पटना: 1.05.22
गठिया (Arthritis) रोग से पीड़ित मरीजों में प्रारंभिक लक्षण हाथ और पैरों के जोड़ों में सूजन और दर्द देखने को मिलते हैं. इसके साथ ही अगर शरीर में अकड़न रहती है तो यह भी अर्थराइटिस का लक्षण है.
हाल ही में हुए कुछ शोध में बताया गया है कि कोविड के बाद गठिया के रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है. यह बीमारी बुजुर्गों के अलावा युवाओं को भी हो रही है. डॉक्टरों का कहना है कि यदि समय पर इलाज लिया जाए तो इस बीमारी से निजात पाया जा सकता है.
प्रारंभिक लक्षण:
डॉक्टर निहारिका सिन्हा के मुताबिक, अर्थराइटिस रोग से पीड़ित मरीजों में प्रारंभिक लक्षण में हाथ और पैरों के जोड़ों में सूजन और दर्द देखने को मिलते हैं. अगर शरीर में अकड़न और चलने फिरने में परेशानी होती रहती है तो यह भी अर्थराइटिस का लक्षण है. यह दिखाई देने पर तुरंत जांच करवाना जरूरी होता है. यदि समय पर मरीज अपना इलाज नहीं करवाते है तो यह परमानेंट गठिया रोग में तब्दील हो जाता है. लापरवाही बरतने से घुटना, कूल्हा आदि इंप्लांट करने तक की नौबत आ जाती है.
कोविड के बाद बढ़ गए हैं मरीज:
डॉक्टर निहारिका सिन्हा के मुताबिक, कोविड के बाद अर्थराइटिस बीमारी के मरीज काफी बढ़ गए हैं. इन रोगियों का काफी समय तक उपचार चल रहा है. पोस्ट कोविड परेशानियों में भी लोगों को जोड़ो में दर्द की परेशानी हो रही है. पहले अर्थराइटिस बुजुर्गों को अधिक होता था, लेकिन अब युवा भी इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं. इसका कारण यह है कि पिछले दो सालों में लोगों की दिनचर्या से लेकर खानपान में काफी बदलाव आया है. शरीर पर ध्यान न देने के कारण यह समस्या बढ़ रही है.
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