वर्ष 2021-22 में लक्ष्य से अधिक लोगों की हुई जांच गर्भवती महिलाओं में एचआईवी जांच सुनिश्चित करने पर जोर
पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि विभाग एचआईवी एवं एड्स जैसी गंभीर बीमारी के प्रसार पर लगाम लगाने के लिए सतत प्रयासरत है। रोग की ससमय पहचान एवं इसके समुचित प्रबंधन पर जोर दिया जा रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए आमलोगों एवं गर्भवती महिलाओं के बीच एचआईवी-एड्स की संपूर्ण जांच व स्क्रीनिंग सुनिश्चित कराई जा रही है। साथ ही एचआईवी संक्रमित रोगियों के लिए बेहतर रोग प्रबंधन की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है।
श्री पांडेय ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में एचआईवी की जांच करना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि एड्स पीड़ित महिला से बच्चों में संक्रमण पहुंचने का खतरा बना रहता है। बिहार में वर्ष 2021-22 में कुल 30 लाख 43 हजार 795 गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व जांच के लिए पंजीकरण किया गया। इनमें से कुल 22 लाख 34 हजार 289 गर्भवती महिलाओं की एचआईवी जांच की गई। संक्रमित गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए सलाह दी गई, वहीं नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (नाको) द्वारा 7 लाख 79 हजार 31 आमलोगों की जांच के लिए लक्ष्य रखा गया था। लक्ष्य के विरुद्ध 7 लाख 99 हजार 611 लोगों की जांच हुई। संक्रमित लोगों को एआरभी ड्रग लेने हेतु एआरटी सेंटर से संबंधित किया गया।
श्री पांडेय ने कहा कि राज्य के सभी मेडिकल कालेज, सदर, अनुमंडलीय और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 208 इंटीग्रेटेड काउंसिलिंग टेस्टिंग सेंटर (आईसीटीसी) स्थापित किये गए हैं, जहां लोगों को एचआईवी संबंधित परामर्श एवं सहमति प्राप्त कर एचआईवी की जांच की जाती है। इसके अलावा राज्य के सभी 58 जेलों एवं 660 फेसीलिटी इंटीग्रटेड कांउसिलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर में भी स्क्रीनिंग की सुविधा उपलब्ध है। सभी प्रकार की जांच आईसीटीसी व प्रीवेंशन ऑफ पेरेंट टू चाइल्ड ट्रांसमिशन (पीपीटीसीटी) केंद्र पर निःशुल्क परमार्श व जांच की सुविधा उपलब्ध है।
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