उद्धव को झटका, एकनाथ की बड़ी जीत’, चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को दिया शिवसेना चुनाव चिन्ह ‘धनुष-तीर’

48 0

निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को ‘शिवसेना’ नाम और उसका चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ आवंटित किया

नेशनल डेस्कः निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को ‘शिवसेना’ नाम और उसका चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ आवंटित किया। इसे उद्धव ठाकरे के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। शिंदे द्वारा दायर छह महीने पुरानी याचिका पर एक सर्वसम्मत आदेश में, तीन सदस्यीय आयोग ने ठाकरे गुट को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम और ‘मशाल’ चुनाव चिह्न को बनाए रखने की अनुमति दी, जो उसे राज्य में विधानसभा उपचुनावों के समाप्त होने तक एक अंतरिम आदेश में दिया गया था।

इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने निर्वाचन आयोग द्वारा उनके धड़े को वास्तविक शिवसेना के रूप में मान्यता दिए जाने के फैसले को सचाई एवं लोगों की जीत बताया। उन्होंने आयोग के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं निर्वाचन आयोग को धन्यवाद देता हूं। लोकतंत्र में बहुमत का महत्व होता है। यह सच्चाई और लोगों की जीत है और साथ ही यह बालासाहेब ठाकरे का आशीर्वाद भी है। हमारी शिवसेना वास्तविक है।”

यह पहली बार है जब ठाकरे परिवार ने 1966 में बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी का नियंत्रण खो दिया है। पार्टी ने हिंदुत्व को अपनी प्रमुख विचारधारा के रूप में अपनाया था और 2019 तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन किया था, जब उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस की मदद से सरकार बनाने के लिए गठबंधन तोड़ दिया था। इसने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में शिंदे गुट को आवंटित ‘‘बालासाहेबंची शिवसेना” का नाम और ‘‘दो तलवारें और ढाल” के चिह्न पर तत्काल प्रभाव से रोक लग जायेगी और इसका उपयोग नहीं किया जाएगा।

आयोग ने कहा कि वर्ष 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के 55 विजयी उम्मीदवारों में से एकनाथ शिंदे का समर्थन करने वाले विधायकों के पक्ष में लगभग 76 फीसदी मत पड़े। महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना के विजयी उम्मीदवारों के पक्ष में मिले मतों से 23.5 प्रतिशत मत उद्धव ठाकरे धड़े के विधायकों को मिले थे।

आयोग ने कहा कि प्रतिवादी (ठाकरे गुट) ने चुनाव चिह्न और संगठन पर दावा करने के लिए पार्टी के 2018 के संविधान पर बहुत भरोसा किया था, लेकिन पार्टी ने संविधान में संशोधन के बारे में आयोग को सूचित नहीं किया था। आयोग ने कहा कि शिवसेना का 2018 में संशोधित किया गया संविधान आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है। आयोग ने कहा कि उसने पाया कि पार्टी का संविधान, जिस पर ठाकरे गुट पूरा भरोसा कर रहा था, “अलोकतांत्रिक” था।

Related Post

जनता दल यूनाइटेड अंतिम सांसे ले रहा है- पशुपति पारस

Posted by - दिसम्बर 26, 2023 0
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पाटी के राष्ट्रीय अघ्यक्ष केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि ललन सिंह के इस्तीफे के…

पहला PM देखा जो SC को नहीं मानता, केजरीवाल बोले- हम अध्यादेश को खारिज कराकर ही दम लेंगे

Posted by - जून 11, 2023 0
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं पर नियंत्रण से जुड़े अध्यादेश को लेकर रविवार को केंद्र…

जो हिंदू होकर अयोध्या धाम और राम का नहीं, वह किसी काम का नहीं” निरहुआ का तेजस्वी-अखिलेश पर हमला,

Posted by - दिसम्बर 20, 2023 0
पटना: भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर जमकर निशाना…

राम मंदिर अनगिनत राम भक्तों के त्याग और तपस्या की पराकाष्ठा का परिणाम है हैं – सम्राट चौधरी

Posted by - जनवरी 22, 2024 0
राम आ गए, भाजपा कार्यालय में मनाया गया दीपोत्सव, सम्राट चौधरी ने पदाधिकारियों को दी बधाई राघव पधारे अयोध्या में,…

मुख्यमंत्री ने खगड़िया में सड़क हादसे में हुयी 03 बच्चों सहित 07 लोगों की मृत्यु पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की

Posted by - मार्च 18, 2024 0
पटना, 18 मार्च 2024 मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने खगड़िया जिला के पसराहा थाना क्षेत्र के एन०एच०-31 पर हुये सड़क…
Translate »
Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
LinkedIn
Share
WhatsApp