दिव्यांगजनों के शारीरिक और मानसिक विकास हेतू दिव्यांग खेल-कुद के लिए वार्षिक खेल पंचांग 2022-23 का किया गया प्रस्तुतिकरण।

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पटना 23 अप्रैल, 2022: आज बिहार की राजधानी पटना के सोन भवन के सफाड़ बिजनेस सेंटर में अपराहन 1:30 बजे विकलांग खेल अकादमी, की इकाई खेल संघ “स्पेशल ओलम्पिक बिहार” “पैरालिंपिक कमिटि ऑफ बिहार”, “बिहार एबिलिंपिक एसोसिएशन”, “बिहार डेफ स्पोर्टस एसोसिएशन” तथा “बिहार नेत्रहीन खेल संघ” के द्वारा एक साथ मिलकर वर्ष 2022-23 के लिए वर्ष भर चलने वाली दिव्यांग खेल-कूद कैलेंडर का सफल प्रस्तुतिकरण किया गया।

इसके साथ ही पटना के सोन भवन में दिव्यांगजनो के सार्वांगिक विकास के लिए वार्षिक आम सभा की बैठक का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में समीर कुमार सेठ ( विधायक मधुबनी सह अध्यक्ष पैरालिपिक कमिटि ऑफ बिहार एवं बिहार डिसएब्लड स्पोर्टस अकादमी), डॉ शिव कुमार (पूर्व राज्य आयुक्त निःशक्तता सह विख्यात दिव्यांगजन विशेष), सुमित कुमार (उपसचिव समाज कल्याण विभाग), ई० अजय यादव (अध्यक्ष समर्पण एवं समाजसेवी) ने इस आयोजन में चार चांद लगा दिया।

मुख्य अतिथियों के द्वारा सभा की बैठक एवं वार्षिक खेल कैलेण्डर 2002-23 जारी किया गया। इस अवसर पर मधु श्राव (अध्यक्ष बिहार विविध सोसाईटी फोरम), डॉ० ऋतु रंजन (अध्यक्ष, चाईल्ड कन्सर्न सह दिव्यांगता विशेष), सदीप कुमार (क्षेत्रीय निदेशक, स्पेशल ओलम्पिक्स बिहार), सुलेखा कुमारी (सचिव, चाईल्ड कन्सर्न), संतोष कुमार सिन्हा (सी.ई.ओ. समर्पण), लक्ष्मीकान्त कुमार (पी.आर.ओ. समर्पण) राजेश कुमार, लालू तुराहा, आदित्या कुमार तथा इनके साथ बिहार राज्य के दिव्यांग खिलाड़ीगण एवं अन्य अभिभावकगण उपस्थित रहे।

इस सभा में आए हुए सभी अतिथियों और एनजीओ के संचालनकर्ता द्वारा एक स्वर में दिव्यागों के वास्तविक विकास के लिए हुंकार भरा गया। मधुबनी से विधायक समीर कुमार सेठ ने कहा कि समाज में दिव्यांगजनों को हीन दृष्टि से देखा जाता है और इन्हें कमजोर समझा जाता है। आज हमारे जाबाज दिव्यांगजनों ने यह साबित कर दिया है कि वह किसी से कम नहीं है। उन्हें खेल की थोड़ी बहुत सुविधा दी गई, एक अवसर दिया गया और उन्होंने अपने को उत्तम रूप से साबित भी किया। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार बिहार में दिव्यांगजनों के विकास के लिए लगातार कार्यरत और प्रयासरत है परंतु हमे इस विषय पर थोड़ा और ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में वास्तविक तौर पर दिव्यांगजनों का विकास हुआ है। पर राज्य में दिव्यांगो का एक सर्वेक्षण बेहद जरूरी है। जिससे हमे आसानी से राज्य में दिव्यांगजनों की सही संख्या का पता चल पाए और उन तक सरकार सीधे सुविधा पहुंचा सके।

इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इसके लिए किसी विशेष खर्चे की भी जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 के बाद पुनः पूरे भारत में सर्वेक्षण होने जा रहा है इसी दौरान, सरकार एक अलग कॉलम दिव्यांगजनों का बना कर उनकी संख्या आसानी से पता कर सकती है। इसके साथ ही समीर कुमार सेठ ने बिहार में दिव्यांजनों के लिए खेल कॉम्पलेक्स की कमी पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा हमारे युवा दिव्यांगजन इतने कम सुविधा मिलने पर जब इतना अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में अगर उन्हें और अच्छी सुविधाएं मुहैया कराई जाए तो वे और भी अच्छा परिणाम देंगे और पूरे विश्व में भारत को गौरवान्वित करेंगे। इसके लिए हमारी सरकार लगातार प्रयासरत है।

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