* राजद की जातीय जहर की लहर के कहर वाले मंसूबा को भाजपा कभी पूरा नहीं होने देगी
* शासक वर्ग के 10 प्रतिशत के कारण ही 90 प्रतिशत अभी भी शोषित
बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने राजद के मंत्री का 10 प्रतिशत वाले बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि राजद के लोगों ने सरकार में आते ही जातिवाद का जहर फैलाने का काम शुरू कर दिया हैं। राजद समाज में जातीय उन्माद पैदा कर वोट की फसल काटने की मंसूबा से जातीय जहर की खेती करने की कुत्सित चाल में लगा हुआ है।
उन्होंने कहा कि राजद की कोशिश बिहार को फिर से 90 के दशक में वापस ले जाकर जातीय उन्माद पैदा कर जातीय नरसंहार की झड़ी लगा कर समाज को भयभीत करना है। मगर राजद की जातीय जहर की लहर के कहर वाले मंसूबा को भाजपा कभी पूरा नहीं होने देगी। राजद की कुत्सित कारगुजारी उजागर हो चुकी है। बिहार को अब नब्बे के दशक में लौटना कतई संभव नहीं है।
श्री सिन्हा ने कहा कि राजद के लोगों को आज भी सच्चाई स्वीकारने में दिक्कत हो रही है। सत्ता में रहकर इनका चरित्र शोषक का हो गया है। सत्ता को परिवार में सिमटा कर यह अब शोषक वर्ग की श्रेणी में आ गए हैं। वास्तविकता यही है कि परिवार की प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी के जरिए सरकार चलाने वाले लोगों ने समाज के पिछड़े, अतिपिछड़े, वंचित, सवर्ण एवं अल्पसंख्यकों का अब तक शोषण ही किया है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राजद के लोगों को समाज के पीड़ित वर्गों से कोई मोह नहीं है, क्योंकि अगर उन्हें मोह होता तो तेजस्वी यादव जी के जगह अति पिछड़ा, दलित अथवा अल्पसंख्यक का कोई व्यक्ति उपमुख्यमंत्री होता। लालू परिवार परिवारवादी राजनीति का सबसे निष्कृष्ट नमूना है।
श्री सिन्हा ने कहा कि नीतीश कुमार ने भी शासन के शीर्ष पर इन वर्गों से किसी व्यक्ति को बैठने नहीं दिया। परिस्थितिवश श्री जीतन राम मांझी को उन्होंने मात्र 9 महीने के लिए मुख्यमंत्री बनाया था लेकिन फिर गद्दी से उन्हें जिस तरह बेआबरू कर बेदखल किया ऐसा उदाहरण भी विरले देखने को मिलता है।
श्री सिन्हा ने कहा कि अहंकार, तानाशाही प्रवृति और जिद की वजह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी किसी सामंती शोषक से कम नही है। अब इस सच्चाई को उन्हें स्वीकार करना चाहिए।
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