वेंटिलेटर के संचालन हेतु कर्मियों को मिलेगा और बेहतर प्रशिक्षण
पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तत्परता से काम कर रहा है। कुशल रणनीति के तहत विभाग कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उपचार में लगा है। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जिलों में केंद्र से चिह्नित जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा रही है। वहीं कोरोना के बेहतर उपचार के लिए राज्य के सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर संचालन एवं रख-रखाव के लिए मेडिकल कॉलेजों एवं जिलों में पदस्थापित डॉक्टरां और कर्मियां को प्रशिक्षित करने की प्रक्रिया जारी है।
श्री पांडेय ने कहा कि कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज के लिए सभी सिविल सर्जनों और मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के अधीक्षकों को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं। इसके लिए जिलों को कोरोना इलाज के चिह्नित दवाइयां र्प्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया गया है। बीएमएसआईसीएल द्वारा इन दवाओं को चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पतालों एवं सभी जिलों को केस के आधार पर दवाइयां लगातार आवंटित की जा रही है। वहीं वेंटिलेटर की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को अत्यधिक विशिष्ट बनाने के लिए उसे सुचारू रूप संचालित करने के लिए चिकित्सक एवं पारामेडिकल स्टाफ के रिफ्रेशर प्रशिक्षण की आवश्यकता महसूस की गई है। ऐसे में चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल से लेकर जिला अस्पताल एवं अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में पदस्थापित चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ को वेंटिलेटर के संचालन एवं रख-रखाव के लिए और बेहतर प्रशिक्षण हेतु एम्स, पटना से समन्वय बनाया गया है।
श्री पांडेय ने कहा कि कोविड संक्रमण से उत्पन्न वर्तमान स्थिति में गंभीर रोगियों के उपचार को ध्यान में रखते हुए आक्सीजनयुक्त बेड, आईसीयू बेड एवं वेंटिलेटर समेत अन्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया गया है। इसी क्रम में सरकार द्वारा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों यथा सभी जिलों के सदर अस्पतालों में वेंटिलेंटर अधिष्ठापित कर दी गई है। साथ ही उसके संचालन के लिए कई चरणों में डॉक्टरां एवं कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जृा चुका है।
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