बीमारी से पूर्व तैयारियों में जुटा स्वास्थ्य महकमा
पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में एक्यूट इंसेफ्लायटिस सिंड्रोम (एईएस) की संभावना के मद्देनजर इसकी रोकथाम व उचित इलाज को लेकर स्वास्थ्य विभाग पहले से अलर्ट है। बीमारी के खतरे की संभावना को देखते हुए स्वास्थ्यकर्मियों व चिकित्सकों को विशेषज्ञां द्वारा उचित मार्गदर्शन दिया जा रहा है। राज्य के सभी जिलों में बीमारी से पूर्व स्वास्थ्य महकमा अपनी तैयारियों में लगा है। साथ ही सभी अस्पतालों में विभाग जरूरी संसाधनों की व्यवस्था कर रहा है।
श्री पांडेय ने कहा कि हर साल गर्मी के मौसम में कई बच्चे एईएस की चपेट में आ जाते हैं। इसे देखते हुए विभाग ने 14 एवं 15 मार्च 2022 को इसके नियंत्रण को लेकर चिकित्सा पदाधिकारियों एवं पारामेडिकल स्टाफ का एक प्रशिक्षण पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग में आयोजित किया। इन चिकित्सकों को बीमारी से लड़ने के प्रति दक्ष बनाया गया। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें इस बात की जानकारी मुहैया करवायी गयी कि इस बीमारी की रोकथाम कैसे करें और इसकी चपेट में आने पर त्वरित किन उपायों को अपनाना चाहिए। यदि देर हो तो खतरे की संभावना बढ़ जाती है। इस बीमारी की चपेट में आने वालों में ज्यादातर छोटे उम्र के बच्चे होते हैं।
श्री पांडेय ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि किन परिस्थितियों में बच्चें को बड़े अस्पतालों में रेफर करना है। किस प्रकार उनका प्रारंभिक उपचार हो और उसके सैंपल की तुरंत जांच की जाए। यदि बदन में गर्मी ज्यादा है तो कैसे कम किया जाए और तापमान नियंत्रण हो। किन-किन परिस्थितियों में क्या बेहतर उपाय हो सकते हैं, इसकी भी जानकारी दी गयी। एईएस के नियंत्रण को लेकर राज्य के सभी 38 जिलों से दो-दो डॉक्टर एवं दो-दो पारा मेडिकल स्टाफ को दो चरणों में मास्टर टीओटी का प्रशिक्षण दिया गया। यह सभी अपने-अपने जिलों में स्वास्थ्य कर्मियों व चिकित्सा पदाधिकारियों को बीमारी के बेहतर उपचार की जानकारी देंगे।
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