जितिया व्रत कब है? 6 या 7 अक्टूबर, देवघर के ज्योतिषी से जानें नहाय खाए और पारण का समय
हिन्दू धर्म में न सिर्फ कई तरह के पर्व मनाए जाते हैं बल्कि व्रत रखे जाते हैं. सभी व्रत का अपना महत्व होता है. इन्हीं में से एक है जितिया व्रत. महिलाएं इस व्रत को पुत्र की प्राप्ति और उसकी लंबी उम्र के लिए रखती हैं. इस दौरान महिलाएं निर्जला व्रत रखती है. बता दें कि जितिया पर्व तीन दिनों तक चलता है. यह नहाय खाय से शुरू होता है. दूसरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है. इसके अलगे दिन पारण किया जाता है. इस बार जितिया पर्व पर शुभ संयोग का भी निर्माण हो रहा है.
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 को बताया कि इस व्रत में महिलाएं निर्जला उपवास रहकर पुत्र की प्राप्ति या उसकी दीर्घायु की कामना करती हैं. जितिया व्रत बहुत कठिन व्रत माना जाता है. यह व्रत 24 घंटे से भी ज्यादा रखा जाता है और इस दौरान पानी तक ग्रहण नहीं किया जाता है. इस साल जितिया व्रत 5 अक्टूबर को प्रारंभ होने जा रहा है और 7 अक्टूबर तक चलेगा. 5 अक्टूबर को नहाय खाए, 6 अक्टूबर व्रत और 7 अक्टूबर को पारण होगा. इसमें जीवित वाहन देवता की पूजा की जाती है. यह व्रत सिर्फ विवाहित स्त्रियां ही रख सकती हैं.
जितिया का शुभ मुहूर्त
पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने बताया कि 5 अक्टूबर नहाय खाए के साथ जितिया पर्व का शुभारंभ होने जा रहा है. इस पर्व में अष्टमी तिथि में निर्जला व्रत रखा जाता है. 6 अक्टूबर सुबह 4 बजे से अष्टमी तिथि प्रारंभ हो रही है. इस तिथि में महिलाओं का निर्जला व्रत प्रारंभ हो जाएगा और अगले दिन यानी 07 अक्टूबर सुबह 10 बजकर 20 मिनट तक व्रत में रहेगी. महिलाएं 7 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 21 मिनट में पारण करें. इस साल जितिया का व्रत कुल 28 घंटे का रहने वाला है.
क्या खाकर करें पारण?
पंडित नंदकिशोर मुद्गल के मुताबिक, हर व्रत के बाद अगले दिन पारण किया जाता है. इसके बाद ही व्रत पूर्ण माना जाता है. जितिया का पारण 7 अक्टूबर की सुबह 10 बजकर 21 मिनट में किया जाएगा. मीठा सरबत पीकर पारण कर सकते हैं. वहीं, जितिया व्रत का पारण में झींगा की सब्जी का महत्व है, इसलिए चावल या रोटी के साथ झींगा की सब्जी खाकर व्रत का पारण करें.
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