एक सफल उद्यमी, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन – दिल्ली की उपाध्यक्ष और बिक्रम विधानसभा की पूर्व प्रत्याशी रहीं डॉ० ममतामयी प्रियदर्शिनी को आईटीसी मौर्य होटल, दिल्ली, के कमल-महल सभागार में 6 नवंबर, 2023 को बिहार सरकार के उद्योग विभाग की तरफ से आयोजित “Bihar Business Connect 2023” के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था।
डॉ० ममतामयी प्रियदर्शिनी ने कार्यक्रम पर चर्चा करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से मुझे बिहार सरकार के उद्योग आधारित नीतियों, योजनाएं, बुनियादी ढांचे एवं अनुकूल समर्थन प्रणाली विकास, और सरकार द्वारा प्रायोजित इंसेंटिव्स के विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त हुई ।
डॉ० ममतामयी प्रियदर्शिनी ने आगे कहा कि इस जानकारी के बाद मुझे लगा कि बिहार बदल रहा है और औद्योगिक विकास के लिए पूरी तरह से तैयार है ।
पर साथ ही डॉ० ममतामयी प्रियदर्शिनी ने यह भी कहा कि अगर औद्योगिक विकास की नीतियां, योजनाएं, सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर और इंसेंटिवस की योजनाएं दुरुस्त हैं, तो उद्योग वहां लग क्यों नहीं रहे? कमी कहां है? सरकार की नीतियों और योजनाओं का लाभ उद्योग घराने के लोग क्यों नही ले रहे?
डॉ० ममतामयी प्रियदर्शिनी ने आगे कहा कि इन्हीं सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश मैं बिहार के माननीय उद्योग मंत्री समीर महासेठ और अपर मुख्य सचिव, उद्योग विभाग, बिहार सरकार, श्री संदीप पौंड्रिक से मिली और बिहार में बड़े उद्योगों के साथ साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSMEs) के विकास की जरूरत और आवश्यकता पर संक्षिप्त लेकिन सार्थक चर्चा की।
डॉ० ममतामयी प्रियदर्शिनी ने आगे कहा कि चुकि वहां मैं Indian Industries Association (IIA) – दिल्ली का आधाकारिक रूप से प्रतिनिधित्व कर रही थी, अतः मैंने माननीय उद्योग मंत्री से इस विषय पर चर्चा किया कि IIA और उससे जुड़े लगभग 12000 MSME के उद्योगपतियों को प्रभावी ढंग से बिहार से कैसे जोड़ा जाए; IIA के इन सफल उद्यमियों के अनुभवों एवं ज्ञान का लाभ “बिहार के MSME, इससेे जुड़े उद्यमियों और युवा आकांक्षी उद्यमियों” तक कैसे पहुंचे; और कैसे अपार संभावनाओं वाला राज्य, बिहार, भी भारत के अन्य राज्यों की तरह औद्योगिक क्रांति की राह पकड़े?
डॉ० ममतामयी प्रियदर्शिनी ने कहा इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए और औद्योगिक विकास को सुविधाजनक बनाने हेतु, मैंने बिहार में “Indian Industries Association (IIA) की एक शाखा स्थापित करने में माननीय मंत्री जी और अपर मुख्य सचिव से समर्थन के लिए औपचारिक रूप से पुनः अनुरोध किया ताकि यह शाखा बिहार में IIA से जुड़े भारत के लगभग 12000 सफल उद्योगपतियों के सामूहिक ज्ञान और अनुभवों का उपयोग करने और उन्हें बिहार की ओर रुख करने में प्रेरित करने के लिए एक मंच के रूप में काम कर सके।
डॉ० ममतामयी प्रियदर्शिनी ने अंत में कहा कि माननीय मंत्री जी ने इस पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है और बिहार आकर इस विषय पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया है। अतः उन्होंने आशा जताया कि सफलता मिलेगी।
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