पटना। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि विपक्ष अविश्वास पस्ताव लाकर सदन में अपनी ताकत देखना चाहता है। एक ओर जहां आदरणीय पीएम श्री नरेंद्र मोदी का नारा विकास है, तो वहीं विपक्ष का नारा है न विकास करुंगा न करने दूंगा। कुछ ऐसा ही नजारा इन दिनों संसद में दिख रहा है। विपक्ष विकास के मुद्दे पर संसद में चर्चा करने की बजाय सत्र का समय बर्बाद कर रहा है। विपक्ष की इस कार्यशैली को देश की जनता देख रही है। आज विपक्षी दल विकास में न सिर्फ बाधा डाल रहा है, बल्कि जनहित के मुद्दों पर सदन में बहस तक नहीं होेने दे रहा है। अविश्वास प्रस्ताव का भी हाल दिल्ली की सेवाओं से संबंधित विधेयक वाला होगा और एनडीए सरकार विश्वासमत हासिल करेगी।
श्री पांडेय ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाने का कोई औचित्य ही नहीं था। यह अविश्वास प्रस्ताव नहीं बल्कि विश्वास प्रस्ताव है। इसका नजारा राज्यसभा में दिल्ली सरकार दिल्ली की सेवाओं से संबंधित अध्यादेश में ही दिख गया, जहां विपक्ष को हार का सामना करना पड़ा। बिल राज्यसभा में 102 के मुकाबले 131 मतों से पास हो गया। जब उनके पास संख्याबल ही नहीं है, तो इस प्रकार अविश्वास प्रस्ताव लाकर संसद का समय क्यों बर्बाद किया जा रहा है। केंद्र सरकार लगातार विपक्षी दलों से आग्रह कर रही है कि वो आएं और जिन मुद्दों पर वार्ता करनी है वो कर सकते हैं। मगर विपक्ष को केवल विकास में बाधा डालना आता है। विपक्ष पीएम मोदी के विकास कार्य व उनकी लोकप्रियता से डर गया है। मणिपुर मामले पर आदरणीय प्रधानमंत्री का संसद में बयान तो एक बहाना है। असल में अविश्वास प्रस्ताव लाकर कांग्रेस समेत सभी विपक्ष अपनी संभावना टटोटले में लगा हुआ है।
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