पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग राज्य के कुपोषित बच्चों की पहचान, प्रबंधन एवं उन्हें उचित चिकित्सा प्रदान करने के लिए तत्पर है। कुपोषित बच्चों में संक्रमण की संभावना अधिक होती है तथा इनका मानसिक एवं शारीरिक विकास भी प्रभावित होता है। इसके लिए विभाग द्वारा राज्यभर में पोषण पुनर्वास केंद्र तथा अन्य स्वास्थ्य संस्थानों पर पदस्थापित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक एवं प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक का चालू विŸाय वर्ष में एक दिवसीय उन्मुखीकरण किया जा रहा है।
श्री पांडेय ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के बीच भी कुपोषित बच्चों के बेहतर देखभाल के लिए पोषण पुनर्वास केंद्रों को संचालित किया जा रहा है। राज्य के बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने के लिए विभाग गंभीर है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग हर स्तर पर काम कर रहा है। कुपोषण से निबटने के लिए ही जिला स्तर पर पोषण पुनर्वास केंद्र की स्थापना की गई है। इन केंद्रों के माध्यम से कुपोषण के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी जा रही है। इसके साथ ही जटिलतायुक्त अतिगंभीर कुपोषित बच्चों के प्रबंधन, उपचार के लिए पोषण पुनर्वास केंद्रों में कार्यरत स्टाफ नर्सों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।
श्री पांडेय ने कहा कि पीएमसीएच में चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण का पहला चरण 8-11 फरवरी को संपन्न हुआ। वहीं दूसरा चरण 22-25 फरवरी तक चलेगा। इस प्रशिक्षण में अररिया, अरवल, औरंगाबाद, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, पूर्वी चंपारण, गया, जहानाबाद, कैमूर, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, नालंदा, सहरसा, शेखपुरा, सीतामढ़ी, सुपौल एवं वैशाली की स्टाफ नर्स भाग लेंगीं। प्रशक्षिण में चिह्नित बच्चों को केंद्र तक पहुंचाने की व्यवस्था और बच्चों में सुधार कैसे करेंगे आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी।
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