नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर बिहार की सियासत गरमा गई है। इस बीच, लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने संसद भवन के उद्घाटन का स्वागत किया है.
Patna: नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर बिहार की सियासत गरमा गई है। इस बीच, लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने संसद भवन के उद्घाटन का स्वागत किया है। वहीं, चिराग पासवान ने नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का विरोध करने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती दी है।
“अपने सांसदों से कहें कि इस्तीफा दें”
दरअसल, लोजपा (रामविलास) सुप्रीमो चिराग पासवान आज यानी शनिवार को पटना पहुंचे। पटना एयरपोर्ट पर उन्होंने नीतीश सरकार की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि पीएम के समर्थन में पत्र लिखा है। उन्होंने नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए कहा कि हिम्मत है तो पूर्ण विरोध करें। अपने सांसदों से कहें कि इस्तीफा दें। सदन में कल के दिन यही सांसद जाएंगे बैठने के लिए। उन्होंने कहा कि नए संसद भवन की जरूरत लंबे समय से है। यूपीए सरकार के समय भी एक आधुनिक संसद भवन की जरूरत हुई थी। पुरानी संसद के जो हालात हैं इसलिए उसके आधुनिकीकरण की मांग है। यह लंबे समय की मांग है। अब इतिहास में नए पड़ाव की तरफ देश है। विपक्ष किस बात को लेकर विरोध कर रहा है? विपक्ष व्यक्ति विशेष का विरोध करते-करते लोकतांत्रिक संस्थाओं का विरोध करने लगा है।
“विरोधी पार्टियों ने अपने राज्यों में क्या किया”?
उन्होंने कहा कि जितनी पार्टियां विरोध करने वाली हैं, वे ये बता सकते हैं कि अपने राज्यों में क्या किया? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही 2016 में बिहार विधान मंडल भवन का विस्तार जब किया तब क्यों नहीं राज्यपाल से उद्घाटन करवाया था? क्यों नहीं उन्हें बुलाया गया? भारत को नई संसद मिलने जा रही है। 2014 में भी ये मांग उठी थी। आधुनिक प्रणाली को जमीन पर उतारने के लिए नई संसद जरूरी है। नए भारत को नई संसद मिलने जा रही है। नकारात्मक राजनीति छोड़ सकारात्मक राजनीति नीतीश कुमार को करनी चाहिए।
“मुख्यमंत्री जी पहले बिहार के इतिहास, भविष्य की चिंता करें”
चिराग पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री जी पहले बिहार के इतिहास, भविष्य की चिंता करें। आज नीतीश कुमार ने बिहार का क्या हालात बना कर रख दिया है। सिर्फ अपराध की चर्चा होती है। आज शिक्षकों और छात्रों के हालात बदतर हैं। प्रधानमंत्री से नीतीश कुमार को जलन होती है। ये नीतीश कुमार की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा है। चिराग ने कहा कि विपक्षी नेता बताएं क्यों अपने नेताओं के नाम पर योजनाओं के नाम रखे, क्यों भवनों, सड़कों के नाम रखे? तब क्यों नहीं राष्ट्रपति याद आए? कैसे-कैसे शब्दों का प्रयोग किया गया।
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