भाजपा विधान मंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने उड़ीसा रेल दुर्घटना में आहत हुए लोंगो के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त किया और इस घटना में मरे लोगों की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना भी किया।
श्री सिन्हा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और रेल मंत्री खुद इस दुर्घटना को गंभीरता से लिया है और इस घटना में आहत लोगों को सहानुभूति के साथ-साथ उचित मुआवजा भी देने की घोषणा की है। इस दुर्घटना के दोषी लोंगो को चिन्हित कर कठोरतम कार्रवाई करने का निदेश भी दिया है।
श्री सिन्हा ने कहा कि इस दुर्घटना से जहां पूरा देश दुःखी है वहीं बिहार में कुछ विपक्षी नेताओं को इस दुःख की घड़ी में भी राजनीति करना ही भा रहा है, ऐसी विकृत मानसिकता वाले नेता कभी देश हित में नहीं सोच सकते और ना ही मानवता केे प्रति इनकी कोई संवेदना ही हो सकती है |
श्री सिन्हा ने कहा कि पूर्व रेल मंत्री जी अपने कार्यकाल में ऐसे-ऐसे कारनामे किये हैं जिसके कारण आज उनका पूरा परिवार को जांच एजेंसियों के आगे सफाई देना पड़ रहा है।
श्री सिन्हा ने कहा कि पहले भी ऐसी दुःखद रेल दुर्घटनाएं हुई हैं। नीतीश कुमार के कार्यकाल में 79 रेल टक्कर की घटना एवं एक हजार ट्रेन का पटरी से उतरने की घटना इन दोनों घटनाओं में लगभग 1527 से अधिक लोग मरे और लालू यादव के कार्यकाल में 51 रेल टकराव एवं 550 घटना पटरी से उतरने का था जिसमें लगभग 1200 लोगों की मृत्यु हुई थी। देश के प्रधानमंत्री ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कई नई-नई तकनीकि के विकास पर बल दिया है, जिससे ऐसी हादसा नगण्य हो गई थीं लेकिन कुछ तकनीकी एवं मानवीय भूल के कारण उड़ीसा में ऐसी घटना हुई जो लोगों के हृदय को दहला देने वाला है।
श्री सिन्हा ने कहा कि आज देश में अकल्पनिय स्थानों तक भी ट्रेन पटरी का विस्तार हो चूका है, कई नई ट्रेनों का शुभारंभ भी हुआ है। जहां अधिकतम गति 95-120किमी/घंटा वाली ट्रेनें चल रही थीं वहीं देश के प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता के कारण डेढ़ गुणा से अधिक गति से चलने वाली स्वदेश निर्मित विश्वस्तरीय वंदे भारत जैसी सुविधाजनक 200 ट्रेन देश को मिला है, और आज लगभग दो दर्जन वंदे भारत ट्रेन का परिचालन शुरू भी हो चूका है, और सबसे बड़ी बात देश में बुलेट ट्रेन के सपना को साकार करने का पहल करना ये सब केवल भाजपा सरकार में ही संभव हो सका है और भाजपा देशहित के लिए सदैव समर्पित और कटिबद्ध भी है।
श्री सिन्हा ने कहा कि विपक्ष को अपने नकारात्मक मानसिकता से उभरना चाहिए और प्रधानमंत्री जी के किये गये विकासात्मक कार्यों को स्वीकार भी करना चाहिए। सभी घटना-दुर्घटना को मुद्दा बनाकर राजनीति करना उचित नहीं होता।
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