया जाता है तथा उनको बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. आज के इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नई सोच के साथ- नई उमंग के साथ स्टार्ट-अप्स शुरू करने वाले उद्यमियों के विचारों को जानना था, उनके बेहतर सुझावों को जानना था, जिसमें बैंक किस प्रकार से उनको और बेहतर सेवाएं दे सकता है.

वहीं इस अवसर पर, सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के क्षेत्रीय प्रमुख, श्री आर.आर. सिन्हा ने कहा कि, सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया स्वदेशी आन्दोलन से शुरू हुआ एक बैंक है, जिसे 30वर्ष के एक युवा ‘सर सोराबजी पोचखानावाला ने 21 दिसम्बर 1911 को 50 लाख रुपये की प्रारम्भिक पूँजी से सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया की स्थापना की. हमारा देश नयी सोच का देश रहा है, सेन्ट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया भी एक नई सोच का ही परिणाम है, और हम पूरी तरह देश के विकास में कंधे से कंधा मिलकर काम कर रहे हैं. आज सभी बैंक एवं वित्तीय संस्थाओं तथा स्टार्ट-अप्स के इस महासमर का निश्चित रूप से लाभ मिलेगा और स्टार्ट-अप्स और बेहतर अवसर मिलेगा.

इस अवसर पर निदेशक, एमएसएमई, श्री प्रदीप कुमार, सीईओ, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, श्री दिलीप कुमार सिंह,निदेशक, सीआईएमपी, प्रोफ़ेसर राणा सिंह, अध्यक्ष, बीआईए, श्री अरुण अग्रवाल, अध्यक्ष, बिहार चेंबर ऑफ़ कॉमर्स, श्री पी के अग्रवाल, सीजीएम, नाबार्ड, श्री सुनील कुमार, सीईओ, सीआईएमपी, श्री कुमोद कुमार, एसएलबीसी, सहयक महाप्रबंधक, श्री एस.पी. झा एवं स्टार्ट-अप्स , उपस्थित थे.

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