12 प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं हेतु 12 प्रकार के स्वास्थ्यकर्मियों की होगी तैनाती
पटना। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य के 9 प्रमंडलीय जिलों में डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर( डीईआईसी) की स्थापना की गयी है। इसमें भागलपुर, दरभंगा, गया, मुंगेर, मुज़फ्फरपुर, पूर्णिया, पटना, सहरसा एवं सारण जिला शामिल हैं। डीईआईसी के माध्यम से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत रेफर किए जा रहे बच्चों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। साथ ही उच्च स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्रों पर ईलाज के लिए सभी संबंधित स्टेकहोल्डर्स के साथ समन्वय स्थापित भी करना है।
मंगल पांडेय ने कहा कि वर्तमान में भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर एवं सहरसा जिले में डीईआईसी के भवन निर्माण का कार्य पूरा हो गया है। शेष 5 जिलों में भवन निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसे भी शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। जिन स्थलों पर भवन निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, वहां डीईआईसी के स्वास्थ्य कर्मी एवं पारा मेडिकल स्टाफ के बैठने की व्यवस्था विभाग द्वारा की जा रही है। जिन जिलों में भवन निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है, उन जिलों के अधीनस्थ अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में डीईआईसी के कर्मियों के बैठने की वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। डीईआईसी पर 12 प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं बच्चों को प्रदान की जाएंगी। इसके लिए 12 प्रकार के स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति होगी। डीईआईसी पर स्वास्थ्य या मेडिकल, दंत, ऑक्यूपेशनल एवं फिजियोथेरेपी, मनोवैज्ञानिक, अनुभूति, ऑडियोलॉजी एवं स्पीच-लैंग्वेज पैथोलॉजी. विजिन, लैब, पोषण, सामाजिक सहयोग, साइको-सोशल एवं ट्रांसपोर्टेशन सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
मंगल पांडेय ने कहा कि डीईआईसी के कुशल संचालन की जिम्मेदारी सभी क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन ईकाई को सौंपी गयी है। डीईआईसी पर दवाओं की उपलब्धता पर ध्यान देते हुए इसकी जिम्मेदारी संबंधित जिले के जिला स्वास्थ्य समिति को दी गयी है। विभाग निरंतर बाल स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने में जुटा है। डीईआईसी के संचालन से बाल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में बढ़ोतरी होगी एवं बच्चों में होने वाली कई जटिल समस्याओं का जिला स्तर पर उचित उपचार हो सकेगा।
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