बिहार में दो बार विधानसभा और विधान परिषद से जातीय जनगणना का प्रस्ताव पास किया जा चुका है, लेकिन भाजपा की केंद्र सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है.
पटना: जातीय जनगणना के लेकर बिहार में सियासत तेज हो गई है. बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने सोमवार को कहा कि जातीय जनगणना को लेकर पटना से दिल्ली तक का पैदल मार्च करेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा और विधान परिषद में पहले ही पास हो चुका था और हमलोगों ने प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की थी, लेकिन जिस तरीके से देरी हो रही है, इससे अब हमारे पास सड़क पर उतने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है.
वहीं, इस मुद्दे पर विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने तेजस्वी का समर्थन किया है. सोमवार को उन्होंने कहा कि वीआईपी शुरू से ही इस मामले को लेकर सड़क पर उतरने को लेकर तैयार है. सहनी ने कहा कि जातीय जनगणना को केंद्र सरकार लटकाना चाहती है. उन्होंने राजद के नेता तेजस्वी यादव के इस मांग को लेकर सड़कों पर उतरने और बिहार से दिल्ली तक पैदल यात्रा करने के निर्णय पर धन्यवाद देते हुए कहा कि अगर राजद चाहती है तो वीआईपी भी उनके साथ खड़ी होगी.
इस मुद्दे को नजरअंदाज कर रही भाजपा की केंद्र सरकार
वीआईपी प्रमुख ने कहा कि जातीय जनगणना की मांग को लेकर सभी दलों के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल चुका है. बिहार में दो बार विधानसभा और विधान परिषद से जातीय जनगणना का प्रस्ताव पास किया जा चुका है, लेकिन भाजपा की केंद्र सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है.
जातीय जनगणना से सभी वर्गों को उसके अनुपात में मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ
उन्होंने कहा कि बिहार में जातीय जनगणना को लेकर यहां पक्ष से लेकर विपक्ष तक तैयार है, लेकिन इस मामले को भाजपा लटका रही है. जातीय जनगणना से सभी वर्गों को उसके अनुपात में सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा.
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