पटना, 04 जनवरी 2022 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज पुलिस लाइन मैदान में राज्य में पूर्ण नशामुक्ति, दहेज प्रथा उन्मूलन एवं बाल विवाह मुक्ति हेतु चलाए जा रहे समाज सुधार अभियान में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में आप सबों की
उपस्थिति के लिए आप सबको धन्यवाद देता हूं और बधाई देता हूं कि आपलोगों ने समाज सुधार अभियान कार्यक्रम में भाग लिया है। हम न्याय के साथ विकास का काम कर रहे हैं।
आपने 24 नवंबर 2005 से हमलोगों को काम करने का मौका दिया और उस समय से सबको आगे बढ़ाने के लिए काम करना शुरु किया। जो हालात उन दिनों के थे, उससे सभी परिचित हैं।
शाम होते ही कोई घर से बाहर नहीं निकलते थे। महिलाएं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक, अतिपिछड़े वर्ग के लिए काम करने के साथ-साथ हाशिए पर के लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए विशेष पहल की गई। क्या हालत थी,महिलाओं को कुछ काम नहीं मिलता था ।
कितनी परेशानी होती थी, बच्चियों को पढ़ने में कितनी दिक्कतें आती थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2006 में होने वाले पंचायत चुनाव में महिलाओं के लिए हमने एक कानून बनाया, जिसमें तय किया कि 50 प्रतिशत का आरक्षण महिलाओं के लिए दिया जाएगा और हमलोगों ने दिया। ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बना। अगले साल नगर निकाय चुनाव होने वाला था तो उसके लिए भी हमलोगों ने महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया। क्या हालत थी बेटियों की अपनी बेटियों को लोग आगे पढ़ा नहीं सकते थे। 5वीं कक्षा के बाद उसको जो कपड़ा चाहिए था, वो देने की स्थिति में लोग नहीं थे, जिसकी वजह से बहुत कम लड़के-लड़की ही आगे पढ़ पाते थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 से हमलोगों ने पोशाक योजना की शुरुआत की। हमलोगों ने साइकिल योजना की भी शुरुआत की। जब साइकिल योजना की शुरुआत की तो कुछ लोगों ने मेरा मजाक उड़ाते हुए कहा था कि लड़की साइकिल चलाएगी तो रास्ते में लोग तंग करेंगे।
हमने हंसते हुए कहा कि एक आदमी की हिम्मत नहीं है कि लड़की साइकिल चलाएगी तो कोई उसको तंग करेगा। उसके बाद लड़कों ने भी साइकिल की मांग करना शुरु किया तो उनके लिए दो-तीन साल बाद हमलोगों ने साइकिल योजना की शुरुआत की। आप देख लीजिए कितनी बड़ी संख्या में लड़कियां आगे आने लगीं और पढ़ाई करने लगीं। पहले लड़की कम पढ़ती थीं लेकिन पिछले साल मैट्रिक की परीक्षा में लड़कों से 200-300 ज्यादा लड़की पूरे बिहार में परीक्षार्थी थीं। जीविका समूह के माध्यम से महिलाओं में जागृति लायी जा रही है। पहले महिलाएं सिर्फ घर का काम करती थीं, कहीं-कहीं खेतों में भी जाकर काम करती थीं लेकिन उनके बारे में कोई खास ध्यान नहीं था। जब हमलोगों ने काम करना शुरू किया तो देखा कि महिलाएं भी अगर काम करेंगी तो परिवार की आमदनी बढ़ेगी। सरकारी सेवाओं में भी हमलोगों ने आरक्षण दिया।
पुलिस बल में हमलोगों ने आरक्षण देने का काम किया। महिलाओंके उत्थान का नतीजा है कि आज बिहार में 25 हजार से अधिक महिलाएं पुलिस बल में हैं। पुलिस बल में जितनी महिलाएं अब बिहार में हैं उतना देश के किसी भी राज्य में नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में उस समय बेहतर ढंग से स्वयं सहायता समूह गठित नहीं था। हमने वर्ल्ड बैंक से कर्ज लेने का निर्णय लिया। हमने इसका नामकरण किया जीविका समूह दिया। महिलाओं में इससे कितनी जागृति आयी है। हमलोगों का 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाने का लक्ष्य था।
अब तो 10 लाख के लक्ष्य को भी पूरा कर लिया गया है। 1 करोड़ 30 लाख से अधिक महिलाएं इससे जुड़ गई हैं। जब वर्ष 1977 में जननायक कर्पूरी ठाकुर जी मुख्यमंत्री बने थे तो उन्होंने शराबंदी लागू की थी लेकिन दो-ढाई साल बाद इसे खत्म कर दिया गया। 9 जुलाई 2015 को पटना में जीविका का एक कार्यक्रम था। हम अपनी बात बोलकर बैठ रहे थे तभी नीचे से महिलाओं ने शराबबंदी को लेकर आवाज उठाना शुरु कर दिया। उसके बाद मैं वापस माइक पर आया और कहा कि फिर अगर आपलोगों ने सेवा का मौका दिया तो शराबबंदी लागू करेंगे। बिहार की जनता ने पुनः हमलोगों को काम करने का मौका दिया और हमने 20 नवंबर को शपथ ली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार में आते ही 1 अप्रैल 2016 को पहले ग्रामीण इलाके में देशी और विदेशी शराब पर हमलोगों ने रोक लगायी, जबकि शहरी इलाकों नगर निगम और नगर परिषद में विदेशी शराब बंद नहीं करने का निर्णय लिया था। हमने सोचा गांव में इतना अभियान चलाए हैं और शहर में नहीं चलाए हैं तो बाद में इसको हम देखेंगे लेकिन शहरों में महिलाएं, युवक-युवतियों, कई जगहों पर पुरुषों ने भी शराब की आवंटित दुकानों के खोले जाने पर कड़ा विरोध जताया। इसके बाद 5 अप्रैल 2016 को राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी।
एक जगह पर एक महिला ने अपनी आप बीती सुनाई कि मेरे पति काम से लौटते थे दारू पीकर आते थे, मारपीट करते थे, हंगामा करते थे, परिवार में सभी को बुरा लगता था, देखने में खराब लगते थे। अब जब शराबबंदी हो गई तो बाजार से सब्जी लेकर आते हैं और घर में आते हैं तो मुस्कुराते हैं। अब देखने में अच्छे लगते हैं, कितना बड़ा परिवर्तन हुआ है। जब भी कोई काम कीजिएगा तो कुछ लोग गड़बड़ करने वाले होते हैं इसलिए निरंतर अभियान चलाते रहने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि समाज सुधार अभियान जारी रखना है। शराब पीना बुरी चीज है। अगर पीना नहीं छोड़ोगे तो कोई गलत शराब पिला देगा। बापू ने देश को आजाद कराया।
शराब के वे कितना खिलाफ थे। बापू ने कहा था- शराब न सिर्फ आदमी का पैसा बल्कि बुद्धि भी हर लेती है। शराब पीने वाला इंसान हैवान हो जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूरी दुनिया का वर्ष 2016 से 2018 तक सर्वेक्षण कराया और 2018 में ही रिपोर्ट को प्रकाशित किया। उस रिपोर्ट में बताया गया है कि शराब पीने से दुनिया में एक साल में 30 लाख लोगों की मृत्यु होती है यानि दुनिया में जितनी मृत्यु हुई है उसका 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से हुयी है। 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत मृत्यु शराब पीने के कारण होती है। शराब के सेवन से 200 प्रकार की बीमारियां आती हैं, जबकि 18 प्रतिशत लोग शराब पीने से आत्महत्या कर लेते हैं। मधुमेह, डायबिटिज जैसी अनेक बीमारी शराब पीने से होती है। शराब पीने के कारण 18 प्रतिशत आपसी झगड़े होते हैं। शराब पीने से दुनिया भर में 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं हैं।
शराब इतनी बुरी चीज है इसके संबंध में विज्ञापन के जरिए भी लोगों को जानकारी दी जा रही है, उस पर भी गौर कीजिएगा। एक-एक घर तक पहुंचा दिया जाएगा, लोगों को इसके प्रति सचेत कीजिए। दहेज प्रथा एवं बाल विवाह जैसी कुरीतियों के उन्मूलन तथा नशामुक्ति को लेकर सामाजिक जागरूकता अभियान निरंतर चलता रहेगा तभी मुक्ति मिलेगी। जब तक कोई लिखकर नहीं देगा कि शादी में दहेज नहीं लिया है तब तक मैं किसी भी शादी में नहीं जाएंगे। अब आप भी इसको कीजिएगा तो निश्चित तौर पर दहेज प्रथा से मुक्ति मिल जाएगी।
कॉल सेंटर मेंजहां औसतन 70-80 कॉल प्रतिदिन आते थे, अब बढ़कर 190 से 200 कॉल आ रहे हैं। महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों में भी जागृति आनी चाहिए। हमने अपने साथियों से भी कहा है कि हमने अभियान की शुरुआत की है, इसका मतलब ये नहीं कि जहां जाएंगे वहीं अभियान है बल्कि ये निरंतर इस अभियान को जारी रखना है। आप सबलोगों से हम आग्रह करने आए हैं कि समाज सुधार के लिए जागृति लाने के लिए निरंतर लगे रहिएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना का तीसरे लहर का प्रकोप बढने लगा है, जिसमें सबसे अधिक पटना और दूसरे नंबर पर गया है। दो लाख पौने दो लाख रोज कोरोना की जांच करवा रहे थे, रिपोर्ट निगेटिव आता था लेकिन इधर पॉजिटिव रिपोर्ट बहुत आने लगा है। कल हम जनता दरबार में थे सभी को जांच कराया जाता है उसके बाद अंदर बैठने दिया जाता है। कल 188 लोग आए उसमें से 8 लोग पॉजिटिव निकल गए। 7-8 आदमी खाने खिलाने वाले लोगों में 5 लोग और सुरक्षा में रहने वाले 8-10 पॉजिटिव निकल गए इसलिए आपलोग सचेत रहिए। हम जब यहां से लौटकर 7 बजे शाम में सारा रिपोर्ट मंगवाएंगे उसके बाद कल इस पर क्या करना है, क्या नहीं करना निर्णय लिया जाएगा। कोविङ-19 के बारे में तो हमलोग 2020 में जाने।
उन्होने कहा कि अब एक ओमिक्रोन आ गया है। अब उसकी जांच की जा रही है। उसके जांच की भी हमलोगों ने तय किया कि पटना में जांच होगी। इस तरह की चीजों से सजग एवं सतर्क रहना है। जैसे हमलोगों ने शराबबंदी लागू कर अभियान चलाया है, उसके बाद बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ भी अभियान चलाया। उन्होंने कहा की लड़कियों की 18 से कम उम्र में शादी होती है तो वे कई बीमारियों की शिकार हो जाती हैं। केंद्र सरकार ने यह प्रस्ताव लाया है कि लड़कियों की शादी अब 18 साल की बजाए 21 साल में किया जाए। बाल विवाह बहुत बुरी चीज है। बाल विवाह की शिकार महिलाएं कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो जाती हैं और उनसे जो बच्चे पैदा होते हैं उनकी उंचाई कम होती है और तरह-तरह की बीमारियों से भी घिर जाते हैं।
दहेज के चक्कर में कितनी लड़कियों को आत्महत्या करनी पड़ती है। कितने लोगों की हत्या की गई है। कितनी ज्यादा परेशानी हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग विकास का काम कर रहे हैं। सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम किये जा रहे हैं। सिर्फ निर्माण कराना ही नहीं है बल्कि उसको मेंटेन भी रखना है। गांव और शहर में न्याय के साथ हमलोग विकास कर रहे हैं। किसी की अवहेलना नहीं की जा रही है लेकिन उसके साथ-साथ समाज सुधार करना और अभियान चलाते रहना है। जब समाज सुधार अभियान चलेगा, तभी हमारा विकास हो पाएगा। समाज सुधार के लिए निरंतर अभियान चलाते रहिए, यही आप से आग्रह करने आए हैं।
समाज में कोई किसी भी धर्म के मानने वाले लोग हैं सबका सम्मान करना चाहिए। समाज सुधार के साथ प्रेम-भाईचारे का माहौल कायम रखिए तभी देश और राज्य का विकास हो पाएगा। इस बात के लिए आपलोगों को हृदय से धन्यवाद देता हूं। कार्यक्रम को गया जिले के प्रभारी सह उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन, अरवल जिले के प्रभारी सह कृषि मंत्री श्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, औरंगाबाद जिले के प्रभारी सह खान एवं भूतत्व मंत्री श्री जनक राम, मंत्री मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन श्री सुनील कुमार, मंत्री अनुसूचित जाति / जनजाति कल्याण, लघु जल संसाधन सह जहानाबाद जिले के प्रभारी मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, अपर मुख्य सचिव गृह श्री चैतन्य प्रसाद, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री के०के० पाठक ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर आयोजित जनसभा को लेकर बने मंच पर आयुक्त मगध प्रमंडल श्री मयंक बरबड़े ने पौधा जबकि स्थानीय नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को अंगवस्त्र एवंपुष्प गुच्छ भेंटकर उनका अभिनंदन किया। नशामुक्ति पर आधारित गीत का गायन कर जीविका दीदियों ने जनसभा में उपस्थित लोगों को जागरूक किया। कार्यक्रम की शुरुआत से पहले मुख्यमंत्री ने विभिन्न स्टॉलों पर लगाए गए प्रदर्शनियों का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने गया जिला प्रशासन द्वारा जल-जीवन- हरियाली अभियान से संबंधित प्रकाशित कराई गई त्रैमासिक बुलेटिन (पुस्तिका) के तृतीय संस्करण तथा लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम पर आधारित पुस्तिका समाधान की कहानी, परिवादी की जुबानी वर्ष 2022 का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री ने औरंगाबाद, गया, नवादा, अरवल एवं जहानाबाद जिले के सतत् जीविकोपार्जन योजना के 5,089 लाभार्थियों हेतु श्रीमती उर्मिला देवी एवं श्रीमती कलावती देवी को 6.72 करोड़ रुपये का डमी चेक प्रदान किया। विभिन्न बैंकों द्वारा कैश क्रेडिट लिमिट के माध्यम से 7454 स्वयं सहायता समूहों को 231.35 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद से संबंधित चेक, जल-जीवन- हरियाली अभियान के अंतर्गत नवसृजित 41 सार्वजनिक जलाशयों के रखरखाव एवं प्रबंधन हेतु जीविका दीदियों को 1.58 करोड़ रुपये की राशि से संबंधित डमी चेक प्रदान किया गया। जीविका एवं कृषि विभाग के साथ समन्वय से जीविका संपोषित संकूल स्तरीय संघों को कुल 63 कस्टम हायरिंग सेंटर की चाभी लाभुकों को प्रदान की गई।
कार्यक्रम के दौरान जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत औरंगाबाद जिले के रफीगंज प्रखंड की श्रीमती शिकांति देवी के पति ताड़ी का व्यवसाय कर रहे थे। एक दिन छत से गिरने से उनकी मौत हो गई। इसके बाद जीविकोपार्जन की समस्या खड़ी हो गई। उसके बाद सतत् जीविकोपार्जन योजना का लाभ लेकर हमने ठेला निकलवा लिया और आज की तारीख में अपने व्यवसाय को बढ़ाकर परिवार को खुशी-खुशी पालन पोषण कर रहे हैं। हमलोग किसी भी कीमत पर शराब नहीं बिकने देंगे और न ही नीतीश भईया का सर झुकने देंगे।
गया के मोहनपुर की रहने वाली कलावती देवी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मेरे पति के गिरने से वो चलने फिरने में असमर्थ हो गए, जिससे बहुत परेशानी हो गई। काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसी बीच जीविका की दीदी आयीं और उन्होंने कहा कि दारु का धंधा छोड़ दीजिए हम आपके रोजगार के लिए व्यवस्था करेंगे। उसके बाद हमने मीटिंग में बैठक लिया उसके बाद जीविका समूह के माध्यम से 10 हजार रुपये दुकान बनाने के लिए और 20 हजार दुकान खोलने के लिए उपलब्ध कराया । मेरा व्यवसाय चलने लगा, आज की तारीख में मैं अपने बाल बच्चों को पालन पोषण कर रही हूं। अपने पति के लिए साईकिल खरीद दिया और कहा कि किसी तरह से घूम-घूमकर सर्फ बेचिए, तीन किलो तक सर्फ बेच देते हैं जिससे कुछ आमदनी उनको भी हो जाती है। अब वो शराब नहीं पीते हैं। घर के हालात पहले से ज्यादा बदल गया है। नीतीश भईया को इसके लिए धन्यवाद देती हूं।
नवादा जिले की रहने वाली जबीहा खातून के पति के छत से गिरने से मौत हो गई। मेरे पति के निधन के बाद मेरे पास कफन के लिए भी पैसे नहीं थे। गांव के लोगों ने मुझे सहयोग दिया तब किसी तरह कुछ हो पाया। एक दिन ऐसा आया कि घर में खाने के लिए कुछ भी नहीं था। बहुत परेशान थी। जीविका दीदियां मेरे पास आयीं और मुझे 100 रुपये दिया कहा कि आज किसी तरह से बच्चों को कुछ खिलाइये और कल आप मीटिंग में आईये ।
जीविका समूह के सहयोग से सिलाई मशीन दिलाया और अब मैंने राशन दुकान भी खोल लिया है, मनिहारी के दुकान को खुलवा दिए हैं। मेरे चार बच्चे हैं उनको अच्छा से पढ़ाई करा रही हूं। मेरा परिवार अब बहुत ही खुशहाल तरीके से जीवन बसर करने लगा है।•अरवल जिले की रहने वाली श्रीमती कंचन दीदी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मेरे पति मजदूरी करते हैं। दहेज प्रथा को लेकर मैं बहुत चिंतित रहती थी। फिर मैं दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज उठाने के लिए निकल पड़ी और घर-घर जाकर लोगों को समझाने का काम किया करती हूं। हर किसी से कहती हूं कि अपनी बच्चियों को कम उम्र में शादी न करें, इससे आपकी बेटी को काफी परेशानी होती है, उनसे होने वाले बच्चों कुपोषण के शिकार होते हैं।
शुरुआती दौर में तो थोड़ी परेशानी हुई, मगर अब बहुत लोगों ने मेरी बातों को मानकर बाल विवाह करना रोक दिया है। इसके अलावा दहेज लेने वालों को कहती हूं कि आप अपनी बेटियों को पढ़ाईये, जो दहेज के रुप में पैसे की मांग करते हैं उनसे कहती हूं कि बेटी को पढ़ाया, लिखाया फिर दहेज मत लीजिए। हमलोगों के समूह की सुशीला दीदी ने बाल विवाह करने के लिए अपनी बेटी की शादी तय कर दी। उसके बाद उनसे हमलोगों ने कहा कि आपकी बेटी बहुत छोटी है। बेटी की सही उम्र होने दीजिए, आपकी बेटी अभी छोटी है इसलिए शादी की तारीख को आगे बढ़ा लीजिए, हमलोगों ने कहा तो वो बात मान गई। मैं जब से जीविका समूह से जुड़ी आज मैं किसी परिचय की मोहताज नहीं हूं। साथ ही अरवल जिले के 65 पंचायतों को शराब मुक्त बनाकर रहूंगी।
जहानाबाद के मखदूमपुर के टेहटा की रहने वाली मीना दीदी ने कहा कि जीविका से पहले मैं कुछ नहीं थी। मेरी ताड़ी की दुकान थी। शराबबंदी के बाद ताड़ी की दुकान बंद हो गई और खाने-पीने के लाले पड़ गए। इसके बाद मैंने सिलाई का काम करने लगी। जीविका समूह जुड़कर मुझे लाभ हुआ और मुझे सतत् जीविकोपार्जन का लाभ लेते हुए मुझे सिलाई से मशीन खरीदवाया और दुकान बनवाया साथ ही 7 हजार रूपये प्रतिमाह लाभ दिया गया। मैंने जमकर मेहनत किया और आज मेरे पास 4 मशीन हो गई है। एक समय था दूसरे के यहां मजदूरी कर रही थी और आज मैं अपने अलावे तीन दीदियों को अपने दुकान पर काम करवा रही हूं। कोरोना के दौरान सब कुछ ठप पड़ गया मगर इस लॉकडाउन के दौर में मास्क सिलाई का काम किया, जिससे मेरी आर्थिक स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ा। मेरे पति ने शराबबंदी होने के बाद शराब पीना छोड़ दिए हैं और मेरे काम में मेरा हाथ बंटा रहे हैं।
नशामुक्त, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा मुक्त समाज बनाने के लिए महिलाओं ने अपनी-अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की महिलाओं ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए मुख्यमंत्री द्वारा किये गए विकास कार्यों एवं चलाए जा रहे समाज सुधार अभियान की काफी सराहना की। सरकार द्वारा कराए गए हर घर शौचालय निर्माण कार्य पर महिलाओं ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे हमें काफी सहूलियत मिली है।
औरंगाबाद में आयोजित समाज सुधार अभियान में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री ने सबसे पहले औरंगाबाद समाहरणालय के प्रवेश द्वार के समीप स्थित डॉ० अनुग्रह नारायण सिंह स्मारक समिति कार्यालय परिसर में स्थापित बिहार के पहले उप मुख्यमंत्री स्व० डॉ० अनुग्रह नारायण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। ज्ञात हो कि अनुग्रह स्मारक सन 2003 में लोगों के सहयोग से बना । अनुग्रह बाबू की मूर्ति का अनावरण तत्कालीन केन्द्रीय गृह मंत्री और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष शिवराज पाटिल जी के द्वारा किया गया था। बाद में 2019 में नगर परिषद ने एक सभाकक्ष का निर्माण कराया था और अभी हाल ही में पूरे
परिसर का जीर्णोद्धार और सौन्दरीकरण नगर परिषद के द्वारा कराया गया है। सत्येंद्र नारायण सिन्हा स्मृति भवन में स्थापित की गई, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व0 सत्येंद्र नारायण सिन्हा की प्रतिमा का अनावरण करने के उपरांत मुख्यमंत्री ने माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। स्व० सत्येंद्र नारायण सिन्हा स्मृति भवन में मुख्यमंत्री ने स्व० सत्येंद्र नारायण सिन्हा के व्यक्तित्व कृतित्व पर आधारित चित्र प्रदर्शनी दीर्घा का फीता काटकर • लोकार्पण किया। सत्येन्द्र नारायण सिन्हा मेमोरियल ट्रस्ट के अनुरोध पर नगर परिषद ने वर्ष
2019 में एक स्मृति भवन बनाने का निर्णय जिसके बाद निर्मा पूरा किया गया और ट्रस्ट के माध्यम से ही इस स्मृति भवन में उनकी मूर्ति लगाई गई। यहाँ विजिटर रजिस्टर पर मुख्यमंत्री ने अपना वक्तव्य अंकित किया।
इस अवसर पर सांसद श्री महाबली सिंह, सांसद श्री विजय कुमार मांझी, सांसद श्री चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, सांसद श्री चंदन कुमार, विधायक श्री अनिल कुमार, विधायक श्रीमती ज्योति देवी, विधायक श्री वीरेंद्र सिंह, विधान पार्षद श्री संजीव श्याम सिंह, विधान पार्षद श्रीमती कुमुद वर्मा, विधान पार्षद श्रीमती रोजीना नजिस सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, प्रधान सचिव पंचायती राज श्री अरविंद कुमार चौधरी, परिवहन सह आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री बाला मुरुगन डी०, सचिव वाणिज्य कर विभाग श्रीमती प्रतिमा वर्मा, सचिव भवन निर्माण श्री कुमार रवि, जिलाधिकारी औरंगाबाद श्री सौरभ कुमार जोरवार, जिलाधिकारी गया श्री अभिषेक सिंह, जिलाधिकारी जहानाबाद श्री हिमांशु कुमार राय, जिलाधिकारी अरवल सुश्री जे० प्रियदर्शिनी, जिलाधिकारी नवादा श्री यशपाल मीणा, पुलिस अधीक्षक औरंगाबाद श्री कांतेश कुमार मिश्रा, वरीय पुलिस अधीक्षक गया श्री आदित्य कुमार, पुलिस अधीक्षक जहानाबाद श्री दीपक रंजन, पुलिस अधीक्षक अरवल श्री राजीव रंजन, पुलिस अधीक्षक नवादा श्रीमती डी० सांवलाराम सहित अन्य वरीय पदाधिकारी, जीविका दीदियां एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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