समाज एवं राष्ट्र के नवनिर्माण में कलमजीवियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है,आज चित्रांश समाज को पूरे राष्ट्र को साक्षर बनाने में आगे आने की जरूरत है। कायस्थ कोई जाति नहीं अपितु संस्कृति है, जीवन जीने की पद्धति है, ये बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद श्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान के तत्वावधान में आयोजित सांस्कृतिक – सह – सम्मान – अलंकरण समारोह का उद्घाटन उद्घाटन करते हुए कही। कार्यक्रम का उद्घाटन अतिथियों द्वारा समवेत रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।
मुख्य अतिथि पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि अब एकजुट होकर समाज और राष्ट्र के निर्माण में जुटने का समय आ गया है। उन्होंने कलमजीवियों को संपूर्ण राष्ट्र को साक्षर बनाने हेतु आगे आने का आह्वान किया है। कार्यक्रम का आरंभ श्री चित्रगुप्त वंदना से हुआ। मंच संचालन कमलनयन श्रीवास्तव ने किया। चित्रगुप्त पूजा के पूर्व संध्या पर गिरिराज उत्सव पैलेस में आयोजित इस समारोह की अध्यक्षता करते हुए पदम् श्री डॉ० गोपाल प्रसाद सिन्हा ने कहा कि जाति और मजहब से कलम ऊपर है। भगवान श्री चित्रगुप्त समस्त प्राणी जगत के पाप पुण्य का लेखा जोखा करते हैं। उन्हें जाति और धर्म से नहीं बांधा जा सकता है।
इस अवसर पर प्रकाशित स्मारिका ‘कलमजीवी’ का लोकार्पण बिहार हिंदी प्रगति समिति के अध्यक्ष कवि सत्यनारायण ने किया।
जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान के लिए 27 कलमजीवियों को नामित सम्मानों से सम्मानित किया गया। कवि सत्यनारायण को डॉक्टर दीनानाथ शरण सम्मान, प्रोफेसर रिपुसूदन प्रसाद श्रीवास्तव पूर्व कुलपति को पद्ममश्री डॉक्टर शैलेंद्र नाथ श्रीवास्तव सम्मान, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रश्मि कुमारी को डॉक्टर फणिभूषण प्रसाद सम्मान, आभाकाम के प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन सिंहा को ‘कायस्थरत्न’ कृष्ण नन्दन सहाय सम्मान, सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता ई० उमेश चंद्र प्रसाद को प्रधान ज्वाला प्रसाद सम्मान, शिक्षाविद् रूबी सिन्हा को प्रोफेसर डॉक्टर इंदिरा सिन्हा सम्मान, बिहार पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त उपाधीक्षक शैलेंद्र कुमार को रणधीर प्रसाद वर्मा सम्मान, वरिष्ठ साहित्यकार कृष्ण मोहन प्रसाद ‘मोहन’ को डॉक्टर हरिवंश राय बच्चन सम्मान, वरिष्ठ कवि डॉ० सरोज कुमार वर्मा को गीतकार गोपीबल्लभ सहाय सम्मान, शिक्षिका डॉक्टर अभिलाषा को कृष्णा जमैय्यार सम्मान, वरिष्ठ कवित्री डॉक्टर अन्नपूर्णा श्रीवास्तव को डॉक्टर मुरलीधर श्रीवास्तव ‘शेखर’ सम्मान, साहित्यकार उषा किरण को हिमांशु श्रीवास्तव सम्मान, वरिष्ठ कवि मधुरेश नारायण को कविवर सुरेंद्रनाथ सक्सेना सम्मान, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ० दिवाकर तेजस्वी को डॉक्टर स्वामी नंदन प्रसाद सम्मान, समाजसेवी शंकर मोहन प्रसाद को अनिल कुमार सिन्हा सम्मान, बालकवी अनुभव राज (मुजफ्फरपुर) को चित्रगुप्त उभरती प्रतिभा सम्मान, स्वामी अभिजितानंद (वाराणसी), शायर ऋतुराज, समाजसेवी माया श्रीवास्तव एवं मनहर कृष्ण ‘अतुल’, गायिका कृति सिंह, लेखक प्रभात सिन्हा, गायिका अनामिका श्रीवास्तव, गायक सुमन सांवरिया, गायक दीपक राय, समाजसेवी प्रेम कुमार, गायक सार्थक सक्सेना को चित्रगुप्त सेवा सम्मान-2021 शॉल, प्रतीक चिन्ह, प्रमाण पत्र देकर अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।
पूर्व मंत्री व विधायक नंदकिशोर यादव ने कहा कि कलम में इतिहास बदलने की ताकत होती है। विधायक अरुण कुमार सिन्हा, महापौर सीता साहू, कवि सत्यनारायण, कमलनयन श्रीवास्तव, डॉ रत्ना पुरकायस्था, डॉ दिवाकर तेजस्वी, राजेश बल्लभ, गणेश कुमार सिन्हा, संतोष कुमार सिन्हा, रवि श्रीवास्तव, रमेशचंद्र अम्बष्ठ, सतीश चंद्र कुमार, तुषार क्रांति, श्याम नारायण दास मुन्ना, डॉ अशोक सिन्हा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि आज कलमजीवी समाज अपने ही कारणों से हाशिए पर है।
आज राजनीति से नकारे गए कुछेक लोग समाज की अगुआई करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष का मुखौटा लगाकर खुद को अवतार और शिरोमणि घोषित कर रहे हैं।
आज कलमजीवी समाज को बिना पंगत के संगत करने की जरूरत है। ऐसे तत्वों की पहचान कर उन्हें नकारे बिना समाज आगे नहीं बढ़ सकता।
इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें कृति सिंह, दीपक राय, सुमन सांवरिया, सार्थक सक्सेना, उजाला राज, उज्जवल राज, राज लक्ष्मी, निशा कुमारी, डॉक्टर आरती कुमारी की प्रस्तुति सराही गई। पद्मश्री डॉ० गोपाल प्रसाद सिन्हा के गायन पर श्रोता झूम उठे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में राजेश राज, रितु राज, अतीश कुमार, कौशल कुमार, सपना देवी, शिबु कुमार, अभिषेक श्रीवास्तव आदि का सहयोग सराहनीय रहा। आरंभ में पूर्व निगम पार्षद अवधेश सिन्हा ने अतिथियों का स्वागत किया तथा अधिवक्ता गणेश कुमार सिन्हा ने आभार ज्ञापन किया।
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