पटना| जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता और पूर्व विधान पार्षद प्रो. रणबीर नंदन ने कहा कि आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। ऐसे में हमें अपने देश की महान परंपरा पर गर्व करना चाहिए। आजादी का असली अर्थ समाज के सबसे निचले तबके को आजादी के सही अर्थ से अवगत कराना है। यह तभी संभव है, जब समाज के वंचित तबकों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके। बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसमें सफलता हासिल की है। उन्होंने तिरंगे से आम जनमानस को जोड़ने में सफलता हासिल की है।
प्रो. नंदन ने कहा कि मुझे याद आता है वर्ष 2020 का साल। पटना से करीब 40 किलोमीटर दूर मछरियावां बाजार में 85 साल के बुजुर्ग झपसी मोची ने झंडा फहराया था। एक साल पहले बिहटा प्रखंड के रौनियां गांव के रामवृक्ष मांझी ने झंडा फहराया था। ये दोनों उस महादलित समाज से आते हैं। इस समाज को मुख्य धारा से जोड़ने वाले नीतीश कुमार ही हैं। उन्होंने इन लोगों को अधिकार दिया। गरीब को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा। इसका परिणाम यह रहा है कि अब यह वर्ग भी आजादी के मायने समझ रहा है। अपने हक की बात कर रहा है। समाज के इस तबके को भी आवाज देने का कार्य नीतीश कुमार ने किया। माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी शुरू से ही इस परंपरा को निभा रहे हैं और हर साल महादलित बस्ती में झंडोत्तोलन करते हैं।
प्रो. नंदन ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की महादलित बस्ती में झंडोत्तोलन का प्रतिफल ये हुआ कि बिहार के प्रत्येक पंचायत स्थित प्रत्येक टोले में तिरंगा झंडा फहराने की परंपरा शुरू हुई। इस परंपरा को विकसित करने का श्रेय श्री नीतीश कुमार जी को जाता है। उनके इस प्रयास से आज पूरे देश में तिरंगा फहराने की परंपरा प्रारंभ हो गई है।
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद हम अपने तिरंगे की शान को बढ़ाने के लिए अभियान चला रहे हैं। इस प्रकार के अभियान अपने प्रदेश में पहले से चलते रहे हैं। लेकिन, आजादी के अमृत महोत्सव के पावन मौके पर हमें अपने तिरंगे पर गर्व करना चाहिए। इस तिरंगे को ऊंचा लहराने में जिस प्रकार से आजादी के महानायकों ने अपनी कुर्बानी दी, उसे याद करने का यह समय है। साथ ही, आजादी के बाद देश और समाज को आगे ले जाने के लिए जिस प्रकार से अभियान चले, उस पर भी हमें गर्व होना चाहिए।
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