पाकिस्तान में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसा हो रही है। कई शहरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें भी हुई हैं। सरकार ने पूरे देश में यूट्यूब, फेसबुक और ट्विटर को बंद कर दिया है। पाकिस्तान टेलीकॉम अथॉरिटी ने कहा है कि सामान्य इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया गया है।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तारी के वक्त वे इस्लामाबाद हाईकोर्ट में कई मामलों में रियायत मांगने आए थे। इस दौरान पाकिस्तानी रेंजर्स ने हाईकोर्ट के अंदर सरकारी दफ्तर का कांच तोड़कर इमरान खान को गिरफ्तार किया। इमरान को जबरन पुलिस की गाड़ी में डालकर राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो के ऑफिस ले जाया गया। यहां सात डॉक्टरों की टीम ने इमरान खान का मेडिकल किया। इमरान की गिरफ्तारी की खबर के बाद से पूरे पाकिस्तान में समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। कई शहरों में आगजनी और हिंसा हुई। पुलिस को क्वेटा में हिंसक भीड़ पर गोलियां चलानी पड़ी। इमरान खान के समर्थकों ने पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय पर भी हमला बोला।
इमरान खान को क्यों गिरफ्तार किया गया
इमरान खान को अल कादिर ट्रस्ट केस में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो ने गिरफ्तार किया। आरोप है कि इमरान खान ने अपनी पत्नी पत्नी बुशरा बीबी और उनके करीबी सहयोगी जुल्फिकार बुखारी और बाबर अवान ने अल-कादिर प्रोजेक्ट ट्रस्ट का गठन किया था। इसका उद्देश्य पंजाब के झेलम जिले की सोहावा तहसील में अल-कादिर विश्वविद्यालय की स्थापना करना था। लेकिन, इमरान खान ने इस ट्रस्ट के जरिए जमीन बनाई और चंदे के तौर पर पैसे कमाए। इस ट्रस्ट का इस्तेमाल काले धन को सफेद बनाने में किया गया। हालांकि, इमरान खान शुरू से ही इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं।
इमरान खान को किसने गिरफ्तार किया
इमरान खान को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने गिरफ्तार किया। इमरान खान लंबे समय से एनएबी के निशाने पर थे। एनएबी का आरोप है कि उन्होंने अल कादिर ट्रस्ट केस में इमरान खान को कई बार समन भेजा था, लेकिन वे पेश नहीं हो रहे थे। ऐसे में एनएबी के सामने इमरान को गिरफ्तार करने की मजबूरी थी। एनएबी का यह भी दावा है कि इस केस में उनके पास इमरान खान के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं।
गुस्साए इमरान समर्थकों का उग्र विरोध प्रदर्शन
इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में इमरान खान समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है। इस्लामाबाद, रावलपिंडी, क्वेटा, लाहौर समेत कई शहरों में पीटीआई समर्थक सड़कों पर उतरे और जमकर प्रदर्शन किया। क्वेटा में पुलिस ने पीटीआई समर्थकों पर फायरिंग भी की है। इस घटना में कई लोगों के घायल होने की खबर है।
सेना मुख्यालय पर हमला, एयरबेस में लगाई आग
रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय में प्रदर्शनकारियों ने हमला किया। इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी की। पाकिस्तानी वायु सेना के मियांवाली एयरबेस पर भी हमला किया गया। समर्थकों ने एयरबेस के बाहर एक विमान के ढांचे को आग भी लगा दी। लाहौर में पाकिस्तानी सेना के कोर हेडक्वार्टर पर हमला हुआ। इसके अलावा पूरे देश में सेना के कई अधिकारियों के घरों पर हमले हुए हैं। ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी विपक्ष के नेता की गिरफ्तारी पर पाकिस्तानी सेना पर हमले हुए हैं।
पूरे देश में पीटीआई नेताओं की गिरफ्तारी तेज
पाकिस्तान में मचे कोहराम के बीच इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेताओं की गिरफ्तारी शुरू हो गई है। इस्लामाबाद में पीटीआई के कई नेता गिरफ्तार हुए हैं। इतना ही नहीं, पूरे देश में पीटीआई के कई नेताओं को नजरबंद भी किया गया है। शाह महमूद कुरैशी को घर में हाउस अरेस्ट किया गया है। फवाद चौधरी के घर के बाहर भी पुलिस को तैनात किया गया है।
पाकिस्तानी सेना ने बुलाई आपात बैठक
इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पैदा हुए हालात को लेकर पाकिस्तानी सेना ने आपात बैठक बुलाई। इसमें आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर के अलावा डीजी आईएसआई नसीम अंजुम, डीजीएमएओ समेत कई बड़े अधिकारी शामिल हुए। बैठक के दौरान पाकिस्तान में मार्शल लॉ लगाने की भी बात की गई। डीजीएमओ ने पाकिस्तान सरकार को मार्शल लॉ लगाने का प्रस्ताव भी सौंपा है।
इमरान खान कल होंगे कोर्ट में पेश
इमरान खान को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस दौरान पाकिस्तान की राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो उनके रिमांड की मांग करेगी। इसके अलावा उन्हें तोशाखाना मामले में भी बुधवार को एक अलग अदालत में पेश किया जाएगा। इमरान खान पर विदेशों से मिले गिफ्ट को तोशाखाना में जमा न कर खुद के लिए इस्तेमाल करने का आरोप है।
पाकिस्तान में इंटरनेट और सोशल मीडिया बंद
पाकिस्तान में बिगड़ते हालात को देखते हुए पाकिस्तान टेलीकॉम अथॉरिटी ने इंटरनेट को बंद करने का ऐलान किया है। इसके अलावा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब को भी बंद कर दिया है। पाकिस्तान सरकार ने यह फैसला अफवाहों पर रोक लगाने के नाम पर किया है। टीवी न्यूज और वेबसाइट्स की भी निगरानी की जा रही है।
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